
बड़ी घटनाः छात्रावास में 11 वीं की छात्रा ने दिया बालक को जन्म…अधीक्षिका ने नवजात को जंगल में फेंका…विभाग ने वार्डन को किया निलंबित
नवजात बच्चे को अधीक्षिका ने जंगल में फेंका..बच्चे की हालत गंभीर
कोरबा—बीती रात्रि जिला कोरबा के पोड़ी उपरोड़ा स्थित राजीव शिक्षा मिशन हास्टल में 11 वीं छात्रा ने स्वस्थ्य बालक को जन्म दिया। इसके पहले किसी को जानकारी मिलती छात्रावास अधीक्षिक और स्टाफ के लोगों ने खुद को बचाने और बदनामी के भय से नवजात बच्चे को रात्रि में ही जंगल में फेंक दिया। जानकारी के बाद विभाग में हड़कम्प मच गया । बहरहाल बच्चा और छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनो ईलाज जारी है। पूछताछ के दौरा छात्रा के परिजनों ने बताया कि उन्हे बेटी की गर्भवती होने और बच्चे कीो जन्म देने की जानकारी नहीं है।
खबर कोरवा जिले के ब्लाक पोड़ी उपरोड़ा स्थित पोड़ी उपरोड़ा गांव की है। गांव में शिक्षा विभाग का राजीव मिशन छात्रावास संचालित है। 100 सीटर कन्या छात्रावास में दूर दराज क्षेत्र की छात्राएं रहकर पढ़ाई करती हैं। बीती रात्रि करीब एक बजे के आसपास 11 की छात्रा ने स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया। जानकारी के बाद छात्रावास अधीक्षिका और स्टाफ ने नवजात को जंगल में फेंका है। जानकारी के बाद शिक्षा विभाग में जमकर हड़कम्प है। इसके बाद आलाधिकारी मौके पर पहुंच गये।
आनन फानन में जंगल में फेंके गए बच्चे को तत्काल अस्पताल में ईलाज के लिए भर्ती कराया गया। साथ ही नवजात बच्चे की मां 11 वीं की छात्रा को भी अस्पताल में दाखिल कराया गया । बहरहाल दोनो का ईलाज चल रहा है। बताया जा रहा है बच्चे की स्थित नाजुक है। पूछताछ के दौरान छात्रा ने नवजात को जन्म देना कबूल किया है।
फिलहाल मामले को लेकर नई नई बातें सामने आ रही हैं। छात्रावास अधीक्षिका ने विभाग को बताया कि जन्म के कमरे से नवजाता बच्चे की रोने की आवाज आयी। तुरन्त छात्रा के कमरे में पहुंची। छात्रा ने बताया कि मालूम नहीं कि बच्चा यहां कैसे आया। इसके बाद बच्चे को जंगल में छोड़ दिया।
स्टाफ से मिली एक अन्य जानकारी के अनुसार छात्रावास अधीक्षिका को 11 वीं की छात्रा की गर्भवती होने की जानकारी थी। छात्रावास अधीक्षिका ने सारे मामले को दबाया है। यहां तक की छात्रावास में बाहरी लड़कों और पुरूषों का भी आना जाना होता रहा है। छात्रा के माता पिता को भी जानकारी नहीं है। निश्चित रूप से अपराध में छात्रावास अधीक्षिका की भूमिका संदिग्ध है। मामले की जानकारी के बाद छात्रा के परिजन भी छात्रावास के बाद अस्पताल पहुंचे। उन्होने बताया कि बेटी ने जन्म दिया इसकी जानकारी तो दूर की बात है..उन्हें यह भी नहीं पता कि उनकी बच्ची गर्भवती भी है। माता पिता के बयान के बाद शिक्षा विभाग में जमकर हड़कम्प है। मामले में जिला प्रशासन ने जांच का आदेश दिया है।
नवजात का ईलाज कर रहे शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.राकेश शर्मा ने बताया कि बच्चे की हालत ठीक नहीं है। शरीर पर चोट के निशान मिले हैं। चोट लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है। बच्चा का जन्म समय से पहले हुआ है। फिलहाल बचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। घटना की जानकारी पुलिस को दी गयी है। जांच पड़ताल के बाद ही वस्तुस्थिति के बारे में कुछ बताया जा सकता है।