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नेशनल ड्रग तस्कर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई…20 साल में करोड़ों की कमाई..13 दिनों में राजसात…कोर्ट की मुहर पर अलग अलग राज्यों में सम्पत्ति सील
इण्ड टू इण्ड इन्वेस्टिगेशन..करोड़ों की सम्पत्ति सील
बिलासपुर–नशीले इंजेक्शन और ड्रग का अवैध अन्तर्राज्यीय कारोबारी सूच्चा उर्फ संजीव छावाड़ा इन दिनों पुलिस हिरासत में है। पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने खुलासा किया कि सुच्चा सिंह ने 20 सालों में ड्रग के अवैध कारोबार से करोड़ों की सम्पत्ति बनाया। आरोपी की सम्पत्ति जब्ती कार्रवाई को लेकर सफेमा कोर्ट मुम्बई महाराष्ट्र को प्रतिवेदन भेजा गया। कोर्ट से अनुमति के बाद सुच्चा सिंह की देश के अलग अलग राज्यों छत्तीसगढ़ समेत मध्यप्रदेश,,महाराष्ट्र,उत्तरप्रदेश , हरियाण में बनाई गयी संपत्ति को मात्र 13 दिनों के भीतर राजसात किया है।
देश के कई राज्यों में सम्पत्ति
पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि संजीव उर्फ सूच्चा छाबडा के खिलाफ .थाना सरकण्डा, सिविल लाईन में एनडीपीएस एक्ट का अपराध दर्ज किया गया था। मामले में अभियान चलाकर आरोपी संजीव कुमार छाबडा को जबलपुर से गिरप्तार किया गया। न्यायालय में पेश कर जेल दाखिल कराया गया। पुलिस कप्तान ने बताया कि इण्ड टु इण्ड विवेचना के दौरान फाईनेशियल इनवेस्टीगेंशन के दौरान जानकारी मिली कि आरोपी ने ड्रग सप्ताई कर छत्तीसगढ समेत देश के अलग-अलग राज्यों मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश हरियाणा के शहरों में करोड़ों की सम्पत्ति बनाया है। सभी सम्पत्ति की पहचान कर एनडीपीएस एक्ट के प्रवधानो के तहत जब्ती की कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
इंजेक्शन सप्लाई का तरीका-
रजनेश सिंह ने जानकारी दी कि कोतवाली पुलिस ने करीब 7200 नशीली टेबलेट बरामद किया था। प्रकरण में आरोपी सुच्चा सिंह के खिलाफ अपराध दर्ज किया। गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी शहर छोडकर लगातार ठिकाना बदलता रहा। ग्राम मौदा नागपुर महाराष्ट्र को अपना ठिकाना बनाया। और लोगों को बताया कि वह कान्ट्रेक्टर का काम करता है। लेकिन इसके पीछे आरोपी छत्तीसगढ़ में मादक पदार्थ इंजेक्शन का कारोबार संचालित करता था। बिलासपुर में बंटी गहेरवार की पत्नी अकांक्षा लासरे, अंजली गेंदले और भाठापारा निवासी बुगाला उर्फ बृजलाल कुर्रे के माध्यम से नशे के अवुध कारोबार को संचालित करता था। नशीली दवाइोयों को डाक और बस के माध्यम से तखतपुर, रायपुर, बालाघाट,भेजता था। और नशे की कमाई को जमीन और शेयर मार्केट में लगाता था ।
अर्जित संपत्ति को वैध करने का तरीका-
रजनेश सिंह ने बताया कि आरोपी संजीव कुमार छाबडा का अलग-अलग बैंको में खाता है। रकम को छिपाने के लिए आरोपी ने छाबडा कन्ट्रक्शन के नाम से बिलासपुर स्थित टिकरापार में फर्म तैयार किया। जॉच के दौरान पाया गया कि आरोपी का टिकरापारा में कोई फर्म नहीं है। आयकर विभाग से जानकारी मिली कि फर्म से किसी प्रकार का व्यावसाय नहीं किया गया है। बावजूद इसके फर्म के खाते में करोडो रूपये का लेन-देन हुआ है। अलग–अलग राज्यो में दुकान, जमीन, मकान तैयार किया है।
सफेमा कोर्ट को प्रतिवेदन
अलग अलग खातों की जांच में न पाया की आरोपी ने छत्तीसगढ के अलग अलग जिले में नशीला मादक पदार्थ इंजेक्शन बस और पार्सल के माध्यम से भेजा है। रकम अपने बैंक खाते में आनलाइन मंगाया है। आरोपी ने रकम मिलने के बाद अपने खाते से माता पिता और भाई, पत्नी, बहू के खातों मे डाला। इसके बाद सभी खातों से रूपया अपने खाते में ट्रांसफर किया। पुलिस ने सभी खातों की पहचान कर जब्ती कार्यावाही के लिए सफेमा कोर्ट मुम्बई महाराष्ट्र को प्रतिवेदन भेजा। कोर्ट ने प्रतिवेदन पर मुहर लगाया है। मात्र 13 दिनों के भीतर आरोपी संजीव कुमार छाबडा की सम्पूर्ण सम्पत्ति को राजसात किया गया।