
हाईकोर्ट का कमिश्नर को फरमान…रोज शाम देखना होगा शराब दुकान..दिया आदेश..व्यक्तिगत रूप से पेश करें शपथ पत्र..कलेक्टर और पुलिस कप्तान से लें सहयोग
हाईकोर्ट ने कहा..शांति व्यवस्था के लिए करें बल का प्रयोग
बिलासपुर—हाईकोर्ट ने तार बाहर शराब दुकान के कारण महिलाओं और आम जनता को हो रही परेशानियों की खबर को स्व संज्ञान में लेकर प्रशासन को जमकर फटकारा है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि मामले की सुनवाई अब एक महीने बाद होगी। इस दौरान निगम कमिश्नर रोज शाम को शराब दुकान का निरीक्षण करेंगे। 28 फरवरी को व्यक्ति रूप से शपथ पत्र भी पेश करेंगे। कोर्ट ने कहा कि जरूरत पड़ी तो व्यवस्था बनाए जाने को लेकर कलेक्टर और पुलिस कप्तान के सहयोग से पुलिस बल का प्रयोग कर सकेंगे।
बिलासपुर में शराब दुकानों से आम जनता और महिलाओं को हो रही परेशानियों को स्वतः संज्ञान में लेकर जनहित के रूप में सुनवाई का फैसला किया है। जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हां ने प्रशासन से कहा कि समस्या यदि रोज की है तो क्यों ने तारबाहर शराब दुकान कही दूसरे जगह से संचालित किया जाए। चीफ जस्टिस की डीबी ने मामले को गंभीरता से लेने के साथ ही निगम कमिश्नर को आदेश दिया है कि अगली सुनवाई तक निगम कमिश्नर रोज शाम दुकान का निरीक्षण करें। व्यक्तिगत रूप से शपर पत्र भी पेश करें
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की नाराजगी उस समय बढ़ गयी। जब अधिकारियों ने बताया कि देर अण्डरब्रिज होने के कारम हमेशा भीड़ की स्थित होती है। जिसके कारण शराब दुकान की व्यवस्था प्रभावित होती है। अत्यधिक भीड़ होने के कारण कुछ समय के लिए महिलाओं और आमजनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्रशासन का जवाब सुनते ही कोर्ट ने मजकर फटकारा। कोर्ट ने कहा कि जब ऐसी स्थिति हमेशा रहती है तो क्यों न शराब दुकान का संचालन कहीं दूसरी जगह से किया जाए। इसके बाद कोर्ट की मांग पर आबकारी सचिव ने शपथ के साथ जवाब पेश किया। कोर्ट ने फरमान सुनाया कि निगम कमिश्नर प्रतिदिन शराब दुकान का निरीक्षण करेंगे। साथ ही व्यक्तिगत शपथ पत्र भी पेश करेंगे।
बताते चलें कि मामला सिरगिट्टी अण्डरब्रिज के पास स्थित सरकारी शराब दुकान का संचालित किया जाता है। रोज शाम को आस पास भीड़ लग जाती है। इसके चलते महिलाओं समेत आने जाने वालों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और रविन्द्र अग्रवाल की डीबी में हुई। वस्तुस्थित को लेकर आबकारी सचिव ने जवाब पेश किया। जवाब मिलने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि हम आने वाले एक महीन तक दुकान की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। ताकि क्षेत्र से आने जाने वालों को मिल रही परेशानियों को समझा जा सके। इस दौरान कोर्ट ने निगम कमिश्नर को आदेश दिया कि रोज शाम को दुकान का निरीक्षण करें। एक एक गतिविधियों पर नजर रखे। आवश्कता पड़ने पर कलेक्टर और पुलिस कप्तान के सहयोग से शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए बल का उपयोग करें।
निगम को नोटिस जारी कर कोर्ट ने कहा कि स्थिति को लेकर व्यक्तिगत रूप से शपथ पत्र पेश करें। अगली सुनवाई के लिए 28 फरवरी का दिन दिया है।