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ग्रामीणों ने किया महावीर कोलवाशरी का विरोध…पंच सरपंच ने की शिकायत…प्रबंधन ने फर्जीवाड़ा कर आदिवासियों की जमीन पर किया कब्जा
ग्रामीणों का आरोप..फर्जीवाड़ा कर आदिवासियों की जमीन पर कब्जा
बिलासपुर—-प्रस्तावित महावीर कोलवाशरी प्लान्ट के खिलाफ खरगहनी समेत आस पास के ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर विरोध जाहिर किया है। लिखित शिकायत में ग्रामीण समेत पंच और सरपंच ने क्षेत्र में ना केवल महावीर कोलवाशरी बल्कि किसी भी प्रकार का कोल प्लान्ट खोले जाने का विरोध किया है। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में पेसा एक्ट कार्यशील है। प्रबंधन ने बिना अनुमति फर्जीवा़डा कर आदिवासियों की जमीन खरीदा है। सरकारी,निस्तारी समेत कोटवारी जमीन को भी वाशरी प्रबंधन ने हड़प लिया है। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी जाती है। ग्रामीणों ने कलेक्टर को यह भी बताया कि पूर्व में मामले में सीमांकन का आदेश दिया गया था। बावजूद इसके अभी तक जांच की दिशा में एक भी कदम नहीं चला गया है।
महावीर कोलवाशरी के खिलाफ खरगहनी समेत आस पास के ग्रामीणों ने अवैध निर्माण और वाशरी खोले जाने का विरोध किया है। पंच सरपंच पूर्व सरपंच समेत ग्रामीणों ने कलेक्टर से लिखित शिकायत किया है। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में पेसा एक्ट कार्यशील है। क्षेत्र में किसी प्रकार के औद्योगित ईकाई खोलने से पहले शासन की अनुमति जरूरी है। लेकिन यहां पेसा एक्ट का पालन नहीं किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने जमीन संबधित जरूरी दस्तावेज पेश कर बताया कि खरगहनी पथर्रा में महावीर कोलवाशरी प्रबंधन ने करीब 52 एकड़ जमीन आदिवासियों से खरीदा है। बिना कलेक्टर के आदेश पर आदिवासियों की जमीन खरीदना असंभव है। बावजूद इसके फर्जीवा़ड़ा कर तथाकथित आदिवासी के नाम पर अलग अलग आदिवासियों से न केवल जमीन खरीदा। बल्कि प्रशासन को झांसा देकर तथाकथित आदिवासी से 47 एकड़ जमीन वाशरी प्रबंधन ने खरीद लिया। इसके अलावा निस्तारी और कोटवारी जमीन को भी हड़प लिया।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछली बार शिकायत के बाद उच्च स्तरीय टीम को सीमांकन का आदेश दिया गया। आज तक सीमांकन की कार्रवाई नहीं हुई है। और अब प्रबंधन ने बिना अनुमति निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है। सीमांकन की मांग अवैध निर्माण का विरोध करने पर प्रबंधन की तरफ से जान से मारने की धमकी दी जा रही है। प्रबंधन के अधिकारी प्रशासन को जेब में रखने की बात करते हैं। स्थानीय लोगों के साथ गाली गलौच भी करते हैं।
यदि कोलवाशरी के अवैध निर्माण को नहीं रोका गया तो पुरजोर विरोध किया जाएगा। कानून व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति में सीधे तौर पर प्रशासन जिम्मेदार होगा।