ग्रामीणों ने किया कोलवाशरी का विरोध..कलेक्टर से कहा..अधिकारी धमकी दे रहे…नेता सुन नहीं रहे…न्याय नहीं मिला तो करेंगे आमरण अनशन
नाराज ग्रामीणों को कलेक्टर अवनीश शरण का भरोसा
बिलासपुर—कोटा थाना क्षेत्र स्थित शहर से लगे ग्राम खरगहनी, पथर्रा के किसान और स्थानीय लोगों ने कलेक्टर से कोलवाशरी के खिलाफ फरियाद किया। ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग प्रस्तावित स्थल पर कोलवाशरी खोले जाने का विरोध करते हैं। अब से पहले पिछले दो बार आयोजित जनसभा में कोलवाशरी का विरोध किया है। एक बार फिर कोलवाशरी खोले जाने की तैयारी हो रही है। इस बार भी महावीर कोलवाशरी का विरोध किया जाएगा। हमारी मांग है कि स्थानीय लोगों के बीच शांति वातावरण कायम रहे। इसलिए कोलवाशरी को खोलने की अनुमति नहीं दी जाए। ग्रामीणों ने अपनी शिकायत में बताया कि महावीर कोलवाशरी ने फर्जीवाड़ा कर आदिवासियों की जमीन को हथियाया है। पिछली बार मामले में जांच का आदेश दिया गया। बावजूद इसके अभी तक ना तो जांच की कार्रवाई हुई और ना ही सींमांकन किया गया है। बार बार फरियाद के बाद भी नेता सुन नहीं रहे है। अधिकारी ग्रामीणों को वाशरी के इशारे पर धमकी दे रहे हैं। ऐसा लगता है कि अधिकारी अब कोलवाशरी के लिए काम कर रहे हैं। कलेक्टर ने ग्रामीणों को न्याय का आश्वासन दिया।
पथर्रा और खरगहनी के किसान आज कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर प्रस्तावित महावीर कोल वाशरी का विरोध किया। कलेक्टर को अपनी लिखित शिकायत में बताया कि प्रस्तावित स्थल की जमीन को फर्जीवाड़ा कर आदिवासियों से हड़पा गया है। आदिवासियों की पूरी जमीन गलत तरीके से खरीद फरोख्त हुई है। स्थानीय लोग इस बात का लगातार विरोध कर रहे हैं। बावजूद इसके उन्हें प्रबंधन की तरफ से लगातार धमकी दी जा रही है। पहले तो जमीन को एक आदिवासी ने खरीदा..फिर महावीर कोलवाशरी ने पूरी जमीन खरीद लिया। ऐसा किया जाना नियम के खिलाफ है। हम जानते हैं कि जिस आदिवासी ने स्थानीय आदिवासियों से जमीन खरीदा है..वह बाहरी है।
ग्रामीणों की अगुवाई कर रहे उदय सिंह ने बताया कि पिछली बार शिकायत के बाद सीमांकन का आदेश दिया गया। बावजूद इसके अभी तक सीमांकन का कार्य नहीं किया गया। अधिकारी कोलवाशरी प्रबंधन के इशारे पर काम कर रहे है। जनता पर पुलिस का दबाव बनाया जा रहा है। विरोध करने पर एफआईआर दर्ज किया जा रहा है। प्रबंधन के लोग जान से मारने की धमकी दे रहे है। उदय सिंह ने बताया कि जब तब अधिकारी गांव पहुंचकर धमकी दे रहे हैं कि यदि विरोध करना बन्द नहीं किया तो एफआईआर दर्ज कर जिन्दगी बरबाद कर देंगे।
कलेक्टर से उदय ने कहा कि हम अपने बच्चों के भविष्य को लेकर परेशान हैं। अधिकारी सुन नहीं रहे हैं..नेताओं पर विश्वास नहीं है। अब आखिरी उम्मीद कलेक्टर से ही है..हमें न्याय चाहिए। यदि यहां से भी निराश होना पड़ा तो हम आमरण अनशन के लिए तैयार हैं। भले चाहे जान चली जाए..पीछे नहीं हटेंगे।उदय सिंह ने बताया कि कलेक्टर ने न्याया का आश्वासन दिया है।