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एसबीएम समन्वयक पर कमीशनखोरी का आरोप..जिला पंचायत सभापति ने उठाया मुद्दा..सीईओ ने कहा मामला गंभीर..होगी कार्रवाई

सरपंच ने कहा.. शौचालय पर जड़ेंगे ताला

IMG 20240711 WA0017बिलासपुर—जिला पंचायत स्वच्छ भारत मिशन समन्वयक पर कमीशनखोरी का आरोप धीरे धीरे तूल पकड़ता जा रहा है। जिला पंचायत सभापति ने मामले को अब प्रमाण के साथ कलेक्टर के सामने पेश करने का एलान किया है। खबर के बाद महकमें में खलमली मच गयी है। जानकारी देते चलें कि 20 जून 2024 की सामान्य सभा बैठक में अंकित गौरहा ने एसबीएम समन्वयक पर कमीशनखोरी का आरोप लगाते हुए जिम्मेदारी से हटाने की मांग की थी। समर्थन में जिला पंचायत के कई सदस्यों ने अंकित का साथ दिया।  मामले को किसी तरह संभाला गया। इसके बाद सभापति ने अल्टीमेटम देते हुए एसबीएम समन्वयक को सात दिनों के भीतर हटाने की बात कही। बावजूद इसके समन्वयक को नहीं हटाया गया। अंकित गौरहा ने कहा कि अब प्रकरण को कलेक्टर के सामने पेश करेंगे। साथ ही कई सरपंच भी प्रमाण के साथ लिखित शिकायत करेंगे।

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सदन में कमीशनकोरी का गूंज

जानकारी देते चलें कि जिला पंचायत सामान्य सभा की पिछली बैठक 20 जून 2024 को हुई। बैठक में जनप्रतिनिधियों ने कई प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए अहम मुद्दों को सबके सामने रखा। इस दौरान जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने कमीशनखोरी का गंभीर आरोप लगाते हुए जिला पंचायत समन्वयक को तत्काल हटाए जाने की मांग की। अंकित के सवाल और कमीशनकोरी का सीधा आरोप को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। तत्कालीन समय जिला पंचायत अध्यक्ष समेत मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने मामले को संभाला।

बैठक में अंकित गौरहा ने एसबीएण समन्वयक पूनम तिवारी पर सीधा आरोप लगाया कि बिना कमीशन के कोई काम नहीं करती है। जिसके चलते सरपंचों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। क्षेत्र में कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है।

शौचालयों में घोटाला

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गुरूवार को सभापति ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन भारत सरकार की अहम् योजना है। योजना के तहत प्रतिनिधियों की मांग और शासन के निर्देश पर जिला पंचायत क्षेत्रों में सामुदायिक शौचालय के अलावा निजी शौचालय समेत सरल तरल अवशिष्ट प्रबंधन यानी एसएलडब्लू का काम किया जाता है। जिला समन्वयक के माध्यम से ही हितग्राहियों में रिक्शा वितरण किया जाता है। काम के एवज में एजेन्सियों को राशि का भुगतान किया जाता है।

कमीशन के लिए भुगतान पर रोक

अंकित ने बताया कि जिला पंचायत समनव्यक की मनमानी से जनता और प्रतिनिधि परेशान हैं। बिना कमीशनखोरी के भुगतान नहीं किया जाता है। जानते हुए भी कि निगम क्षेत्र में कराए गए काम का भुगतान निगम प्रशासन के माध्यम से किया जाना है। बावजूद इसके एसबीएम समन्वयक नियम कानून ताक पर रखकर सारे भुगतान स्वयं करती है। भुगतान के एवज में सरपंचों से खुलेआम कमीशनकोरी की मांग करती है।

एसबीएम समन्वयक को अल्टीमेटम

सामान्य सभा की बैठक में एसबीएम समन्वयक को हटाए जाने को कहा गया था। हमने सुझाव दिया कि लोगों के आक्रोश को शांत करने के लिए समन्वयक को महीने भर के लिए कोई दूसरी जिम्मेदारी दे। मामला शांत होने के बाद फिर अपने स्थान  पर आ जाएं। किसी को एतराज नहीं है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी से स्पष्ट किया सात दिनों के भीतर एसबीएम समन्वयक को नहीं हटाया गया तो मामले को कलेक्टर के सामने ऱखेंगे। सरपंच भी प्रमाण के साथ लिखित शिकायत करेंगे। अब निश्चित किया है कि सोमवार को कलेक्टर से मुलाकात कर वस्तुस्थिति को सामने रखा जाए।

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नियम कानून ताक पर..53लाख का भुगतान

अंकित ने बताया कि साल 2016- 2019 के दौरान जिला पंचायत ने प्रतनिधियों की मांग और शासन के निर्देश पर निगम क्षेत्र  बहतराई,खमतराई समेत अन्य पंचायतों में सामुदायिक और निजी शौचालयों का निर्माण किया। कुल 53 लाख का भुगतान किया गया। भुगतान नियमानुसार निगम प्रशासन के माध्यम से किया जाना था। बावजूद इसके समन्वयक ने  प्रक्रिया को ताक पर रखकर भुगतान किया। रूपया तो खत्म हो गया..लेकिन अभी भी कई पंचायतों को शौचालय निर्माण का भुगतान नहीं किया गया है। कई सरपंचों ने बताया कि बिना कमीशन के भुगतान नहीं किया जाता है। कुछ ने यह भी बताया कि कमीऱशन नहीं दिए जाने के कारण साल साल दर भुगतान में देर किया जा रहा है।

ताला  जड़ने की धमकी

 मामले में एक सरपंच ने कहा कि यदि भुगतान नहीं किया गया तो बनाए गए सामुदायिक शौचालयों में ताला जड़ देगा। लेकिन इसके पहले कलेक्टर के सामने शिकायत दर्ज कराया जाएगा। सरपंच के अनुसार उसके पास कमीशनकोरी की लिखित जानकारी है। कई जगह ऐसा भी हुआ है कि शौचालय तो नहीं बना..लेकिन भुगतान हो चुका है।

करेंगे कार्रवाई

जिला पंचायत सीईओ आरपी चौहान नेIMG 20240711 WA0017बताया कि सामान्य सभा की बैठक में मुद्दा सामने आया। जनप्रतिनिधियों समन्यवक को हटाने और जांच की बात कही थी। इस दौरान केन्द्रीय टीम का लगातार बिलासपुर आना रहा। बावजूद इसके मामला उनके संज्ञान में है। प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई करेंगे।

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