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मोदी ने किया क्रांतिकारी फैसला…उप मुख्यमंत्री साव ने कहा…हुकुमत के लिए अंग्रेजों ने बनाया कानून..मोदी ने किया न्याय
किसी भी सरकार में हिम्मत नहीं थी..लेकिन मोदी ने कर दिखाया
बिलासपुर—तीन नए कानून पर अमल स्वतंत्र भारत का क्रांतिकारी निर्णय है। तीनों नए कानून देश की न्यायिक सुधार की दिशा में उठाया गया बहुत बड़ा कदम है। पुराने कानून में में सुधार की बहुत जरूरत थी। लेकिन इसके बदलने में किसी सरकार ने हिम्मत नहीं की। यह बातें आंजनेय विश्वविध्यालय में आयोजित नेशनल कांफ्रेन्स के समापन कार्यक्रम के दौरान उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने कही।
उप मुख्यमंत्री, विधि एवं विधाई कार्य मंत्री अरुण साव रविवार को रायपुर स्थित आंजनेय विश्वविद्यालय के कार्यक्रम ‘डिकोडिंग द चैलेंजेस ऑफ इंडियास न्यू क्रिमिनल लॉज’विषय पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत किय। मुख्य अतिथि अरूण साव ने समारोह को संबोधित किया। उन्होने कहा कि देश में तीन नए कानूनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता पर अमल भारत सरकार का क्रांतिकारी निर्णय है। लोगों को त्वरित न्याय दिलाने और देश की न्यायिक व्यवस्था में सुधार की दिशा में बहुत बड़ा कदम है। पुराने कानूनों में सुधार की जरूरत काफी लंबे समय से महसूस की जा रही थी। लेकन इन्हें बदलने देश के किसी भी सरकार ने हिम्मत और हौसला नहीं दिखाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्र भारत का क्रांतिकारी निर्णय लेते हुए 1 जुलाई 2024 से नए कानूनों को देश में लागू कराया।
उप मुख्यमंत्री साव ने कॉन्फ्रेंस में उत्कृष्ट शोध प्रस्तुत करने वाले शोधार्थियों और प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। 2 अगस्त से प्रारंभ हुए तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में देश भर के कानूनी विशेषज्ञों, न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं, शिक्षाविदों और शोधार्थियों ने शिरकत किया। सभी तीन दिनों तक डिकोडिंग द चैलेंजेस ऑफ इंडियास न्यू क्रिमिनल लॉज’ पर मंथन किया।
साव ने बताया कि वर्तमान समय की जरूरत, नागरिकों को जल्दी न्याय दिलाने, जांच और न्याय की प्रकिया में वैज्ञानिक तकनीकों, डिजिटल व इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के प्रावधानों को शामिल करने तीन नए कानूनों को प्रभावशील किया गया है। भारतीय न्याय संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में आवश्यक संशोधन कर देश की आजादी के पहले के अप्रासंगिक औपनिवेशिक कानूनों में बदलाव किया गया है। अंग्रेजों ने भारतीयों पर शासन करने और दंड देने के लिए पुराने कानून बनाए थे। , जबकि नए कानूनों का उद्देश्य नागरिकों को न्याय दिलाना है।
साव ने कहा कि नए कानूनों से आपराधिक मामलों की जांच और सुनवाई में तेजी आएगी। आधुनिक प्रावधानों के साथ साक्ष्य संग्रह और प्रस्तुतीकरण में सुधार होगा। नया अधिनियम डिजिटल साक्ष्य और तकनीकी उपकरणों के उपयोग को प्रोत्साहित करेगा। तीनों नए कानूनों को नागरिकों की वर्तमान जरूरतों और आकांक्षाओं के अनुरूप बनाया गया है। न्याय प्रणाली जनता के लिए अधिक प्रासंगिक और उपयोगी होगी। यह नून आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार लाने के साथ ही समाज में न्याय और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा। नेशनल कॉन्फ्रेंस के समापन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे साव ने आज विश्वविद्यालय परिसर में आंवला का पौधा भी लगाया।