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पढें..IG ने क्यों दिया इन 10 लोगों को नगद…और बताया..गोल्डन ऑवर का मतलब…एसपी ने क्यों कहा..पुलिस के सामने बहुत बड़ी चुनौती
आईजी और कप्तान ने किया पुलिस चुनौती का खुलासा
बिलासपुर— आईजी कार्यालय स्थित आईजी डॉ.संजीव शुक्ला ने रेंज स्तरीय सायबर कार्यशाला को संबोधित किया। साथ ही पुलिस कप्तान ने भी उपस्थित लोगों को जिम्मेदारियों का अहसास कराया। डॉ.संजीव शुक्ला ने कहा कि सायबर मामलों में थाना स्तर पर पीड़तो को राहत दिलाने को लेकर ही सायबर कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस दौरान आईजी ने 10 प्रशिक्षर्णाधियों का ईनाम के साथ स्वागत किया। कार्यशाला में शामिल अलग अलग थानों में पदस्थ 122 प्रधान आरक्षकों को साइबर विशेषज्ञों ने सायबर ठगी को अंजाम देने वाले आरोपियों को पकड़ने का हुनर सिखाया।
पुलिस की महति जिम्मेदारी
सायबर क्राईम के पीड़ितों को समय पर राहत देना हमारी महति जिम्मेदारी है। यह बाते सिविल लाइन स्थित रक्षित केन्द्र स्थित सभागार में रेंज स्तरीय आयोजित सायबर कार्यशाला के दौरान आईजी डॉ.संजीव शु्क्ला ने कही। कार्यशाला का आयोजन आईजी की अगुवाई में किया गया। एक दिवसीय कार्यशाला में बिलासपुर रेंज जिलों के थानों में पदस्थ चुने गए आरक्षक और प्रधान आरक्षकों को प्रशिक्षित किया गया।
सायबर कार्यशाला को बिलासपुर पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने सायबर प्रशिक्षण के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। प्रशिक्षणाथियों को सायबर क्राईम से जुड़े मामलों की तकनीकी जानकारी को साझा किया। थानों में सायबर क्राईम पीड़ितों की तत्काल मदद करने को कहा।
सायबर अपराध बड़ी चुनौती
आईजी डॉ. संजीव शुक्ला ने उपस्थित लोगों को बताया कि वर्तमान समय में परंपरागत अपराधों की तुलना में सायबर अपराध बहुत पीड़ादायक है थानों में सायबर अपराध पीड़ितों की संख्या बढ़ी है। इसलिए अब प्रतेय्क थानों में सायबर की जानकारी रखने वाले पुलिस कर्मचारियों की सख्त जरूरत है। जिले के थानों से कम्प्यूटर की जानकारी रखने वाले आरक्षक,प्रधान आरक्षकों को ही चुनकर कार्यशाला में बुलाया गया है। प्रशिक्षण के बाद सभी को सायबर नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करना होगा। पुलिस के सामने वर्तमान आज सायबर अपराध बड़ी चुनौती है। तेजी से रोज नए-नए अपराध सामने आ रहे हैं। इसकी विवेचना वही कर सकेगा जिसे सायबर की जानकारी होगी। सलिए हर थाने में सभी कर्मचारियों को सायबर की बेसिक जानकारी होना जरूरी है। क्योंकि सायबर ठगी में ठगी के पैसे वापस रिकवर के लिए गोल्डन हॉवर होता है । बहुत ही महत्वपूर्ण समय होता है। सही प्रकिया से ठगी का पैसा वापस कराया जा सकता है।
क्या क्या सिखाया गया
सायबर कार्यशाला में विशेषज्ञों ने थाने में प्राथमिक कार्यवाही के साथ ही सायबर क्राईम की विवेचना की जानकारी दी। सायबर पोर्टल के उपयोग का तरीका बताया। प्रकरणों में सही तरीके से साक्ष्यों को प्रस्तुतिकरण का हुनर भी सिखाया गया।
दस विशेष को नगद ईनाम
सायबर कार्यशाला में दीपमाला कश्यप, जोनल पुलिस अधीक्षक, विशेष शाखा, बिलासपुर,अनुज कुमार, अतिरिक्त पुलिस कप्तान , ,प्रभाकर तिवारी, उप निरीक्षक, सायबर शाखा समेत सायबर मामलों के जानकार विक्कू सिंह, चिरंजीव कुमार और विकास राम ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित किया। बिलासपुर रेंज के जिला बिलासपुर के 17 ,रायगढ़ के 14, कोरबा के 24, जांजगीर-चांपा के 18, मुंगेली के 17, गौ.पे.म. के 4, सारंगढ़-बिलाईगढ़ के 10 एवं जिला सक्ती के 14 कुल के 122 कर्मचारी प्रशिक्षण का लाभ लिया। प्रशिक्षण से जुड़े विषयों पर परीक्षा का आयोजन किया गया। सर्वश्रेष्ठ करने वाले 10 प्रशिक्षणार्थियों को आईजी नगद पुरस्कार से सम्मानित किया।