EPFO Pension- श्रमिक संगठनों ने उठाई न्यूनतम पेंशन बढ़ाने और आयकर छूट सीमा बढ़ाने की मांग
EPFO Pension-वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट को लेकर श्रमिक संगठनों ने कई महत्वपूर्ण मांगें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष रखी हैं। इन मांगों में सबसे बड़ी बात यह है कि कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस-95) के तहत न्यूनतम पेंशन को वर्तमान 1,000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रति माह किया जाए।
EPFO Pension-इसके साथ ही, श्रमिक संगठनों ने 8वें वेतन आयोग के तत्काल गठन और आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये सालाना करने का सुझाव दिया है।
EPFO Pension-वित्त मंत्री ने 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट के लिए विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की, जिसमें श्रमिक संगठनों ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की आवश्यकता पर जोर दिया। भारतीय मजदूर संघ और अन्य संगठनों ने मांग की कि अस्थायी और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाए और इसके लिए सरकार को विशेष बजट आवंटन करना चाहिए।
EPFO Pension-श्रमिक नेताओं ने यह भी कहा कि पेंशन से होने वाली आय को पूरी तरह से टैक्स से मुक्त किया जाना चाहिए। उन्होंने सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण पर रोक लगाने और अमीर वर्ग (सुपर रिच) पर अतिरिक्त 2% कर लगाने की मांग की। यह कर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा निधि जुटाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
EPFO Pension-भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) और अन्य संगठनों ने सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों में घटती स्थायी नौकरियों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। 1980 के दशक में इन उपक्रमों में 21 लाख स्थायी कर्मचारी थे, जो अब घटकर मात्र 8 लाख रह गए हैं। यह स्थिति श्रमिकों के भविष्य और उनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रही है।
EPFO Pension- कृषि क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी तय करने और उन्हें भी सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। संगठनों ने वेरिएबल डीयरनेस अलाउंस (VDA) को भी कर्मचारी पेंशन योजना में जोड़ने का प्रस्ताव रखा।
श्रमिक संगठनों ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने और सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे में सुधार के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग की। सातवें वेतन आयोग के गठन को 10 साल हो चुके हैं, इसलिए नए वेतन आयोग की जरूरत पर बल दिया गया।
यह बजट उन श्रमिकों और कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण होगा, जो बेहतर पेंशन, सामाजिक सुरक्षा, और कर में छूट जैसी सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। वित्त मंत्री द्वारा इन मुद्दों को बजट में कितना महत्व दिया जाएगा, यह 1 फरवरी को सामने आएगा।