रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग द्वारा विभागीय कार्य के अलावा शिक्षकों को अपने व्यक्तिगत मोबाइल पर नए-नए एप्लीकेशन (एप) डाउनलोड करने के लगातार दिए जा रहे फरमानों से शिक्षकों में गहरी नाराजगी है।
शिक्षकों का आरोप है कि नित नए निर्देशों के कारण उनका शिक्षकीय कार्य प्रभावित हो रहा है, क्योंकि वे कक्षा में पूरा समय देने के बजाय मोबाइल के माध्यम से विभाग को जानकारी भेजने में व्यस्त रहते हैं।
वर्तमान में शिक्षकों को दीक्षा एप, विनोबा एप, स्वयम, टीबीसी बुक, इको क्लब, सीजीवीएसआर एप, ई जादुई पिटारा, अमृता एप जैसे दर्जनभर से अधिक एप पर ऑनलाइन एंट्री करनी पड़ रही है।
इसके बाद अब कुछ जिलों में ऑनलाइन अटेंडेंस के लिए भी नया एप डाउनलोड कराया गया है। साथ ही, रोजाना यू डाइस, अपार आईडी समेत दर्जनों अन्य ऑनलाइन कार्य भी कराए जा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ व्याख्याता संघ ने शिक्षा विभाग के इन निर्देशों का कड़ा विरोध किया है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राकेश शर्मा, महामंत्री राजीव वर्मा, संयुक्त सचिव दिलीप कुमार राहंगडाले, सचिव माणिक लाल मिश्रा, जिला अध्यक्ष अरूण साहू, प्रांतीय प्रवक्ता जितेन्द्र शुक्ला समेत अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षक इन सभी कार्यों के लिए स्वयं के मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं, जबकि विभाग की ओर से उन्हें न तो लैपटॉप और न ही एंड्रायड फोन उपलब्ध कराया गया है। साथ ही, इन कार्यों के लिए उन्हें कोई अतिरिक्त मानदेय भी नहीं दिया जाता।
संघ के पदाधिकारियों ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि व्यक्तिगत मोबाइल पर इतने सारे एप डाउनलोड करने से उनका निजी डाटा भी खर्च हो रहा है, और सबसे बड़ी बात यह है कि शिक्षकों में साइबर फ्रॉड को लेकर भी चिंता बढ़ गई है।
क्योंकि उन्हें अपने व्यक्तिगत डिवाइस पर संवेदनशील विभागीय जानकारी साझा करनी पड़ रही है। उनका कहना है कि इस बोझ के कारण शिक्षक कक्षा में अध्यापन कार्य पर ठीक से ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं।