Bilaspur News

CG NEWS:जमीन स्तर से दूर रह कर .. सिस्टम में सुधार के लिए बनाई गई.. युक्तियुक्तकरण की नीति .. कॉरपोरेट स्तर पर हो रहा सुधार ..?

  • CG NEWS :बिलासपुर: (मनीष जायसवाल)सरकार की एक बड़े सुधार के रूप में पेश की गईशिक्षकों और स्कूलों के युक्ति युतिकरण के नीति नियमों ने सियासत और विरोध का माहौल तैयार कर दिया है। इस नीति के विरोध में अलग अलग बंटे हुए शिक्षक और शिक्षक संघ एकजुट हो सकते हैं..। जिसमे शिक्षको को विपक्षी दलों का साथ और सुहानुभूति मिल सकती है..। वही कुछ लोगो के लिए यह राजनीति और मिडिया में बने रहने का त्यौहार बन कर आया है। स्कूल शिक्षा विभाग के इस युक्ति युतिकरण का तौर तरीका भले ही कॉर्पोरेट जैसा नजर आ रहा हो..। लेकिन सिस्टम सरकारी है..! शिक्षक यह मान कर चल रहे है कि विभाग का जमीनी स्तर के सिस्टम में सुधार के लिए बनाई गई नीतियां .. जमीन से दूर रह कर बनाई गई है जो युक्ति युतिकरण ड्राफ्ट में दिखाई देती हुई नजर आ रही है। इसलिए नीतियों के क्रियान्वन में जो विंगतियां आई है उसे समय रहते सुधार लिया जाए ..।

मालूम हो कि शुक्रवार को युक्ति युतिकरण का ड्राफ्ट सामने आते ही इसे लेकर अतिशेष और प्रभावित होने वाले शिक्षक, प्राइमरी व मिडिल स्कूल के बहुत से प्रधान पाठक सरकार की इस नीति में आई विसंगतियों के विरोध में लाम बन्द होने लगे..। इस योजना के रणनीतिकारों को भी विरोध होने की उम्मीद थी यही वजह है कि हाई कोर्ट छत्तीसगढ़ में इस मामले से जुड़ा एक केवियेट दायर कर दिया गया था।

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अब शिक्षको और स्कूलों के युक्ति युतिकरण का सारा मामला एक नजर में कॉरपोरेट लेवल की तर्ज पर किए जाने वाले प्रबंधन से जुड़ा हुआ समझ आ रहा है..। कहा जाए तो मैन पावर का यूटीलाइजेशन जो संसाधन मौजूद है उसी से नियमों के अधीन रहते हुए.. कुछ नए नियम बना कर.. आर्थिक बचत को ध्यान में रख कर ..व्यवस्था को पटरी में लाते हुए.. बेहतर से बेहतर परिणाम की आस में किया हुआ प्रबंधन है..। जिसमें जवाबदेही, लचीलापन, टीम वर्क और टाइम लिमिट पर विशेष ध्यान दिया गया है ।

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करीब 2014 के बाद अब शुरू हो चुका युक्ति युक्तिकरण एक प्रकार का बड़ा प्रशासनिक फेर बदल है।इसके कागजी घोड़े अब दौड़ने शुरु हो चुके है । इस ड्राफ्ट में अतिशेष शिक्षकों को उनकी सुविधाजनक स्कूलों से हटा कर नई जगह पर भेजने का नियम बनाया गया है।अतिशेष शिक्षको की अब नए सिरे से पदस्थापना काउंसलिंग के जरिए होने वाली है।

इस सरकार ने पूर्व की गलती मानते हुए
एक बार फिर से मिडिल स्कूल में विषय बाध्यता को फिर से प्रचलन में लाने का निर्देश युक्ति युक्तिकरण ड्राफ्ट में दिया है मिडिल स्कूलों के शिक्षकों की पद रचना क्रम अब विषय आधारित होने वाला है। वही स्कूलों में छात्रों की दर्ज संख्या के आधार पर शिक्षको के लिए अतिशेष के नए मानक तय किए गए है।इसमें प्राइमरी व मिडिल स्कूल के बहुत से प्रधान पाठक प्रभावित होने वाले है।इससे ऐसा लग रहा है कि सरकार एक तीर से दो निशाना लगा ‌ रही है

देखा जाए तो युक्ति युक्तिकरण ऐसे अतिशेष शिक्षको के लिए अवसर भी है। जो बड़े समय से तबादले की आस में थे। अब तक असुविधा जनक स्कूलों में सेवा दे रहे है उनके लिए सुविधाजनक स्कूल मिल जाने की स्थिति बनती हुई दिखाई दे रही है ..!

इस युक्ति युतिकरण में अतिशेष होने वाले शिक्षकों की संख्या शासन की ओर से बनाई गई समिति की रिपोर्ट आने के बाद सामने आएगी। ड्राफ्ट को देख अनुमान लगाया जा रहा है इसमें 15 से 20 हजार शिक्षक ही प्रभावित हों सकते है जबकि प्रदेश में शिक्षको की संख्या लगभग दो लाख के आसपास है।

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चुंकि स्कूल शिक्षा विभाग का प्रभार सरकार के मुखियां यानि मुख्यमंत्री के पास है इसलिए व्यवस्था के जिम्मेदार लोग नही चाहते थे कि युक्ति युतिकरण को लागू किए जाने में कोई कमी रह जाए ..!

लेकिन शिक्षकों ने एक के बाद एक कई कमियां निकाल दी है। और योजना पर ही सवाल खड़े कर दिए है। युक्ति युतिकरण के ड्राफ्ट में बहुत सी गलतियां हुई है
जिसका निदान किए बिना इस योजना को लागू किए जाने का मतलब विरोध और न्यायलीन बाधा है। अब यह सरकार किस तरह इस बाधा को पार कर पाती है यह तो भविष्य के तय होगा पर अभी शिक्षकों के बीच इस नीति को लेकर आक्रोश बहुत है।

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