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पटाखा ठिकानों पर प्रशासन का धावा…अधिक भण्डारण पर लायसेंस निलंबित…SDM ने जारी किया फरमान..मांगा जवाब
पटाखा व्यवसायियों पर प्रशासन की ताबड़तोड़ कार्रवाई
बिलासपुर—दो दिन पहले तोरवा थाना क्षेत्र स्थित पटाखा गोदाम में आग लगने से लाखों रूपयों की सम्पत्ति जलक स्वाहा हो गया। आग को बुझाने में पुलिस और दमकल को करीब तीन घंटे से अधिक समय तक पसीना बहाना पड़ा। पटाखा गोदाम में आग लगने की घटना के बाद प्रशासन भी सतर्क हो गया। इसी क्रम में कलेक्टर के आदेश पर एसडीएम के निर्देश पर तहसीलदार की अगुवाई में राजस्व विभाग की टीम ने जगह जगह धावा बोला। इस दुकानदारों को राजस्व प्रशासन ने जरूरी दिशा निर्देश दिया है।
कलेक्टर अवनीश शरण के विशेष आदेश पर राजस्व प्रशासन की टीम ने सुरक्षा के लिहाज से शहर के पटाखा व्यवसायियों के ठिकानों पर धावा बोला। एसडीएम पीयूष तिवारी के निर्देश पर तहसीलदार, अतिरिक्त और नायब तहसीलदार की अलग अलग टीम ने जगह निरीक्षण किया। टीम ने खपरगंज,जूनी लाइन स्थित पटाखा दुकानों का मुआयना किया। लाइसेंस और स्टॉक की जांच पड़ताल को अंजाम दिया।
समस्त प्रक्रिया के दौरान टीम ने जांच के बिंदुओं के अनुसार रिपोर्ट तैयार कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दिया है। निरीक्षण के दौरान टीम ने सभी व्यवसासियोकं को जरूरी दिशा निर्देश भी दिया है। साथ ही सुरक्षा के मानकों का विशेष ध्यान देने को कहा है। टीम के अनुसार शहर के सभी दुकानों के दौरान तैयार रिपोर्ट को जल्द ही कलेक्टर को दिया जाएगा।
एसडीएम पीयूष ने जारी किया फरमान
इस दौरान बिलासपुर एसडीएम पीयूष तिवारी ने बताया कि पिछले दिनों दोपहर को जगमल चौक से आगे तोरवा नागा चौक के पास पटाखा दुकान में आग लग गयी। आग पर प्रशासन और पुलिस क के सहयोग से किसी तरह काबू पाया गया। छानबीन के दौरान जानकारी मिली कि पटाखा गोदाम जय गणेश ट्रेडर्स के नाम से संचालित है। संचालक का नाम निहाल तलरेजा बताया जा रहा है।
घटना के बाद 25 सितम्बर 24 को पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी आर्गेनाइजेशन यानी PESO से लायसेैंस की जानकारी मांगी गयी। छानबीन के दौरान पेसो की जांच में पटाखा दुकान में लिमिट से अधिक मात्रा से भण्डारण पाया गया है। इस दौरान संचालक की तरफ से सुररक्षा के पुख्ता उपया नहीं किया गया। उपकरणों की अपर्याप्त व्यवस्था की पुष्टि हुई बहै। रिपोर्ट के आधार पर जय गणेश ट्रेडर्स, का फटाखा लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। साथ ही संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी कर 21 दिनो के भीतर जवाब पेश करने को कहा गया है। संतोषप्रद जवाब नही पाए जाने पर लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।