
CG NEWS:साहब जी…! बिलासपुर शहर में रात के अँधेरे में कौन काट रहा है सड़क किनारे के हरे-भरे पेड़…? “औचक निरीक्षण” के रेंज में नहीं आती क्या यह सड़क…?
CG NEWS:जंगलों में हो रही पेड़ों की कटाई का विरोध करने के लिए वहां के लोग सामने आ रहे हैं….। लेकिन न्यायधानी की पहचान रखने वाले बिलासपुर जैसे बड़े शहर में पेड़ कट जाते हैं तो लोगों को जब पता भी नहीं चलता…. फिर विरोध कहां.. कैसे.. कब होगा.. और कौन करेगा…. ? इस तरह के सवाल किसी के भी दिमाग में उठ सकते हैं यदि वह बिलासपुर में मुंगेली रोड पर मंगला चौक से कुछ आगे सड़क किनारे कटे पड़े पेड़ों को इस नजरिए से देखे…।जहां रात के समय पता नहीं कौन आकर सड़क किनारे खड़े बेकसूर हरे – भरे पेड़ों को बेरहमी से काट जाता है। इसकी ठूंठ अभी भी देखी जा सकती है और कटे हुए पेड़ों की टहनियां भी सड़क किनारे पड़ी है। लेकिन “औचक निरीक्षण” के नाम पर सुर्खियां बटोर रहे प्रशासन की आंखों में यह नहीं दिखाई देता है।
सड़क किनारे ,गली- मोहल्ले में हरे- भरे पेड़ बिलासपुर शहर की खासियत है। आज “औचक निरीक्षण” को “पूरी परिक्रमा” मानकर तमगा लिए प्रशासन में बैठे लोगों को शायद यह नहीं मालूम होगा की कई सरकारी और गैर सरकारी अफसर बिलासपुर शहर में हरियाली की इस खूबी की वजह से ही रिटायरमेंट के बाद इस शहर में बसना चाहते हैं। अभी भी शहर के भीतरी और बाहरी हिस्से में सड़क के किनारे हर-भरे पेड़ दिखाई देते हैं।हालांकि बीच के कुछ समय में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर बरसों पुराने पेड़ों की बलि ले ली गई और उनकी जगह आज तक खाली है। लिंक रोड इसका सबसे बड़ा उदाहरण है । सड़कों के किनारे खड़े हरे भरे पेड़ लोगों को छाया भी देते हैं और बेतहाशा गर्मी से राहत भी देते हैं। लेकिन इन हरे भरे पेड़ों पर किनकी नजर लगी है यह समझना कठिन है। जिसके चलते जब जिसकी मर्जी आती है पेड़ काट लेता है और कोई उसे नहीं रोकता। लोग बताते हैं कि हर एक मुख्य सड़क के किनारे बस रहे बाज़ार और चंद महीनों में आकार ले रहे शॉपिंग काम्प्लेक्स वालों को सबसे अधिक इन पेड़ों से दिक़्कत होती है। जिन्हे शायद लगता है कि पेड़ की वज़ह से उनके कॉम्प्लेक्स की खूबसरती दब जाती है।लिहाज़ा वे इन बेकसूर पेड़ों को निशाना बनाते हैं।
बहरहाल ऐसे समय में जब जंगल में चल रही पेड़ों की कटाई के विरोध में वहां के वाशिंदे सामने आते हैं और प्रशासन से मुकाबला करते हुए खबरें सुर्खियां बनती है। ऐसे ही समय में बिलासपुर शहर में मुंगेली रोड पर मंगला चौक से कुछ आगे जाकर कोई भी यह देख सकता है कि यहां भी सड़क किनारे खड़े बेकसूर पेड़ काटे जा रहे हैं । आसपास लोगों ने बताया कि इन पेड़ों से किसी को कोई दिक्कत नहीं है ।लेकिन पता नहीं कौन रात में आता है पेड़ काट जाता है । जिस समय यह खबर लिखी जा रही है उस समय भी सड़क किनारे कटे हुए पेड़ की ठूंठ देखी जा सकती है। लेकिन व्यवस्था के जिम्मेदार जिन लोगों ने हाल ही में जिस सड़क का चौड़ीकरण किया है और बिलासपुर शहर की बेहतरीन सड़क का नाम दिया जा रहा है, उन लोगों को भी उसी सड़क पर चल रही पेड़ों की कटाई नजर नहीं आ रही है। शहर के लोगों को भी इस बात से बहुत अधिक मतलब नहीं है कि कोई हरियाली को निशाने पर ले रहा है। सबक उनसे भी लेने की जरूरत महसूस नहीं हो रही है जो यह कह कर जंगल की लड़ाई का विरोध कर रहे हैं कि इसे हमारे पुरखों ने लगाया है…… काटने वाले लोगों के पुरखों ने नहीं लगाया है। ऐसे गंभीर मामले में शहर के राजनीतिक- सामाजिक संगठनों की चुप्पी भी हैरत में डालती है। यह चुप्पी नहीं टूटी तो यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।