
SBR कालेज मैदान सरकार की सम्पत्ति…सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला..ट्र्स्ट का कोई अधिकार नहीं..खरीददार चाहें तो वापस ले सकते हैं रूपया
सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआर मैदान को बताया महाविद्यालय की सम्पत्ती
बिलासपुर—सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआर कालेज मैदान पर बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसबीआर मैदान की जमीन पर ट्र्स्ट का नहीं शासन का अधिकार है। बिलासपुर हाईकोर्ट डबल बैंच के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगाते हुए एसबीआर मैदान के खरीददारों की दोनों याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया कि जमीन खरीददार चाहे तो विक्रेता से रूपया वापस ले सकते हैं। बताते चलें कि हाईकोर्ट से फैेसला आने के बाद मामले में अमित बजाज,अतुल बजाज,सुमित बजाज और संतोष बजाज ने केविएट दाखिल किया था। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई 16 जनवरी को न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायाधीश कोटेश्वर ने दायर दोनो स्पेशनल लीव पीटिशन को खारिज कर दिया।
एसबीआर कालेज मैदान पर मालिकाना हक को लेकर हाईकोर्ट फैसले के खिलाफ दायर दो स्पेशल लीव पीटिशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। छत्तीसगढ हाईकोर्ट डबल बैंच ने एसबीआर कालेज मैदान की जमीन का फैसला अमित बजाज,अतुल बजाज,सुमित और संतोष बजाज के पक्ष में सुनाया था। फैसले के खिलाफ मैदान की भूमि को खरीदने वाले 11 लोगों के अलावा ट्र्स्ट की तरफ से कमल बजाज ने सुप्रीम कोर्ट में अलग अलग याचिका दायर किया। मामले की सुनवाई 16 जनवरी को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस कोटेश्वर के अदालत में हुई।
हाईकोर्ट फैसले के खिलाफ 11 लोगों समेत ट्र्स्ट की तरफ से देश के ख्याति प्राप्त वकील अभिषेक मनु सिंघवी और पद्मेश मिश्रा ने पैरवी की। अतुत बजाज और अन्य की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीधर पोटाराजू ने तर्क पेश किया। कोर्ट के सामने दस्तावेज पेश कर दोनों पक्षों ने कालेज मैदान को लेकर दलील दी। याचिका पेश करने वालों ने जमीन को अपना बताया। अतुल बजाज के वकील ने दावा किया कि मैदान सरकारी है। ।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि साल 1944 में ट्रस्टी ने करीब 40 एकड़ जमीन जनहित में दान किया। यह जानते हुए भी कि इतनी जमीन दान करने के बाद तत्कालीन समय उनके लिए दो एकड़ जमीन बचाने का सवाल ही नहीं है। तमाम दस्तावेज और तर्क से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट डबल बैंच का फैसला संतोष जनक है। जमीन पर शासन का अधिकार है। और मैदान कालेज का अभिन्न हिस्सा भी है। इसलिए हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए दोनो याचिका को खारिज किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि खरीददार चाहे तो विक्रेता से राशि वापस ले सकते हैं।
जमीन खरीददारों के नाम
1) सौरभ सोनछात्रा,2) शिशिर सोनछात्रा,3)रूपेश सराफ,4) अजय कुमार जायसवाल, 5) गुरूविन्दर सिंह भाटिया,6) सुमित कौर भाटिया, 7) बलबीर कौर भाटिया, 8) अमनदीप सिंह 9) अरविन्द कुमार भानुशाली, 10) दीपक अग्रवाल, 11) मीनल भानुशाली। विक्रेता का नाम ट्रस्टी कमल बजाज है।