सरकारी स्कूलों में ‘मेगा पीटीएम’ का सफल आयोजन: जनभागीदारी से शिक्षा में नई क्रांति, ‘श्रीकृष्ण भोग’ की पहल

जयपुर: राजस्थान के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और जनभागीदारी को मजबूत करने के उद्देश्य से हाल ही में ‘मेगा पैरेंट-टीचर मीटिंग (पीटीएम)’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस पहल का मुख्य लक्ष्य अभिभावकों और शिक्षकों के बीच संवाद को बढ़ाना, साथ ही विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति, स्कूल में उपस्थिति और उनके व्यवहार पर गहन चर्चा करना था।

इस पूरे अभियान को ‘प्रखर राजस्थान अभियान 2.0’ से जोड़कर जन सहभागिता को अधिकतम करने का प्रयास किया गया।

इस आयोजन के दौरान स्कूलों में ‘श्रीकृष्ण भोग’ का भी आयोजन किया गया, जिसने अभिभावकों और छात्रों को आकर्षित किया। इसके अतिरिक्त, छात्रों की उपलब्धियों की प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम और विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिससे अभिभावकों की भागीदारी उत्साहपूर्ण और सार्थक बन सके।

इस मेगा पीटीएम को शिक्षा को जन-आंदोलन बनाने की दिशा में एक प्रभावी और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

राज्यभर में आयोजित इस मेगा पीटीएम के तहत स्कूलों में जनसहभागिता को बढ़ावा देने के लिए मिड-डे मील योजना में ‘श्रीकृष्ण भोग’ की शुरुआत की गई। इस पहल से भामाशाहों और समाजसेवियों को भी जोड़ा गया है, ताकि वे बच्चों के जन्मदिन या परिवार के किसी शुभ अवसर पर स्कूलों में श्रीकृष्ण भोग का आयोजन कर सकें।

शिक्षा विभाग का कहना है कि यह पहल न केवल बच्चों में सकारात्मकता बढ़ाएगी, बल्कि अभिभावकों को भी स्कूलों से भावनात्मक रूप से जोड़ने का काम करेगी।

इस पहल को लेकर शिक्षकों का मानना है कि इस तरह के आयोजन से शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा और नई पीढ़ी में संस्कार तथा सामाजिक जुड़ाव की भावना मजबूत होगी। श्रीकृष्ण भोग जैसे आयोजनों से अभिभावक और समाज, दोनों का स्कूलों के प्रति रिश्ता और गहरा होगा, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आएगा।

शिक्षा विभाग ने इस पहल को ‘प्रखर राजस्थान अभियान’ को एक नई दिशा देने वाला कदम बताया है। विभाग की योजना है कि इस तरह के विशेष आयोजन अब हर महीने किए जाएंगे। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों के सर्वांगीण विकास पर लगातार निगरानी रखना और समय पर आवश्यक सुधार सुनिश्चित करना है।

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