
Bilaspur News
अब मिशन अस्पताल पर होगा प्रशासन का कब्जा.?..नजूल के बाद हाईकोर्ट से भी झटका..इस त्योहार के बाद होगी कार्रवाई
कमिश्नर समेत टीम ने किया मिशन अस्पताल का भ्रमण
बिलासपुर—जल्द ही मिशन अस्पताल पर जिला प्रशासन का कब्जा हो जाएगा। जिला प्रशासन ने मिशन अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर कब्जा सौपने का समय दिया है। लगातार छुट्टियों और त्योहार के कारण जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी है। रक्षा बन्धन पर्व के बाद सात दिन मियाद पूरी हो जाएगी। वस्तुस्थिति का जायजा लेने कलेक्टर अवनीश शरण, निगम कमिश्नर अमित कुमार ने मिशन अस्पताल परिसर का मुआयना किया है। बताया जा रहा है कि निगम प्रशासन की टीम मियाद खत्म होते ही अस्पताल पर कब्जा कर लेगी।
जानकारी देते चलें कि 15 अगस्त के पहले जिला प्रशासन ने नोटिस जारी कर मिशन अस्पताल परिसर को सात दिनों के भीतर खाली करने को कहा है। प्रशासन ने अस्पताल समेत परिसर को प्रशासन के हवाले किए जाने को कहा है। मियाद को खत्म होने में सिर्फ तीन चार दिन रह गए हैं। मामले में प्रबंधन को हाईकोर्ट ने भी स्थगन आदेश देने से इंकार कर दिया है। कयास लगाया जा रहा है कि रक्षा बंधन पर्व के बाद जिला प्रशासन मिशन अस्पताल और परिसर को अपने कब्जे में ले लेगा।
कार्रवाई से पहले रविवार को कलेक्टर अवनीश शऱण और निगम आयुक्त अमित कुमार वस्तुस्थिति का जायजा लेने मिशन अस्पताल परिसर पहुंचे। सुबह करीब साढ़े बजे पहुंचकर आधा घंटा से ज्यादा समय तक जायजा लिया। इस दौरान दोनो अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इंकार किया। पूछे जाने पर भी कलेक्टर की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। बताते चलें कि मिशन अस्पताल की स्थापना साल 1885 में हुई। आजादी के समय मिशन अस्पताल को लंबे समय के लिए लीज पर दिया गया। लीज साल 2014 में खत्म हो गयी। लेकिन लीज का नवीनीकरण नहीं किया गया। नवीनीकरण के लिए पेश किए गए आवेदन को नजूल न्यायालय ने साल 2024 में खारिज कर दिया। नजूल न्यायायलय के खिलाफ मिशन प्रबंधन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश जारी करने से इंकार कर दिया। बताया जा रहा है कि लगातार छुट्टियों के कारण प्रशासन ने एक्शन नहीं लिया। लेकिन सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि रक्षाबंधन पर्व के बाद मिशन अस्पताल को लेकर कदम उटाया जाएगा। इस तरह एकड़ों जमीन पर जिला प्रशासन का कब्जा हो जाएगा।
कार्रवाई से पहले रविवार को कलेक्टर अवनीश शऱण और निगम आयुक्त अमित कुमार वस्तुस्थिति का जायजा लेने मिशन अस्पताल परिसर पहुंचे। सुबह करीब साढ़े बजे पहुंचकर आधा घंटा से ज्यादा समय तक जायजा लिया। इस दौरान दोनो अधिकारियों ने कुछ भी बताने से इंकार किया। पूछे जाने पर भी कलेक्टर की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। बताते चलें कि मिशन अस्पताल की स्थापना साल 1885 में हुई। आजादी के समय मिशन अस्पताल को लंबे समय के लिए लीज पर दिया गया। लीज साल 2014 में खत्म हो गयी। लेकिन लीज का नवीनीकरण नहीं किया गया। नवीनीकरण के लिए पेश किए गए आवेदन को नजूल न्यायालय ने साल 2024 में खारिज कर दिया। नजूल न्यायायलय के खिलाफ मिशन प्रबंधन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश जारी करने से इंकार कर दिया। बताया जा रहा है कि लगातार छुट्टियों के कारण प्रशासन ने एक्शन नहीं लिया। लेकिन सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि रक्षाबंधन पर्व के बाद मिशन अस्पताल को लेकर कदम उटाया जाएगा। इस तरह एकड़ों जमीन पर जिला प्रशासन का कब्जा हो जाएगा।