
Chhattisgarh
जूनियर का प्रमोशन..याचिका कर्ता ने बताया..चल रही विभागीय जांच…हाईकोर्ट ने विभाग को जारी किया नोटिस..2 सप्ताह का समय
जूनियर अधिकार के प्रमोशन को चुनौती
बिलासपुर–जूनियर अधिकारी की विभागीय जांच के दौरान पदोन्नत किए जाने के खिलाफ दायर याचिका की हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने वन विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जवाब पेश के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।
वन विभाग में जूनियर कर्मचारी को पदोन्नति दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई हुई। याचिका में बताया गया कि जिस जूनियर अधिकारी को पदोन्नति दिया गया उसके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। कोर्ट में वकील ने प्रमोशन कोर्ट को चुनौती देते हुए बताया कि वन विभाग में पीसीसीएफ आईएफएस का सर्वोच्च पद है। भारतीय वन सेवा के कार्यरत 7 प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर के अधिकारियों की विभागीय पदोन्नति समिति की पिछले साल बैठक हुई।
बैठक में मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन, प्रमुख सचिव, छत्तीसगढ़ शासन वन विभाग और भारत सरकार के अधिकारी शामिल हुए। 16 अप्रैल 2009 को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार उपलब्ध सेवा अभिलेख, मापदंड के आधार पर समग्र मूल्यांकन के बाद विभागीय पदोन्नति समिति ने स्केल लेबल 16 में कार्यरत् सात अधिकारियों का प्रमोशन किया।
प्रमोशन सूची में वी. श्रीनिवास राव भारतीय वन सेवा (1990) का भी नाम शामिल है। राव को प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख के पद पर शीर्षस्थ वेतनमान के साथ छत्तीसगढ़ शासन ने प्रदान किया है। पदोन्नतित को चुनौती देते हुए याचिका में कहा गया कि राव न सिर्फ जूनियर हैं। बल्कि उनके खिलाफ विभागीय जांच भी चल रही है। कुछ रिकवरी आदेश भी किए गए हैं। इसलिए उनका प्रमोशन उचित नहीं है।