CG NEWS: BJP के पांच बड़े नेता तय करेंगे मेयर केंडीडेट का नाम…! लेकिन चलेगी किसकी…. ?
CG NEWS:बिलासपुर नगर निगम महापौर का पद अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए रिजर्व होने के बाद हलचल तेज हो गई है। दावेदारों के नाम चर्चा में आ रहे हैं। इस बीच एक अहम सवाल यह है कि इस बार बीजेपी महापौर पद के लिए किसे अपना उम्मीदवार बनाएगी..? बदले हुए हालात में दिलचस्प तस्वीर यह है कि बिलासपुर नगर निगम के 70 वार्ड पांच विधानसभा क्षेत्रों में फैले हुए हैं। ज़ाहिर है इन विधानसभा क्षेत्रों के दिग्गज बीजेपी नेताओं के बीच तालमेल से कोई नाम तय होगा । लेकिन आधे से अधिक वार्ड बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। ऐसी सूरत में पूर्व मंत्री, भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिलासपुर शहर के विधायक अमर अग्रवाल की भूमिका अहम मानी जा रही है।
2019 के मुकाबले इस बार नगर निगम चुनाव में बहुत सी चीजें बदल गई है। बिलासपुर नगर निगम में 2019 में भी 70 वार्ड थे। आसपास के गांव को नगर निगम में शामिल किए जाने के बाद एक आम चुनाव हो चुका है। लेकिन 2019 में महापौर का चुनाव मतदाताओं के वोट से नहीं कराया गया था। बल्कि 70 वार्डो से निर्वाचित पार्षदों के बहुमत के आधार पर महापौर का चुनाव हुआ था। उस समय बिलासपुर नगर निगम महापौर का पद अनारक्षित था। तब कांग्रेस के रामशरण यादव महापौर चुन लिए गए थे । इस बार फिर मतदाताओं के प्रत्यक्ष मतदान के जरिए महापौर का चुनाव कराया जा रहा है। लिहाज़ा मेयर पद को लेकर चुनाव के ऐलान से पहले ही रस्साकशी शुरू हो गई है।
बिलासपुर नगर निगम का चुनाव इस वजह से भी दिलचस्प हो गया है। गांवों को शामिल किए जाने के बाद पहली बार प्रत्यक्ष मतदान से महापौर का चुनाव हो रहा है। ऐसे में बिलासपुर शहर के साथ ही निगम में शामिल गांवों के भी नेता दावेदारी कर रहे हैं। जाहिर सी बात है कि 2019 के चुनाव में पार्षद पद के लिए उन इलाकों के नेता निर्वाचित हुए थे। लेकिन इस बार महापौर पद के लिए भी उनकी दावेदारी स्वाभाविक रूप से सामने आ रही है । बिलासपुर नगर निगम महापौर का पद अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए रिजर्व किया गया है। प्रदेश में बीजेपी की सरकार होने की वज़ह से विकास और बेहतर तालमेल के हिसाब से संभावनाओं को इस पार्टी से जोड़कर देखा जा रहा है। जिसके चलते बीजेपी में मेयर पद के दावेदारों में उत्साह अधिक नज़र आ रहा है। ऐसे में सबसे दिलचस्प सवाल है कि मेयर पद के लिए बीजेपी का उम्मीदवार कौन बनेगा ….? प्रदेश में सरकार चला रही भाजपा की तरफ लोग जिज्ञासा के साथ देख रहे हैं। चूंकी बिलासपुर नगर निगम के 70 वार्ड बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र सहित बेलतरा , मस्तूरी, बिल्हा और तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में भी फैले हुए हैं। जाहिर सी बात है मेयर उम्मीदवार का नाम तय करते समय बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल सहित बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला, बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह की अहम भूमिका मानी जा रही है ।मस्तूरी इलाके से भले ही पूर्व मंत्री डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी चुनाव हार गए हैं। लेकिन उनकी राय भी अहम मानी जा रही है। ऐसे में दिग्गज नेताओं के बीच तालमेल के जरिए ही बिलासपुर नगर निगम में बीजेपी किसी नाम पर मुहर लगाएगी।
हालांकि बीजेपी की ओर से पार्षद से लेकर महापौर तक उम्मीदवारों के चयन को लेकर एक प्रक्रिया तय की गई है और कमेटियां बना दी गई है। पर्यवेक्षक भी तय किए गए हैं। जिसके मुताबिक भाजपा संगठन में मंडल और जिला इकाइयों के जरिए नाम के पैनल भेजे जा रहे हैं। जिस पर संगठन फैसला करेगा। जहां तक विधानसभा क्षेत्रों में बंटे वार्डों की संख्या का सवाल है – बिलासपुर नगर निगम के 70 वार्डों में आधे से अधिक यानी 38 वार्ड बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र में है। 17 वार्ड बेलतरा विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। 9 वार्ड बिल्हा विधानसभा क्षेत्र में है, चार वार्ड तखतपुर विधानसभा क्षेत्र में आते हैं और दो वार्ड मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत हैं।
सियासी हल्कों में माना जा रहा है कि सबसे अधिक 38 वार्ड बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र में होने की वजह से यहां के दिग्गज नेता पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक अमर अग्रवाल की भूमिका सबसे अहम हो सकती है ।ऐसे में बिलासपुर नगर निगम महापौर पद के लिए उम्मीदवार का नाम अमर अग्रवाल की पसंद से तय हो सकता है । अमर अग्रवाल की अगुवाई में इसके पहले 1999,
2004, 2009, 2014 और 2019 में भी नगर निगम के चुनाव कराए जा चुके हैं। जिसमें एक चुनाव को छोड़कर सभी चुनावों में बीजेपी को कामयाबी मिली है। उनके पुराने तजुर्बे और शहरी इलाक़े में वोटर के बीच असर को देखते हुए इस बार भी पार्टी अमर अग्रवाल पर भरोसा कर किसी उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगाएगी ऐसी उम्मीद राजनीतिक गलियारों में की जा रही है।
पार्टी संगठन की अंदरुनी कवायद के बावजूद नेताओं की राय को अहमियत दिए जाने का रिवाज रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी निकाय चुनाव में भी अपने पुराने अनुभवी नेताओं को कितना अहमियत देगी और किस किस नेता की चलेगी…. यह तो उम्मीदवारों की लिस्ट देखने के बाद ही सामने आएगा।।