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नहीं बजा डीजे का डंका…घर से नहीं निकले बदमाश…व्यवस्था की पीठ थप थपाकर….बैकुण्ठ धाम लौट गये भगवान एकदन्त

बहुत दिनों बाद परम्परागत तरीके से भगवान गणेश का विसर्जन

बिलासपुर—बहुत दिनो बाद मतलब कम से कम एक दशक बाद बिलासुपर वासियों ने गणेश चतुर्थी का पर्व बहुत ही शान्तिपूर्ण वातावरण में मनाया। शहर वासियों ने विश्वास जाहिर किया है कि प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी गणेश चतुर्थी का पर्व शान्तिपूर्ण वातावरण मनाया गया होगा। सबसे बड़ी बात की इस बार संभ्रात परिवार के लोग सालों बाद भगवान गणेश का दर्शन करने गाड़ी छोड़़कर घर से पैदल निकले। कमोबेश सभी ने मनोवांछित वरदान के साथ ही आने वाले समय में प्रत्येक पर्व पर इसी प्रकार की शांति व्यवस्था बनाकर रखने का आशीर्वाद मांगा। यद्यपि विसर्जन के दिन झांकियों का नजारा देखने को नहीं मिला। लेकिन परम्परागत तरीके से ठोल नंगाड़ा बजाकर भगवान को विदा करने की भूली बिसरी परम्परा का लोगों ने जमकर आनन्द उठाया। लोगों ने खुशी भी जाहिर किया कि बेहतर पुलिस व्यवस्था के कारण ही आसामाजिक तत्वों को घर से नहीं निकलने का मौका नहीं मिला।

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संभ्रात परिवार के लोग घर से निकले

 

सालों बाद बिलासपुर में गणेश चतुर्थी का पर्व शांतिपूर्ण वातावरण में मनाया गया। बहुत दिनों बाद शहर वासियों ने महसूस किया कि हमेशा कि तरह किसी भी पर्व के पहले शांति समिति की होने वाली बैठक इस बार सार्थक साबित हुई है। गणेश स्थापना के बाद गणेश विसर्जन के दिन तक आम और खास घर के लोगों ने परिवार के साथ घजगह जगह स्थापित गणेश पण्डाल पहुंचकर शांतिपूर्ण वातावरण में पूजा पाठ किया। पुलिस व्यवस्था पर विश्वास जाहिर किया।

 

सालों बाद लिया पर्व का आनन्द

 

शहर की सबसे पुरानी बसाहट किलावार्ड जूना बिलासपुर निवासी पेशे से वकील विरे्द्र तिवारी ने बताया कि दुर्गा पुूजा,गणेश चतुर्थी, दीवाली, दशहरा उमंग, उत्साह और आस्था का पर्व है। सभी को पर्व का इंतजार रहता है। लेकिन बाजारीकरण और आधुनिकीकरण  से हमारी आस्था को चोट पहुंची है।  सालों बाद इस बार घर के सदस्यों ने किसी बड़े पर्व पर  राहत महसूस किया है। चूंकि उनका घर विसर्जन स्थल के बहुत ही नजदीक है। हर साल  इस दिन  हम लोगों को कोलाहाल के चलते रात जगा के लिए मजबूर होना पड़ता है।लेकिन इस बार डीजे नहीं बजने से परिवार को राहत मिली है। लोगों ने परम्परागत तरीके से  भगवान गणेश को विदा किया है। निश्चित रूप से भगवान गणेश भी खुश होंगे।

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शहर को मिली कोलाहाल से राहत

 

             पुलिस की चाक चौबन्द व्यवस्था के कारण अपराधिक प्रवत्ति के लोग भगवान गणेश का दर्शन करने घर से नहीं निकले। डीजे पर अंकुश होेने के कारण दारूबाजों ने भी त्योहार से दूरी बनाकर रखा। कोलाहाल और असामाजिक तत्वों से प्रताड़ित लोगों ने परिवार के साथ ना केवल भगवान गणेश का दर्शन किया।  बल्कि आने वाले पर्वों में इसी तरह शांति व्यवस्था बनाकर रखने का वरदान मांगा है। विरेन्द्र ने बताया कि मैने खुद ऐसा ही आशीर्वाद मांगा है।

 

चांटीडीह नवासी श्रीवास ने बताया कि इस बार ऐसा लगा कि हमारे शहर में असामाजिक तत्वों का कहीं नाम ही नहीं है। इसके पहले परिवार के सदस्य जब भी दर्शन करने बाहर निकलते..तो उनके लौटने तक चिंता बनी रहती थी। देर रात तक शहर के किसी ना किसी कोने में अपराधिक गतिविधियों की जानकारी मिल जाती थी। लेकिन इस बार पुलिस ने बहुत ही खास वातावरण तैयार किया। अेतिम दिन ज्यादा से ज्यादा शहरवासियों ने गणेश प्रतिमा का दर्शन किया। परिवार के साथ गणेश विसर्जन कार्यक्रम में हिस्सा भी लिया।

 

पुलिस की कड़ाई डीजे कारोबार को झटका

 

       गोलबाजार बाजार के एक व्यापारी ने बताया कि मैेने विसर्जन के दिन कोई ना कोई बड़ा अपराध होना सामन्य माना जाता था। लेकिन इस बार गणेश विसर्जन का पर्व बहुत शांति पूर्ण वातावरण में मनाया गया.।  एक अन्य काबोबारी ने बताया कि हर बार डीजे और गाड़ी के लिए हमें समितियों के दबाव में ना चाहकर भी मोटा चंदा देना पड़ता था। इस बार ऐसा कुछ हुआ नहीं। पुलिस और प्रशासन ने आदेश जारी कर डीजे पर लगाम दिया था। साथ ही बड़ी गाड़ियों को भी प्रतिबंधित किया। बदमाशों को अन्दर डाला। जो बचे उन्हें औकात में रहने का निर्देश दिया।  इस बार कोई हादसा भी सुनाई नहीं दिया है। व्यवसायी ने बताया कि पुलिस चाहे तो व्यवस्था एक दिन में सुधर सकती है। जैसा की इस बार देखने को मिला।

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           डृीजे कारोबारी ने बताया कि  ऊंची आवाज में डीजे बचाना ठीक नहीं है। लेकिन हमारी रोजी रोटी भी इसी से है। पुलिस और प्रशासन की कड़ाई से निश्चित रूप से नुकसान हुआ है। लेकिन लोगों ने पर्व  शांति से मनाया।

 

सामाजिक सेवा से जुड़े शहर के एक प्रतिष्ठित नागरिक ने बताया कि जिले में बहुत ऐसे परिवार मिल जाएंगे। जिन्हें कोलाहाल से नफरत है। इसी कोलाहाल में चार साल पहले हमारे परिवार के एक सदस्यी हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। इस बार सब कुछ शांत रहा। इसके लिए प्रशासन को धन्यवाद देता हूं।

 

परम्परागत वाद्य यंत्रों की कमाई

 

ठोल नंगाड़ा बजाने वाले एक कलाकार ने बताया कि डीजे पर लगाम लगने से उन्हें फायदा हुआ है। ठीक ठाक कमाई भी हुई है। लोग हाथ ढेला से भगवान गणेश को श्रद्धा के साथ विसर्जन करने गये। सभी ने आस्था के साथ भगवान को बैकुण्ठ धाम रवाना कर आशीर्वाद मांगा है।

 

उठाया जाएगा सख्त कदम

       पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सब कुछ संभव है। यदि पुलिस के अधिकारी चाह भर लें। इस बार किसी तरह का राजनैतिक दबाव नहीं रहा। सामाजिक तत्वों को सख्त चेतावनी दी गयी थी। जनता ने भी पुलिस का साथ दिया। सभी ने गणेश उत्सव पर्व मिलजुलकर मनाया। आने वाले समय में रणनीति के तहत काम किया जाएगा। लोगों की खुशिया को ग्रहण लगाने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा।

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