Chhattisgarh
फोन पर पति ने कहा…OK….और रेलवे को 3 करोड़ का भारी भरकम नुकसान…कोर्ट ने पत्नी की मानसिक क्रूरता पर तलाक को किया कबूल
कोर्ट ने कहा पत्नी ने पति से की मानसिक क्रूरता..तलाक
बिलासपुर—स्टेशन मास्टर पति जब ड्यूटी बजा रहा था…उसी दौरान पत्नी ने स्टेशन मास्टर से फोन पर ही लड़ाई झगड़ा करने लगी। इस दौरान पति ने कहा कि घर आकर बात करूंगा और OK…दूसरी तरफ OK शब्द सुनते ही काम कर रहे दूसरे स्टेशन मास्टर ने रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक यातायात निषेधित नक्सल क्षेत्र के लिए रेल गाड़ी को सिग्नल दे दिया। इससे रेलवे को तीन करोड़ का नुकसान हुआ। विभाग ने स्टेशन मास्टर पति को निलंबित कर दिया । पत्नी के व्यवहार से दुखी पति ने तलाक के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर किया। कोर्ट ने पत्नी के व्यवहार को क्रूरता मानते हुए तलाक की याचिका को स्वीकार किया है।
याचिकाकर्ता विशाखापत्तनम निवासी स्टेशन मास्टर की 12 अक्टूबर 2011 को चरोदा भिलाई निवासी युवती से हिन्दू रीति रिवाज से शादी हुई। 14 अक्टूबर 2011 को पति विशाखापटनम में रिसेप्शन अयोजित किया। नव व्याहता पत्नी विचलित और दुखी थी। रात में पत्नी ने पति को बताई कि उसका इंजीनियरिंग कॉलेज के ग्रंथपाल के साथ प्रेम है। उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाई है। उसे भूल नहीं सकती। पति ने इस बात की जानकारी उसके पिता को दी। पिता ने भविष्य में ऐसा नहीं करेगी कहा और समझाया।
बावजूद इसके स्टेशन मास्टर की पत्नी पति के बाजू में रहकर प्रेमी से बात करती थी। एक रात पति ड्यूटी में था ..इसी दौरान पत्नी फोन पर झगड़ा करने लगी। पति ने उसे घर आकर बात करेंगे कहा..और अंतिम में शब्द OK शब्द कहा। इसी दौरान माइक में ओके शब्द सुनकर साथ में काम का रहे दूसरे स्टेशन मास्टर ने रेलगाड़ी को रवाना करने के लिए सिग्नल दे दिया। नक्सल क्षेत्र होने के कारण तथाकथित खंड में रात 10 से सुबह 6 बजे तक रेल यातायात निषेधित है। इसके कारण रेलवे को तीन करोड़ का नुकसान हुआ। विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पति को निलंबित कर दिया।
लगातार पत्नी से प्रताड़ित पति ने तलाक के लिए विशाखापटनम परिवार न्यायालय में आवेदन दिया। इसके बाद पत्नी ने 498 के तहत पति, 70 वर्षीय पिता, शासकीय सेवक बड़े भाई, भाभी और मौसेरा भाई बहन के खिलाफ झूठी रिपोर्ट लिखाई। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पति के आवेदन को दुर्ग न्यायालय ट्रांसफर किया गया। दुर्ग परिवार न्यायालय से आवेदन खारिज होने पर पति ने हाई कोर्ट में याचिका दायर किया।
याचिका में जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की डीबी में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने सुनवाई में पाया कि पत्नी ने पति पर भाभी के साथ अवैध संबंध होने का आरोप लगाई थी। जबकि याचिकाकर्ता की माँ का 2004 में निधन हो गया है। उसकी शादी में भाभी ने मा के सभी रस्म को पूरा किया। इसके अलावा पति और उसके शासकीय सेवक बड़े भाई, भाभी, अन्य रिश्तेदार जो अलग रहते है। उनके खिलाफ दहेज प्रताड़ना की झूठी रिपोर्ट लिखाई।
दहेज में कब और कैसे नकद रकम दिया गया नहीं बताया गया। कोर्ट ने कहा कि पति से फोन पर झगड़ा करने और इसके कारण माइक में ओके बोलने पर सहकर्मी ने प्रतिषेधित क्षेत्र के लिए रेलगाड़ी को सिग्नल दिया। जिसके लिए पति को निलंबित किया गया। पति के परिवार वालों के खिलाफ झूठी रिपोर्ट लिखाई। भाभी पर अवैध संबंध होने की बात कही। यह सब पति के प्रति मानसिक क्रूरता है। हाई कोर्ट ने परिवार न्यायालय के निर्णय को रद्द कर पति के तलाक की याचिका को स्वीकार किया है।