
CG Rajyotsav 2024- शहीद वीरनारायण सिंह स्मृति सम्मान से बुटलूराम माथरा और दाऊ मंदराजी सम्मान से पंडीराम मंडावी सम्मानित
CG Rajyotsav 2024/राज्योत्सव 2024 राज्य अलंकरण से जिले के दो व्यक्तियों को किया गया सम्मानित। आदिवासी सामाजिक चेतना तथा उनके उत्थान के लिए बुटलूराम माथरा को शहीद वीरनारायण सिंह स्मृति सम्मान और पंडीराम मंडावी को लोक नाट्य एवं लोक शिल्प के लिए दाऊ मंदराजी सम्मान से राज्योत्सव कार्यक्रम रायपुर में देश के महामहिम उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के द्वारा सम्मानित किया गया। बुटलूराम माथरा और पंडीराम मंडावी के सम्मान से नारायणपुर जिला गौरवान्वित हुआ।
CG Rajyotsav 2024-देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के 115वें संस्करण में नारायणपुर जिले के देवगांव निवासी बुटलूराम माथरा की प्रशंसा की गई थी। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से अबुझमाड़िया जनजाति की लोककला के संरक्षण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान और स्वच्छ भारत मिशन में उनके योगदान को उजागर किया था। बुटलूराम माथरा पिछले चार दशकों से जनजातीय लोककला के संरक्षण में सक्रिय हैं।
CG Rajyotsav 2024-उनके प्रयासों से न केवल स्थानीय संस्कृति को जीवित रखा है, बल्कि उन्होंने अपनी कला के माध्यम से सामाजिक अभियानों को भी बढ़ावा दिया है। जिले के देवगांव निवासी बुटलूराम माथरा नेे 5वीं कक्षा तक पढ़ाई की है, लेकिन इसके बावजूद उनकी कला ने उन्हें एक नया मार्ग प्रशस्त किया है। मुख्य पेशे के तौर पर कृषक होने के नाते, वे बांस की कला कृतियों के माध्यम से विभिन्न प्रकार के यंत्र बनाते हैं। उनकी यह अनोखी कला न केवल उनकी पहचान है, बल्कि इससे वे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रहे हैं।
CG Rajyotsav 2024-उनकी कृतियों में बांस की सजावट, बर्तन और अन्य यांत्रिक उपकरण शामिल हैं, जो न केवल सुंदरता में वृद्धि करते हैं बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हैं। बुटलूराम का मानना है कि कला समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है और इससे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित किया जा सकता है। जिले के ग्राम गढ़बेंगाल निवासी पंडीराम मंडावी ने भी तीसरी तक पढ़ाई की है, उन्होंने काष्ठ शिल्प अपने पिता से सीखा, पंडीराम बस्तर आर्ट बनाते हैं। बस्तरिया संस्कृति, जिनमें आदिवासियों का पारद, शादी-विवाह में ग्रामीणों की मौजूदगी, नाचना-गाना सहित संस्कृति से जुड़ाव को दर्शात हैं।
CG Rajyotsav 2024-बस्तर दशहरा के अलग-अलग रस्मों-रिवाजों को भी काष्ठ कला के जरिए उकेरा जाते है। इसी कला को लेकर वे इटली, रूस सहित अन्य देशों के अलावा देशभर के कई बड़े शहरों तक पहुंच चुके हैं। पंडीराम मंडावी की बनाई काष्ठ की कलाकृतियां देश के महानगरों में बड़े होटलों, एम्पोरियम में दिखाई देती है। इंग्लैंड के प्रतिष्ठित कैंब्रिज विश्वविद्यालय के संग्राहालय (म्यूजियम) में भी पंडीराम की बनाई काष्ठ कलाकृति शोभायमान है। पंडीराम मंडावी के लिए काष्ठ शिल्पकला पुश्तैनी काम है। उनके पिता स्वर्गीय मंदेर मंडावी भी बड़े कलाकार थे। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड ने आज छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के राज्य अलंकरण समारोह में छत्तीसगढ़ के 36 अलंकरण से विभिन्न क्षेत्रों से उत्कृष्ट योगदान देने वाले 37 विभूतियों एवं 4 संस्थाओं को सम्मानित किया। राज्यपाल रमेन डेका ने समारोह की अध्यक्षता की।
CG Rajyotsav 2024-अति विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह उपस्थित रहे। राजधानी नवा रायपुर में राज्योत्सव के तीसरे दिन राज्य की महान विभूतियों के नाम से अलंकरण प्रदान करने समारोह का आयोजन किया गया।
राज्य अलंकरण समारोह में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा आदिवासी पिछड़ा वर्ग के उत्थान के लिए शहीद वीरनारायण सिंह पुरस्कार बुटलू राम माथरा को प्रदान किया। इसी प्रकार सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिया जाने वाला अहिंसा एवं गौ-रक्षा के क्षेत्र में यति यतनलाल सम्मान मनोहर गौशाला खैरागढ़, खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए गुण्डाधूर सम्मान सुछोटी मेहरा, खेल (तीरंदाजी) के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव सम्मान विकास कुमार को प्रदान किया गया। इसी प्रकार महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिला उत्थान के क्षेत्र में मिनीमाता सम्मान के लिए सतनामी महिला समिति कोहका जिला दुर्ग को, महिलाओं में वीरता, शौर्य, साहस तथा आत्मबल को सशक्त बनाने के लिए वीरांगना रानी अवंतिबाई लोधी स्मृति पुरस्कार अदिती कश्यप और महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष, नारी उत्थान के लिए माता बहादुर कलारिन सम्मान कुमारी चित्ररेखा सिन्हा, आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा सामाजिक चेतना और दलित उत्थान के क्षेत्र में गुरू घासीदास सम्मान राजेन्द्र रंगीला (गिलहरे), सहकारिता विभाग द्वारा सहकारिता के क्षेत्र में ठाकुर प्यारेलाल सम्मान शशिकांत द्विवेदी को प्रदान किया गया।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए पंडित रविशंकर शुक्ल सम्मान अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम जशपुरनगर, जिला जशपुर, संस्कृति विभाग द्वारा हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए पंडित सुन्दरलाल शर्मा सम्मान डॉ. सत्यभामा आडिल, संस्कृति विभाग द्वारा संगीत एवं कला के क्षेत्र में चक्रधर सम्मान पं. सुधाकर रामभाऊ शेवलीकर को प्रदान उप राष्ट्रपति धनखड़ ने प्रदान किया। संस्कृति विभाग द्वारा लोककला एवं शिल्प के क्षेत्र में दिया जाने वाला दाऊ मंदराजी सम्मान पंडीराम मंडावी को प्रदान किया गया।
संस्कृति विभाग द्वारा ही छत्तीसगढ़ी लोकगीत के लिए लक्ष्मण मस्तुरिया सम्मान निर्मला ठाकुर (बेलचंदन) और छत्तीसगढ़ी लोक संगीत के लिए खुमान साव सम्मान दुष्यंत कुमार हरमुख, कृषि विभाग द्वारा कृषि के क्षेत्र में डॉ. खूबचंद बघेल सम्मान संयुक्त रूप से शिवकुमार चंद्रवंशी और खेमराज पटेल को प्रदान किया गया। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सामाजिक समरसता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए महाराजा अग्रसेन सम्मान सियाराम अग्रवाल, समाज कल्याण विभाग द्वारा दानशीलता, सौहार्द्र एवं अनुकरणीय सहायता के क्षेत्र में दानवीर भामाशाह सम्मान सुभाष चंद अग्रवाल, मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए बिलासाबाई केंवटीन मत्स्य विकास पुरस्कार विनोद दास को उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने प्रदान किया। आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा आदिवासियों की सेवा और उत्थान के क्षेत्र में दिया जाने वाला भंवर सिंह पोर्ते सम्मान छत्तीसगढ़ आदिवासी कल्याण संस्थान अनुपम नगर रायपुर को प्रदान किया गया। श्रम विभाग द्वारा श्रम के क्षेत्र में महाराजा रामानुज प्रताप सिंहदेव पुरस्कार संयुक्त रूप से सुरेन्द्र कुमार राठौर, शोभा सिंह एवं ललित कुमार नायक को प्रदान किया गया।
गृह (पुलिस) विभाग द्वारा अपराध अनुसंधान क्षेत्र में पंडित लखन लाल मिश्र सम्मान रामनरेयश यादव, ग्रामोद्योग विभाग द्वारा बुनकर क्षेत्र में बिसाहूदास महंत पुरस्कार संयुक्त रूप से पन्नालाल देवांगन और बहोरी लाल देवांगन को उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने प्रदाय किया। ग्रामोद्योग विभाग द्वारा बुनकर के क्षेत्र में राजराजेश्वरी करूणामाता हाथकरघा प्रोत्साहन पुरस्कार संयुक्त रूप से सत्यनारायण देवांगन एवं अरूण मेहर को प्रदान किया गया।