
माओवादी हिंसा का शिकार रहे ये क्षेत्र आज तेजी से मुख्यधारा में लौट रहे,PM Modi ने मन की बात में छत्तीसगढ़ के बस्तर ओलंपिक, दंतेवाड़ा जिले का जिक्र किया
पीएम मोदी ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले के 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम इस बदलाव की जीती-जागती मिसाल हैं। 10वीं में 95 प्रतिशत परिणाम के साथ दंतेवाड़ा ने पूरे छत्तीसगढ़ में पहला स्थान हासिल किया, जबकि 12वीं में यह जिला छठे स्थान पर रहा। यह वही दंतेवाड़ा है, जहां कभी माओवादी अपने चरम पर था। आज वहां शिक्षा का परचम लहरा रहा है।
PM Modi ने ‘मन की बात’ की 122वीं कड़ी में देशवासियों से माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा और विकास की बुनियादी जरूरतों के विस्तार के बारे में बात की। उन्होंने महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के काटेझरी गांव, छत्तीसगढ़ के बस्तर ओलंपिक, दंतेवाड़ा जिले का जिक्र किया। माओवादी हिंसा का शिकार रहे ये क्षेत्र आज तेजी से मुख्यधारा में लौट रहे हैं। इसके पीछे यहां के स्थानीय लोगों का ही संकल्प और जुनून है।
पीएम मोदी ने बताया कि कैसे जब गढ़चिरौली जिले के काटेझरी गांव में पहली बार एक बस पहुंची और इस ऐतिहासिक पल का इंतजार गांववासियों को वर्षों से था।
बस के आगमन पर लोगों ने ढोल-नगाड़ों के साथ उत्साहपूर्वक स्वागत किया। पक्की सड़क होने के बावजूद, माओवादी हिंसा के कारण पहले कभी बस सेवा शुरू नहीं हो पाई थी। अब स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है और बुनियादी सुविधाएं इन क्षेत्रों तक पहुंच रही हैं। गांववासियों का कहना है कि नए परिवर्तनों से उनका जीवन आसान हो जाएगा।पीएम मोदी ने कहा कि यह बदलाव न केवल काटेझरी, बल्कि आसपास के पूरे क्षेत्र में महसूस किया जा रहा है।
‘मन की बात’ में पीएम ने छत्तीसगढ़ के बस्तर ओलंपिक और माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में बने साइंस लैब का भी जिक्र किया। इन इलाकों के बच्चे न केवल खेलों में कमाल कर रहे हैं, बल्कि विज्ञान के प्रति भी उनका जुनून प्रेरणादायक है। पीएम मोदी ने कहा, “ऐसे प्रयासों से पता चलता है कि इन इलाकों में रहने वाले लोग कितने साहसी होते हैं। इन लोगों ने तमाम चुनौतियों के बीच अपने जीवन को बेहतर बनाने की राह चुनी है।”
पीएम मोदी ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले के 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम इस बदलाव की जीती-जागती मिसाल हैं। 10वीं में 95 प्रतिशत परिणाम के साथ दंतेवाड़ा ने पूरे छत्तीसगढ़ में पहला स्थान हासिल किया, जबकि 12वीं में यह जिला छठे स्थान पर रहा। यह वही दंतेवाड़ा है, जहां कभी माओवादी अपने चरम पर था। आज वहां शिक्षा का परचम लहरा रहा है।
ये कहानियां बताती हैं कि साहस, दृढ़ निश्चय और सामूहिक प्रयासों से कितना कुछ हासिल किया जा सकता है। माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, खेल और बुनियादी सुविधाओं का विस्तार विकास की नई इबारत लिख रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ की 122वीं कड़ी में खेलों इंडिया गेम्स के उत्साह और युवा प्रतिभाओं की उपलब्धियों को देशवासियों के साथ साझा किया। उन्होंने बताया कि हाल ही में बिहार के पांच शहरों में आयोजित खेलों इंडिया गेम्स में पूरे भारत से 5,000 से अधिक खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। इन खिलाड़ियों ने बिहार की मेहमान नवाजी और खेल भावना की जमकर तारीफ की।पीएम मोदी ने कहा, “साथियों, बीते दिनों खेलों इंडिया गेम्स की बड़ी धूम रही। ‘खेलों इंडिया’ के दौरान बिहार के पांच शहरों ने मेजबानी की थी। वहां अलग-अलग कैटेगरी के मैच हुए थे। पूरे भारत से वहां पहुंचे एथलीटों की संख्या पांच हजार से भी ज्यादा थी। इन एथलीटों ने बिहार की खेल भावना की, बिहार के लोगों से मिली आत्मीयता की बड़ी तारीफ की है।”
पीएम ने कहा कि बिहार की धरती ने इस आयोजन को और भी खास बनाया। यह पहला मौका था जब खेलों इंडिया यूथ गेम्स को ओलंपिक चैनल के माध्यम से दुनियाभर में प्रसारित किया गया। विश्व ने भारत के युवा खिलाड़ियों की प्रतिभा को देखा और सराहा। इस आयोजन में महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान शीर्ष तीन विजेताओं में रहे, जिन्हें पीएम ने विशेष रूप से बधाई दी।
खेलों इंडिया में इस बार कुल 26 रिकॉर्ड बने, जो भारतीय खेलों के उज्ज्वल भविष्य का संकेत है। वेटलिफ्टिंग में महाराष्ट्र की अस्मिता धोने, ओडिशा के हर्षवर्धन साहू और उत्तर प्रदेश के तुषार चौधरी ने शानदार प्रदर्शन कर सभी का ध्यान खींचा। वहीं, महाराष्ट्र के साईराज परदेशी ने तो तीन रिकॉर्ड बनाकर इतिहास रच दिया। एथलेटिक्स में उत्तर प्रदेश के कादिर खान और शेख जीशान तथा राजस्थान के हंसराज ने भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। बिहार ने भी 36 पदक जीतकर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जो खेलता है, वही खिलता है।” युवा प्रतिभाओं के लिए ऐसे टूर्नामेंट बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये आयोजन न केवल खिलाड़ियों को मंच प्रदान करते हैं, बल्कि भारतीय खेलों के भविष्य को भी संवारते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 122वें एपिसोड के माध्यम से देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस दौरान देशवासियों को गुजरात के गिर में शेरों की संख्या में आई बढ़ोतरी की सुखद खबर सुनाई।
पीएम मोदी ने कहा, “शेरों से जुड़ी एक बड़ी अच्छी खबर आपको बताना चाहता हूं। पिछले केवल पांच वर्षों में गुजरात के गिर में शेरों की आबादी 674 से बढ़कर 891 हो गई है। शेर जनगणना के बाद सामने आई शेरों की यह संख्या बहुत उत्साहित करने वाली है। आप में से बहुत से लोग यह जानना चाह रहे होंगे कि आखिर यह एनिमल जनगणना होती कैसे है। यह एक्सरसाइज बहुत ही चुनौतीपूर्ण है।”
उन्होंने आगे कहा, “आपको यह जानकर हैरानी होगी कि शेरों की जनगणना 11 जिलों में, 35 हजार वर्ग किलोमीटर के दायरे में की गई थी। जनगणना के लिए टीमों ने राउंड द क्लॉक यानी चौबीसों घंटे इन क्षेत्रों की निगरानी की। इस पूरे अभियान में वेरिफिकेशन और क्रॉस वेरिफिकेशन दोनों किए गए। इससे पूरी बारीकी से शेरों की गिनती का काम पूरा हो सका। पीएम मोदी ने कहा कि एशियाई शेर की आबादी में बढ़ोतरी यह दिखाती है कि जब समाज में स्वामित्व का भाव मजबूत होता है, तो कैसे शानदार नतीजे आते हैं।”
पीएम मोदी ने गिर के हालात को चुनौतीपूर्ण बताते हुए आगे लिखा, “कुछ दशक पहले गिर में हालात बहुत ही चुनौतीपूर्ण थे। लेकिन वहां के लोगों ने मिलकर बदलाव लाने का बीड़ा उठाया। वहां लेटेस्ट तकनीक के साथ ही ग्लोबल बेस्ट प्रेक्टिसेज को भी अपनाया गया। इसी दौरान गुजरात ऐसा पहला राज्य बना, जहां बड़े पैमाने पर फॉरेस्ट ऑफिसर के पद पर महिलाओं की तैनाती की गई। आज हम जो नतीजे देख रहे हैं, उसमें इन सभी का योगदान है। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन के लिए हमें ऐसे ही हमेशा जागरूक और सतर्क रहना होगा।”