
Chhattisgarh
पंच परमेश्वरों ने मिलकर किया करोड़ों का घोटाला..बिना निर्माण और काम..रिश्तेदारों में बांट लिया सरकारी धन..SDM ने दिया जांच का आदेश
शासकीय राशि का पंचों ने किया रिश्तेदारों में बंदरबांट
बिलासपुर—सोन ग्राम पंचायत वासियों की गंभीर शिकायत पर एसडीएम मस्तूरी ने सरकारी धन का बंदरबांट और बिना निर्माण भुगतान मामले में जांच का आदेश दिया है। तहसीलदार की अगुवाई में पांच सदस्यीय टीम का गठन कर मनरेगा और 15 वें वित्त राशि में घोटाला की जांच करने को कहा है। टीम में अलग-अलग विभाग के लोगों को शामिल किया गया है। जानकारी हो कि ग्रामीणों ने एसडीएम को लिखित शिकायत में बताया है कि सरपंच पति,सरपंच,उपसरपंच समेत पंच और तत्कालीन सचिव के अलावा रोजगार सहायक ने मिलकर पिछले पाच चार साल में करोड़ों का घोटाला किया है। बिना निर्माण और काम किए राशि का भुगतान मनमानी तरीके से वेन्डरों और रिश्तेदारों में किया है।
Join Our WhatsApp News Group यहाँ क्लिक करे
पांच सदस्यी टीम का गठन
मस्तूरी तहसील के ग्राम पंचायत सोन में मनरेगा समेत 15 वें वित्त, बाजार ठेका, तालाब ठेका समेत निर्माण कार्यों में भारी घोटाला और सरकारी धन में बंदरबांट की शिकायत सामने आयी है। ग्रामीणों की लिखित शिकायत पर एसडीएम मस्तूरी अमित सिन्हा ने सम्पूर्ण मामले में जांच का आदेश दिया है। तहसीलदार अप्रतीम पाण्डेय की अगुवाई में पांच सदस्यीय टीम को सात दिनों के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। जांच टीम में तहसीदार के अलावा करारोपण अधिकारी नवी सिंह, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी उमेश कश्यप, आरईएस उप अभियंता संगीता जाटवर और आरईएस उप अभियंता माधुरी शर्मा को शामिल किया गया है।
सरकारी रूपयों का बंदरबांट
एसडीएम को लिखित शिकायत में ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत सोन में शासकीय योजनाओं में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। इसके लिए सीधे तौर पर सरपंच, सरपंच पति अशोक कैवर्त उप सरपंच जितेन्द्र पटेल के अलावा आधा दर्जन पंच जिम्मेदार हैं। सभी ने मिलकर करोड़ों रूपये सरकारी धन का बंदरबांट किया है। योजनाओं के तहत पिछले पांच साल में एक भी काम नही किया गया। यदि कहीं काम हुआ भी है तो आधा अधूरा…लेकिन मद से सम्पूर्ण राशि का आहरण कर बंदरबांट किया गया है।
सभी मदों में किया भ्रष्टाचार
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले पांच साल में शायद ही कोई बैठक हुई हो। बावजूबद इसके तत्कालीन सचिव,सरपंच समेत सरपंच पति और पंचों ने निर्माण के नाम करोड़ों रूपयों का आहरण किया। बिना काम कराए ना केवल वेन्डरों का भुगतान किया..बल्कि रिश्तेदारों को मनरेगा मजबूर बताकर जमकर सरकारी धन लूटा है। पंच परमेश्वरों ने मनरेग योजना, 15वे वित्त, बाजार ठेका, तालाब ठेका, जैसे कार्यों पर राशि का आहरण किया है। हिसाब किताब मांगने पर भ्रष्टाचार में शामिल सभी पंच अपना रसूख दिखाते हैं। धमकी देते हैं कि सरकार कुछ नहीं कर सकती है।
फर्जी लोगों को मनरेगा भुगतान
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री आवास में घोेटाला मामला सामने आने के बावजूद अब भी सरकारी राशि का आहरण किया जा रहा है। घोटाला का जिम्मेदार आरोपी सरपंच पति आज भी पुलिस गिरफ्त से दूर है। सबसे बड़ी बात कि मनरेगा के कई ऐसे मजदूरों का नाम सूची में शामिल हैं जिन्होने काम ही नहीं किया। ग्रामवासी होने के कारण अच्छी तरह पता है कि कुछ ऐसे लोगों को मनरेगा का भुगतान किया गया..जो बाहर कमाने खाने गये हैं। इतना ही नहीं बिना काम किये रिश्तेदारों को मनरेगा का भुगतान किया गया है। ऐसे लोगों की संख्या दर्जनों में है।
पंच और रिश्तेदार वेन्डर
ग्रामीणों के अनुसार ग्राम पंचायत में बिना काम कराए वेन्डरों का भुगतान किया गया है। ज्यादातर वेन्डर पंच और उनके रिश्तेदार हैं। इसलिए मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
रिपोर्ट यहां करेंगे पेश
मामले में एसडीएम मस्तूरी अमित सिन्हा ने बताया कि आरोप गंभीर है। पांच सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया है। टीम को सात दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है। रिपोर्ट कलेक्टर के सामने पेश किया जाएगा। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।