दीपावली के एक दिन पहले जिला पंचायत में सभापति ने बांटी मिठाई, त्यौहार की खुशी या कुछ और….. ?
हमने परम्पराओं का किया पालन...गले मिलकर बधाई दी है..अंकित
बिलासपुर । दीपावली के एक दिन पहले जिला पंचायत के कर्मचारियों ने जश्न मनाया और मिठाइयां बांटी गईं। हालांकि आम तौर पर दीवाली के त्यौहार में इस तरह की खुशी सामान्य सी बात है। लेकिन इसे हाल ही में शासन की ओर से ज़ारी एक तबादला सूची से भी जोड़कर देखा जा रहा है। जिसके बाद जिला पंचायत में बड़ा फेरबदल हुआ है।
दीवाली के पहले दिन जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने सभी का मुंह मीठा कर दीपावली की बधाई दी। अंकित गौरहा ने कहा कि दीपावली के एक दिन पहले हमेशा की तरह लोगों से मिलना जुलना होता है।
मिठाई का वितरण किसी प्रायोजन को लेकर नहीं किया जा रहा है। खुशी के मौके को स्थानांतरण सूची जारी होने से नहीं देखा जाना चाहिए। हां यह सच है कि हमने सामान्य सभा में सीईओ से समन्वयक को हटाए जाने को लेकर कहा था। लेकिन यह सामूहिक फैसला था।
मामले में अंकित गौरहा ने कहा कि जिला पंचायत में दीपावली मिलन और एक दूसरे को बधाई देने की पुरानी परम्परा है। हमेशा की इस बार भी हमने अपने सहयोगियों के बीच मिष्ठान का वितरण किया है।
मुंह मीठा कराने के साथ दीपावली की शुभकामनाएं दी है। इसे किसी ट्रांस्फ़र लिस्ट से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। लेकिन उन्होने यह स्वीकार किया कि जिला पंचायत में भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा था।
हमने साथियों के साथ मामले की शिकायत कलेक्टर से भी की है। लेकिन प्रशासन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। यहां तक कि जिला पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के नियम और निर्देशों का मजाक बनाकर रखा गया । संविदा कर्मचारी को स्वच्छ भारत मिशन का समन्वयक बनाया जाना इसका एक उदाहरण है।
भले ही दीपावली के पहले दिन जिला पंचायत के कर्मचारियों के इस जश्न को त्यौहार का नाम दिया जा रहा हो । लेकिन ताज़ा फेरबदल को लेकर सभापति ने जो कुछ कहा है, उसे देखते हुए इसे शासन के आदेश से भी जोड़कर देखा जा रहा है।