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भनेसर कोल वाशरी आगजनी जांच पड़ताल…प्रशासन ने मांगा पर्यावरण विभाग से जवाब…भयंकर लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन..? खनिज को भी लिखा पत्र

एसडीएम जांच में खुलासा...भारी पड़ रही कोल डिपो की लापरवाही

बिलासपुर—भनेसर स्थित कोल डिपो आगजनी मामले में जांच पड़ताल के दौरान प्रबंधन की भयंकर लापरवाही सामने आयी है। संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर मस्तूरी प्रशासन ने पर्यावरण  और खनिज विभाग को पत्र जारी कर दर्जनों सवाल का जवाब मांगा है। पत्र में बताया गया है कि भनेसर स्थित कोलडिपो आगजनी जांच पड़ताल के दौरान भयंकर लापरवाही की बात सामने आयी है। डिपो संचालक ने निर्धारित नियम शर्तों का पालन नहीं किया है। इसके चलते स्थानीय जन जीवन पर भंयकर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इसके लिए सीधे तौर कोल डिपो के अलावा पर्यावरण विभाग की भयंकर लापरवाही सामने आयी है। मामले में एसडीएम ने पर्यावरण विभाग समेत खनिज विभाग को पत्र जारी कर जवाब पेश करने को कहा है।
पर्यावरण और खनिज विभाग को पत्र जारी
जानकारी देते चलें कि पिछले दिनों मस्तूरी क्षेत्र के भनेसर स्थित कोल डिपो,वाशरी में आगजनी का मामला सामने आया। कलेक्टर आदेश पर एसडीएम मस्तूरी ने जांच पड़ताल का आदेश दिया। कोल डिपो समेत पर्यावरण और खनिज विभाग को पत्र जारी कर जरूरी सवालों का जवाब मांगा गया । विभाग की तरफ से पेश किये गए जवाब से असंतुष्ट एसडीएम कोर्ट ने पर्यावरण और खनिज विभाग को दुबारा पत्र जारी कर कोल डिपो में आगजनी की घटना को गंभीरता से नहीं लिये जाने की बात कही है। साथ ही घटना के कारण और इसके बाद उठाए गए कदम को लेकर सवाल किया है।
एसडीएम ने मांगा पूरा जवाब
दोनो विभाग के जवाब से असंतुष्ट एसडीएम ने दुबारा पर्यावरण विभाग समेत खनिज को पत्र जारी कर करीब दर्ज भर सवाल दागा है। एसडीएम ने जवाब मांगा है कि  घटना के बाद पर्यावरण और खनिज विभाग ने मौका विजिट किया अथवा नहीं । कोल भण्डार की कितनी मात्रा आग की चपेट में आई। घटना की गंभीरता किस स्तर की पायी गयी। आग बुझाने की दिशा में प्रभावी कार्यवाही क्यों नहीं उठाया गया। घटना की जांच में क्या कुछ पाया गया। घटना की वजह और  जिम्मेदार कौन है। क्या डिपो संचालक ने अनुज्ञा पत्र का उल्लंघन किया है। यदि हां, तो अनुज्ञा को क्यों निरस्त नहीं किया गया। जुर्माना की कार्रवाई क्यों नहीं हुई। यदि ऐसा किया गया है तो जानकारी नहीं दिये जाने के क्या कारण हैं।
 डिपो में नियमों की उड़ाई गयी धज्जियां  ?
एसडीएम ने खासकर पर्यावरण विभाग को पत्र जारी कर जवाब मांगा है कि जिस स्थान पर भंडारण की अनुज्ञा और अभिस्वीकृति दी गई..क्या उसी स्थान पर और निर्धारित मात्रा में कोल का भंडारण किया गया। मौके पर जल, वायु प्रदुषण निवारण और  नियंत्रण को लेकर डिपो संचालक ने शर्तों का पालन किया या नहीं । दोनो का ही जिक्र जवाब में पेश नहीं है।एसडीएम ने बताया कि कोयला में सेल्फ हिटिंग की प्रक्रिया सामान्य बात है। आग के खतरे से बचने के लिए डिपो में पुख्ता सुरक्षा का उपाय होना बहुत जरूरी है। जांच पड़ताल में सुरक्षा मानकों में भारी लापरवाही की बात  सामने आयी है। जबकि कोयला स्टाक में नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाना जरूरी है आग पर काबू पाने के लिए कोल डिपो में अग्निशमन यंत्र का होना अनिवार्य है। बावजूद इसके पर्यावरण विभाग ने मानको का उल्लंघन किया है। बावजूद इसके अब तक कोल डिपो संचालक पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है।
सामने आई पर्यावरण विभाग की लापरवाही
कोल डिपो में भंडार किये गये कोयला में आग लगने के अलावा स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी गंभीर खतरा है। पानी का छिड़काव नहीं होने से लोडिंग के दौरान कोल डस्ट और राख का गुब्बार पूरे क्षेत्र में बनता है। कोयला से जहरीला धुआं का उठना सामान्य बात है। इससे  क्षेत्र का पर्यावरण विषाक्त होता है। प्रदूषण से श्वास एवं दमा रोगियों के मुश्किलें बढ़ जाती है। बावजूद इसके घटना को पर्यावरण विभाग ने सामान्य रूप से लिया है।  तमाम कमियों के बाद भी संचालकों के खिलाफ विधि के अनुसार कार्यवाही नहीं हुई है। निश्चित रूप से बहुत ही गंभीर बात है।
रिपोर्ट करेंगे पेश
मामले में एसडीएम मस्तूरी अमित सिन्हा ने बताया कि भनेसर स्थित कोल डिपो आगजनी के बाद जांच पड़ताल को अंजाम दिया गया। डिपो संचालक समेत पर्यावरण और खनिज विभाग से जवाब मांगा गया। पेश किए जवाब में कुछ तथ्यों की कमी पायी गयी है। पत्र जारी कर रिपोर्ट करने को कहा गया है। जवाब मिलने के बाद रिपोर्ट कलेक्टर के सामने पेश किया जाएगा। इसके बाद ही कलेक्टर के आदेश पर उचित कार्रवाई को अंजमा दिया जाएगा।
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