Religion

Mahakumbh: प्रयाग के घाटों का अपना अलग-अलग महत्व है

Mahakumbh।प्रयागराज में सोमवार से महाकुंभ का आयोजन हो चुका है। ऐसे में लाखों लोग यहां आ रहे हैं और स्नान कर रहे हैं। सुबह 7.30 तक 35 लाख लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं। महाकुंभ में शाही स्नान के दिन का अलग ही महत्व है।

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Mahakumbh।प्रयागराज में त्रिवेणी की वजह से प्रयागराज में महाकुंभ का अलग ही महत्व है। यहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती तीन नदियों का संगम है।

ऐतिहासिक ग्रंथों में संगम के पवित्र घाटों का धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व बताया गया है। अगर आप भी महाकुंभ में डुबकी लगाने जा रहे हैं तो इन पवित्र घाटों में महत्व जरूर जानें।

संगम घाट

प्रयागराज में संगम घाट त्रिवेणी के प्रमुख घाटों में से एक है। महाकुंभ के दौरान यह घाट आस्था और आकर्षण का मुख्य केंद्र रहता है क्योंकि इस घाट पर तीन नदियों का संगम यानी मिलन होता। धार्मिक मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान जो लोग इस घाट पर स्नान करते हैं तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

हांडी घाट प्रयागराज के प्राचीन घाटों में से एक है। यह घाट सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए खासा मशहूर है। इस घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं को शांत लहरों का सौंदर्य दृश्य देखने को मिलेगा।

दशाश्वमेध घाट

दशाश्वमेध घाट प्रयागराज के पवित्र घाटों में से एक हैं, इस घाट का जिक्र पौरौणिक कथाओं में भी किया गया है, इस कारण इसका धार्मिक और पौराणिक दृष्टि के अलग ही महत्व है।

कहा जाता है कि इस घाट पर स्वंय ब्रह्मा जी ने 10 अश्वमेध यज्ञ किए थे। इस घाट पर महाकुंभ के दौरान गंगा आरती और पूजा होती है।

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