सरपंच,पति और फर्जी उप सरपंच का बड़ा कारनामा…काम न धाम..करोड़ों का घोटाला..मनरेगा रूपयों में बंदरबांट…रोजगार सहायक भी शामिल
पंच और ग्रामीणों की कलेक्टर से फरियाद..बताया..ऐसे हुआ करोड़ों का घोटाला
बिलासपुर— मस्तूरी ब्लाक के सोन ग्राम पंचायत के लोगों ने लिखित शिकायत कर बर्खास्त सरपंच,पति और फर्जी उप सरपंच के खिलाफ करोड़ों रूपयों के घोटाला का आरोप लगाया है। कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ग्रामीणों ने बताया कि घोटाला में रोजगार सहायक भी साथ है। प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जीवाड़ा का अपराध दर्ज होने के बाद सरपंच को शासन ने बर्खास्त कर दिया है। आरोपी सरपंच पति पुलिस से बचने फरार है। इस दौरान आरोपी पंचों और ग्रामीणों को धमकी दे रहा है कि यद शिकायत वापस नहीं लिया तो जान से मार देगा।
करोड़ों रूपयों का बंदरबांट
प्रधानमंत्री आवास में गबन और कमीशनखोरी मामले में फरार सरपंच पति और सोन सरपंच के खिलाफ स्थानीय लोगों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज कराया है। गांव के कुछ पंच और स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से लिखित शिकायत कर बताया कि सरपंच श्यामलता और पति अशोक कैवर्त ने शासन की योजनाओं का बिना क्रियान्यवयन किये करोड़ों रूपयों का बंदरबांट किया है। घोटाला में फर्जी उपसरपंच और रोजगार सहायक की भूमिका अहम् है।
सरपंच और सचिव के हौसले बुलन्द
लिखित शिकायत में पंच धन सिंह कैवर्त समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग पिछले साढे चार साल से सरपंच और सरपंच पति की गुण्डागर्दी और अनियमितताओं का विरोध किया। इसके बाद सरपंच अपने गुंड़ों से कई बार मरवाया और पिटवाया। हमने कई बार कई जंगह घोटालों की शिकायत की। लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई। जिसके चलते उसके हौसले बुलन्द हो गये।
रूपयों के बन्दरबांट में कोटवार भी शामिल
स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में आनलाइन कमीशन लिया गया। कलेक्टर अवनीश शरण ने प्रकरण को गंभीरता से लिया। सरपंच को बर्खास्त करने के बाद सरपंच पति पर एफआईआर दर्ज किया गया। बहरहाल सरपंच अभी पुलिस गिरफ्त से दूर है। लेकिन पंचों और आवास योजना के हितग्राहियों को कोटवार और अन्य लोगों के माध्यम से जान से मारने की धमकी दे रहा है। लगातार दबाव बनाकर शिकायत वापस लेने को कहता है। जिसके कारण लोग परेशान और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
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कार्रवाई के बाद मिली ताकत
पंचों और ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच पति और सरपंच के खिलाफ कार्रवाई के बाद उन्हें ताकत मिली है। सरपंच और सरपंच पति ने पिछले साढे चार साल में जनहित में बिना काम कराए करोड़ों रूपया शासन का आहरण किया है। इसमें फर्जी उप सरपंच जितेन्द्र पटेल और रोजगार सहायक मुकेश यादव की अहम् भूमिका है।
उपसरपंच निकला फर्जी
ग्रामीणों ने बताया कि सोन गांव का उप सरपंच राजकुमार गौड़ चुना गया प्रतिनिधि है। लेकिन सरपंच श्यामलता और पति अशोक कैवर्त के लोगों ने अंधेरे में रखकर जितेन्द्र पटेल को उप सरपंच घोषित कर दिया। बिना राजकुमार को सूचना दिए फर्जी उपसरपंच और अन्य लोगों ने मिलकर बिना काम किये शासकीय राशि निकालकर बंदरबांट किया। एक बैठक में आनलाइन जानकारी हुई कि गांव का वास्तविक उप सरपंच राजकुमार है। जितेन्द्र का नाम नहीं है। इसी समय पता चला कि सरपंच के आदमियों ने जितेन्द्र के साथ मिलकर शासन को करोड़ों रूपया क्षति पहुंचाया है।
बिना काम करोड़ों का घोटाला
नाराज ग्रामीण और साथी पंचों ने बताया कि सरपंच पति, रोजगार सहायक और फर्जी उपसरपंच ने सचिव के साथ मिलकर शासन से करोड़ों रूपया तो लिया..। लेकिन एक भी जनहित का कार्य नहीं कराया। दस्वावेज दिखाते हुए ग्रामीणों बताया कि मनरेगा के तहत बिना काम कराए लाखों रूपयों का बंदरबांट किया है। इसके अलावा प्रत्येक आवास हितग्राहियों से पांच से 10 हजार रूपयों का किश्तवार कमीशन लिया है। कमीशन नहीं देने वालों का नाम काटने की धमकी दिया है। कई हितग्राहियों का आवास की सूची से नाम काट दिया है।
काम नहीं..रूपयों की बन्दबांट
ग्रामीणों के अनुसार सरपंच के इशारे पर बिना काम किए फर्जी बिल बाउचर पेश कर लाखों रूपया निकाला गया। जबकि काम कहीं नहीं कराया गया है। स्लम कार्य के लिए 72 हजार रूपया, नाली सफाई और मरम्मत के लिए 49 हजार, डबरीपारा में मुरूम कार्य में 49 हजार, हैन्ड पम्प मरम्त में 49 हजार, सामुदायिक शोचालय मरम्मत में 49 हजार, रूपयों का आहरण कर सरकारी राशि का बंदरबांट हुआ है।
इसके अलावा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट में दो लाख, हैण्ड पम्प खनन में चार लाख,रोड निर्माण में 1 लाख, मन्च निर्माण में ढाई लाख, स्कूल में पेयजल व्यवस्था पर 25 हजार समेत कई कार्यों में फर्जीबिल पेश कर लाखों रूपयों की उगाही हुई है। जबकि एक भी काम नहीं कराया गया है।
ग्रामीणों के अनुसार सरपंच ने कोविड काल में ढाई लाख खर्च होना बताया है। इसके अलावा पैरा कलेक्शन में करीब 5 लाख सरकारी रूपया का गबन किया है।
कठोर कार्रवाई की मांग..थाना घेराव की धमकी
ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच पति फरार है। लगातार धमकी दे रहा है। सरपंच श्यामलता भी इसमें शामिल है। यदि दोनों के अलावा रोजगार सहायक मुकेश यादव, फर्जी उप सरपंच राजकुमार गौड़ के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होने पर हम मिलकर थाना और एसडीएम कार्यालय का घेराव करेंगे।