
कभी नहीं किया कांग्रेस का विरोध..मैेने रमन की लालबत्ती को ठुकराया है…नाराजगी खत्म कर बोले त्रिलोक…माहौल बनाकर चुकाउंगा प्रमोद का अहसान
त्रिलोक ने कहा..जिन्हें दिखाई नहीं देता.उन्हें गुरूर होता है
बिलासपुर—ना मैं कांग्रेस से नाराज था..और ना ही प्रमोद नायक से…। मजदूरी नहीं मिलती तो दुख होता है। प्रमोद नायक का मुझ पर अहसान है…अब अहसान चुकाने का समय आ गया है। जब महसूस हुआ कि प्रमोद नायक योग्य प्रत्याशी है..तो मैने अपना नामांकन वापस ले लिया। मुझे साल 2028 में बेलतरा विधानसभा का चुनाव लड़ना है। इसलिए प्रमोद भाई को जिताना जरूरी है। यह बात तीन दिन पहले गाजे बाजे के साथ प्रमोद नायक के खिलाफ निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वाले कांग्रेस के बागी प्रत्याशी त्रिलोकचन्द श्रीवास ने कही। त्रिलोक ने कहा कि मैने ना तो कांग्रेस के खिलाफ नामांकन दाखिल किया है..और ना ही प्रमोद नायक के खिलाफ..जब तक बी फार्म नहीं आता है..सभी लोग कांग्रेस के प्रत्याशी होते हैं। योग्य आदमी को टिकट मिलने के बाद ही मैने नामांकन वापस लिया है।
अन्ततः टिकट नहीं मिलने के बाद बागी होकर कांग्रेस मेयर प्रत्याशी प्रमोद नायक के खिलाफ नामांकन दाखिल करने वाले त्रिलोक चन्द श्रीवास ने नामांकन वापस ले लिया है। त्रिलोक ने पत्रकारों को बताया कि प्रमोद नायक से बहुत पुराना रिश्ता है। पारिवारिक संबध है। उन्होंने मेरे कहने मात्र से राजेन्द्र साहू को तीन लाख का ट्रैक्टर मात्र 25 हजार में दिया। मेरा वसूल है कि अहसान का बदला अहसान से चुकाया जाए। मुझे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज,नेता प्रतिपक्ष डॉ.चरणदास महंत ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में साथ की जरूरत होती है। आदेश का पालन करते हुए नामांकन वापस लिया है।
त्रिलोक ने इंकार किया कि उन्होने नामांकन वापस लेने के लिए किसी प्रकार समझौता किया है। दरअसल उन्हे जब विश्वास हो गया कि प्रमोद उनके स्तर के नेता हैं…टिकट पाने के काबिल है। इसलिए अहसान चुकता करने उनके साथ खड़ा हो गया हूं।
सवाल जवाब के दौरान त्रिलोक ने बताया कि कुछ लोग गुरूर में रहते हैं। इसलिए उन्हें त्रिलोक छोटा दिखाई देता है। जबकि उन्हें पता है कि रावण का भी घमंड चूर हुआ है।
प्रत्येक चुनाव में आपने कांग्रेस प्रत्याशी का विरोध किया। पार्टी से भी निकाला गया…आप इस समय कांग्रेस में हैं या नहीं…। सवाल पर त्रिलोक ने कहा कि मै कट्टर कांग्रेसी हूं…दरअसल मैने गलत के खिलाफ हर बार आवाज बुलंद किया है। कांग्रेस से दूर जाने का सवाल ही नहीं उठता है। मुझे रमन सिंह ने लालबत्ती का आफर दिया..लेकिन ठुकरा दिया…लोकसभा चुनाव का टिकट भी मिल रहा था। मैंने उसे भी ठुकरा दिया। भावुक इंसान हूं..इसलिए पार्टी से दूर हटने का सवाल ही नहीं उठता है।
त्रिलोक ने बताया कि मैं पार्टी में नहीं होता तो क्या आज राष्ट्रीय संगठन में पदाधिकारी होता…भाई साहव मैं कांग्रेसी हूं। मुझे अब प्रमोद नायक के पक्ष में माहौल बनाना है…चालिस हजार मतों से जिताना है। जिला अध्यक्ष से नाराजगी के सवाल बताया कि मैने हमेशा भाजपा सरकार के खिलाफ संघर्ष किया। जब मजदूरी नहीं मिलती तो दुख होता है।