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भूपेश और साथियों का गंभीर आरोप..नौकरी के लिए प्लेसमेन्ट कम्पनी दलाल ने लिया 20 लाख..तत्कालीन आबकारी अधिकारी की भूमिका संदिग्ध

सुपरवाइजर,सेल्समैन के लिए 8 बेरोजगारों से 20 लाख रूपयों की ठगी

बिलासपुर—आबकारी विभाग का एक नया मामला सामने आया है। अक्टूबर नवम्बर महीने में भर्ती किए गए 9 बेरोजगारों से कम्पनी कर्मचारियों ने बेरोजगारों से आबकारी शराब दुकान में सुपरवाईजर और सेल्समैन की नौकरी को लेकर दो से ढाई लाख रूपयों की। बाद में बेरोजगारों को जानकारी मिली कि उनका नाम कम्पनी के पे रोल में नहीं है। जिसके कारण आबकारी विभाग ने छटनी कर दिया। अब नौकरी से हटाए गए बेरोजगारों ने कम्पनी कर्मचारी जितेन्द्र सिंह ऊर्फ लड्डू सिंह से 20 लाख रूपये वापस दिलाने की मांग की है। साथ ही तखतपुर शराब दुकान सुपरवाइजपर साखी लाल के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। पीड़ितों ने मामले की शिकायत कलेक्टर और पुलिस कप्तान से की है।

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              आबकारी विभाग बिलासपुर में प्लैसमेन्ट कम्पनी में सुपरवाइजर और सैल्समैन भर्ती को लेकर रूपयों की ठगी का मामला सामने आया है। ठगी के शिकार बेरोजगारों ने कलेक्टर और पुलिस कप्तान कार्यालय में लिखित शिकायत की है। बेरोजगारों ने आरोप लगाया कि करीब एक महीने के बाद उन्हें कम्पनी ने बाहर का रास्ता दिखाया दिया है। इसके अलावा कम्पनी किए गए डेढञ महीने का भुगतान भी नहीं किया है। कम्पनी कर्मचारी जितेन्द्र सिंह समेत उसके साथियों ने भी रूपया लौटाने से इंकार कर दिया है। पीड़ितों ने यह भी आरोप लगाया कि घोटाले में तखतपुर शराब दुकान सुपरवाइजर की भूमिका संदिग्ध है। उसके ही माध्यम से हमने नौकरी के लिए जितेन्द्र सिंह को रूपया दिया था।

दिनकर वासनिक के समय ठगी

पुलिस से शिकायत करने पहुंचे अजय बारमते, धर्मेन्द्र कुमार, भूपेश ओगरे, प्रमोद चन्द्रवंशी, यशवंत जायसवाल, प्रसन्नजीत बंजारे, डिकेश्वर साहू और पंकज ने बताया कि उनके साथ ठगी हुई है। हम लोगों को तखतपुर शराब दुकान सुपरवाइजर साखी लाल ने बताया कि उनकी नौकरी शराब दुकान में लगवा देगा। बाद में नौकरी सरकारी हो जाएगी। इसके लिए सभी को पद के अनुसार दो से ढाई लाख देना होगा। हम सबने मिलकर करीब 20 लाख रूपया साखी लाल के सामने कैप्सटन प्लेसमेन्ट कम्पनी के जिला प्रतिनिधि रंजीत सिंह ऊर्फ लड्डू सिंह को अपोलो हास्पिटल के सामने स्थित कार्यालय में दिया। रंजीत सिंह के आदेश पर हम सबकी नियुक्ति सुपरवाइजर और सैल्स के पद पर जिले के अलग अलग शराब दुकान में किया गया। 31 अक्टूबर 2024 को हम सभी ने दुकान पहुंचकर काम करना शुरू कर दिया।

बड़े अधिकारियों को देंगे चढ़ावा

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       रूपया लेते समय रंजीत सिंह और उसके साथियों ने बताया कि लिए गए रूपयों में कुछ बड़े अधिकारी को देना होगा। बचे रूपयों की डीडी बनवाकर जमा किया जाएगा। नौकरी से हटने पर डीडी का रूपया वापस हो जाएगा। पीड़ितों ने बताया कि उनकी नियुक्ति तत्कालीन सहायक आयुक्त  दिनकर वासनिक के समय हुई। 12 नवम्बर को दिनकर वासनिक का स्थानान्तरण हो गया। नये सहायत आयुक्त ने आबकारी विभाग का कामकाज संभाला। नई व्यवस्था के तहत नए सहायक आयुक्त ने लगातार मिल रही शिकायत के मद्देनजर प्लेसमेन्ट कम्पनी के जिला प्रतिनिधि रंजित सिंह ऊर्फ लड्डू को बाहर का रास्ता दिखा दिया।

45 दिन बाद नोकरी से बाहर

          इसके बाद कम्पनी ने अपूर्व मिश्रा को नया जिला प्रतिनिधि बनाया। अपूर्व ने सभी आठ लोगों को बिना किसी जानकारी के नौकरी से बाहर निकाल दिया। उन्होने बताया कि किसी का  पे रोल में नाम नहीं है। इसलिए वेतन भी नहीं दिया जाएगा। हमने अपनी शिकायत को नए एसी के सामने भी रखा। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जबकि  बताया कि सीएस एम सी एल वेवपोर्टल में सबका अटेन्डेन्स द्रज है। 45 दिन का काम भी किया है। लेकिन नौकरी के लिए दिए गए रूपये तो दूर 45 दिन काम का भी वेतन आज तक नहीं मिला है।

 कठोर कार्रवाई की मांग

पीड़ितों ने बताया कि हमने लिखित शिकायत में तत्कालीन एसी दिनकर वासनिक और रंजीत सिंह ऊर्फ लड्डू के खिलाफ पुलिस कप्तान से शिकायत की है। कलेक्टर से भी न्याय की मांग गी है। जमा किए गए 20 लाख रूपयों लौटाया जाए। खासकर तखतपुर शराब दुकान सुपरवाइजर साखी लाल और अन्य आरोपी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।

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पीड़ितों ने दिया इतना रूपया

 पीडितों के अनुसार उत्तम ध्रुव निवासी बन्धुपारा तखतपुर ने एक लाख, डिकेश्वर साहू निवानी पडियाईन दो लाख, प्रसन्नजीत बंजारे ढाई लाख, प्रमोद चन्द्रवंशी 1 लाख 70 हजार, धर्मेन्द्र कुमार 2 लाख, अजय बारमते ढाई लाख, भूपेश ओगरे 1 लाख 60 हजार, यशवंत जायसवाल ने डेढ़ लाख रूपया साखी लाल के सामन रंजित सिंह को दिया। इसके बाद ही सभी को अलग अलग दुकान में नौकरी पर लगाया गया।

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