रिटायर्ड रेलवे अधिकारी से 3.80 लाख की ठगी: साइबर धोखाधड़ी की नई वारदात

ग्वालियर। रिटायर्ड रेलवे अधिकारी सुधाकर यादव के साथ एक चौंकाने वाली धोखाधड़ी की घटना सामने आई है, जिसमें उन्हें ₹3,80,000 का रिश्वत जैसा झांसा देकर ठगा गया है।

इस मामले ने साइबर अपराध की चुनौतियों को फिर से उजागर कर दिया है।

बताया गया है कि धोखेबाजों ने तकनीकी चालबाज़ी के जरिए अभिनेत्री आभासी दबाव बनाया और अधिकारी को यह विश्वास दिलाया कि यदि वह तुरंत राशि नहीं देगा तो उसे गंभीर कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उधर, अधिकारी के खाते से अवांछित लेन-देन कर लिए गए, और जब उन्हें धोखाधड़ी का एहसास हुआ, तब काफी देर हो चुकी थी।

पुलिस शिकायत मिलने के बाद तुरंत सक्रिय हुई और मामले की जांच शुरू कर दी है।

बैंक और डिजिटल लेन-देन रिकॉर्ड की समीक्षा की जा रही है। प्राथमिकी दर्ज कर व्यक्ति/ग्रुप की पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस घटना ने यह झटका दिया कि संवेदनशील पेंशनभोगी और सेवानिवृत्त अधिकारी भी साइबर धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हमें सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध कॉल, मैसेज या लेन-देन को तुरंत स्थानीय साइबर सेल या बैंक से सत्यापित करना चाहिए।

सेवानिवृत 64 वर्षीय सुधाकर यादव पुत्र सूर्यदेव यादव निवासी ईओडब्ल्यू ऑफिस के पास डीबी सिटी ब्लॉक-सी फ्लैट नंबर 6 ने बताया कि रोज की तरह वह सुबह घर पर बैठे हुए थे, तभी उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से वॉट्सऐप पर वीडियो काल आया और कॉल करने वाले ने उनसे बातचीत करते हुए बताया कि वह एक CBI अधिकारी बताया कि उनका फोन 2 घंटे के अंदर बंद कर दिया जाएगा।

जब सुधाकर यादव ने उससे पूछा कि उनका फोन क्यों बंद कर दिया जाएगा तो उसने बताया कि उनके ऊपर मनी लाॅन्ड्रिंग का केस है और आपके नाम पर किसी संदीप कुमार नाम के आदमी ने बैंक में खाता खोला है और आपके नाम से फोन उपयोग किया जा रहा है।

उसने अपने आपको CBI अधिकारी बताया और वह IPS अधिकारी की यूनिफॉर्म पहने हुए था और बोला में इस केस की जांच कर रहा हूं, आपके नंबर पर बैंक अकाउंट खुला है, जो मनी लाॅन्ड्रिंग में उपलब्ध हुआ है, तुम पर केस लगाया जाएगा।

डिजिटल अरेस्ट का यह छठवां मामला ग्वालियर में पिछले दिनों में डिजिटल अरेस्ट का यह छठवां मामला है। 6 दिसंबर 2024 को जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. विनोद दोनेरिया को डिजिटल अरेस्ट कर 50 हजार रुपए ठगे थे।

इससे पहले चार दिन पहले 2 दिसंबर 2024 को बिल्कुल इसी अंदाज में आयुर्वेदिक डॉक्टर को मनी लॉन्ड्रिंग केस में 29 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर ठगों ने 21 लाख रुपए ठगे थे। अब 10 महीने पहले 22 मार्च 2025 शनिवार को रेलवे विभाग के चीफ टीएनसी के पद से सेवानिवृत सुधाकर यादव को टारगेट किया है।

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