CG NEWS:ठंड की सजा या मजा ट्रोल हुए यहां के कलेक्टर तो कहीं चर्चा में है कलेक्टर
CG NEWS:बिलासपुर/सूरजपुर (मनीष जायसवाल) । सुशासन की सरकार में बिलासपुर के जिला कलेक्टर अवनीश शरण ने शासकीय कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए पहली बार कलेक्टोरेट में जनदर्शन का आयोजन शुरू किया है ।अब ऐसी पहल राज्य स्तर पर हो इसके लिए कर्मचारियों ने राज्य शासन से मांग की है..! वही ठंड में स्कूलों के संचालन के समय में कटौती करने की बजाय सूरजपुर के जिला कलेक्टर एस जयवर्धने ने एक पाली में लगने वाली शाला के संचालन में 15 मिनट की बढ़ोतरी करने पर राज्य भर के शिक्षकों और जिले के पालकों के बीच ट्रोल हो गए है..। शिक्षक और छात्रों को ठंड की सजा मिली है या ठंड का मजा लेने के लिए शाला संचालन के समय से छेड़छाड़ की गई है..!
सूरजपुर जिला मुख्यालय सहित सरगुजा संभाग नवंबर के आखिरी हफ्ते से ठंड और कोहरे की जकड़ में है..! संभाग के कई जिलों में शाला संचालन के समय में कटौती की गई है। इसलिए शाला संचालन के समय में परिवर्तन के लिए बीते दिनों शिक्षक संघ के पदाधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी और जिला कलेक्टर से मिले थे। लेकिन जिला कलेक्टर ने हरे रंग की पेन का उपयोग करते हुए एक पाली में लगने वाली शालाओं के समय में 15 मिनट के लिए बढ़ोतरी कर दी है। अब जिले में अब एक पाली वाली शालाएं 9:45 से शाम 4 बजे तक लगेगी। जबकि राज्य में एक पाली की शालाओं के संचालन का समय सुबह दस से शाम चार बजे तक का निर्धारित किया हुआ है। वही शनिवार को एक पाली में लगने वाले स्कूलों के समय में परिवर्तन करते हुए सुबह साढ़े नव बजे से दोपहर साढ़े बारहा बजे तक कर दिया गया है।
ठीक ऐसे ही दो पाली में लगने वाली शालाओं को पहली पाली में शनिवार छोड़ कर सुबह 9 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक किया गया। वही दूसरी पाली में दोपहर 12:45 से शाम 4:15 तक का समय तय किया गया। ऐसे ही शनिवार को पहली पाली में लगने वाली शाला का समय दोपहर 12:45 से शाम 4:15 तक किया गया ठीक ऐसे ही दूसरी पाली में लगने वाली शाला का परिवर्तित समय सुबह 9 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक किया गया।
जिले में एक पाली में लगने वाली शालाओं की संख्या अधिक है। इसके लिए शनिवार को छोड़ कर बाकि के दिनों के लिए ठंड में प्रशासन की इस बेरुखी ने सरकारी स्कूल के छात्रों और पालकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है । जिले में एक पाली वाले सरकारी स्कूल सुबह यदि शनिवार को छोड़ कर 9.45 बजे लगते है तो इसके लिए सरकारी स्कूल के बच्चे को कहीं पर नव बजे तो कही पर सवा नौ बजे घर से स्कूल के लिए निकलना होगा । हाई और हायर सेकंडरी स्कूल के दूर दराज में रहने वाले स्कूली बच्चों को सुबह साढ़े आठ बजे ही घर से निकलना होगा। वही स्कूलों की छुट्टी भी शाम चार बजे होती है । जिसकी वजह से बच्चो को घर आते आते शाम पांच बज सकते है। वही दो पाली में लगने वाले स्कूलों के लिए शाम शाम 4:15 बजे स्कूल की छुट्टी का समय बेमेल हो गया है।
छोटे होते दिन और वाले ठंड के मौसम में पिछड़े, जंगल, पहाड़ियों, हाथी प्रभावित जिले के सरकारी स्कूल में पढ़ने छात्रों, शिक्षकों के लिए स्कूल जाने फिर घर आने में सात से साढ़े आठ घंटे का लगने वाला समय सुरक्षा और स्वास्थ्य की दृष्टि से अव्यवहारिक होता हुआ दिखाई दे रहा है।
जिले के प्रतापपुर, प्रेमनगर ,ओडगी और भैयाथान जैसे विकासखंड में अधिकांश दूरस्थ क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे मध्य और गरीब परिवारों से भी आते हैं। सड़कों पर पैदल और साइकिल से आते जाते स्कूली बच्चे जो दिखाई देते हैं। उनमें बहुत से छात्र स्वेटर पहने हुए हो ऐसे बहुत कम छात्र दिखाई देते है।
बीते वर्ष भी जिले का मौसम ऐसा ही था।ऐसी स्थिति को देखते हुए स्थानीय विधायक के निर्देश पर शाला संचालन के समय में कटौती करते हुए दोनो पाली के स्कूलों के समय में कटौती की गई थी। लेकिन इस बार मामले पर स्थानीय विधायक और जिले की मंत्री ने संभवतः संज्ञान नहीं लिया है। न तो स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य स्तर पर जिले के शिक्षा अधिकारियों को कोई निर्देश दिया है। यही वजह है कि सूरजपुर के कलेक्टर का नई नीतियों वाला शाला संचालन का नया आदेश शिक्षकों के बीच ठंड की सजा या मजा है यह चर्चा का विषय बना हुआ है।