Chhattisgarh

Pandit Pradeep Mishra katha-पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा, टेंट संचालक ने उखाड़ने की कोशिश की पंडाल; पुलिस ने टाला बड़ा हादसा

दुर्ग के ग्राम नगपुरा में पंडित प्रदीप मिश्रा की पांच दिवसीय कथा 17 से 21 दिसंबर तक चल रही है, जिसमें छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों से भी भारी भीड़ जुट रही है। विवाद की शुरुआत तब हुई जब टेंट संचालक ने आयोजन समिति पर वादाखिलाफी और भुगतान पूरा नहीं करने का आरोप लगाया। संचालक का दावा है कि पंडाल और विशाल डोम लगाने के लिए 1.15 करोड़ रुपये की डील हुई थी

Pandit Pradeep Mishra katha-छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के नगपुरा में आयोजित मशहूर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा के दौरान उस वक्त हड़कंप मच गया, जब पैसों के भुगतान को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि टेंट संचालक ने भरे हुए पंडाल को उखाड़ने की कोशिश की।

शुक्रवार को हुई इस घटना ने वहां मौजूद हजारों श्रद्धालुओं की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया था, लेकिन मौके पर तैनात पुलिस टीम की मुस्तैदी ने एक बड़ी अनहोनी और संभावित भगदड़ को टाल दिया।

पुलिस ने सख्त रुख अपनाते हुए टेंट संचालक को रस्सियां खोलने से रोका और हिदायत दी कि जन सुरक्षा के साथ किसी भी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

दरअसल, दुर्ग के ग्राम नगपुरा में पंडित प्रदीप मिश्रा की पांच दिवसीय कथा(Pandit Pradeep Mishra katha)  17 से 21 दिसंबर तक चल रही है, जिसमें छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों से भी भारी भीड़ जुट रही है।

विवाद की शुरुआत तब हुई जब टेंट संचालक ने आयोजन समिति पर वादाखिलाफी और भुगतान पूरा नहीं करने का आरोप लगाया। संचालक का दावा है कि पंडाल और विशाल डोम लगाने के लिए 1.15 करोड़ रुपये की डील हुई थी, लेकिन समिति ने अब तक केवल 25-30 लाख रुपये ही दिए हैं। बकाया राशि नहीं मिलने के कारण वह अपने कर्मचारियों को मजदूरी देने में असमर्थ है, जिससे नाराज होकर उसने कथा के बीच में ही पंडाल हटाने का फैसला ले लिया।

विवाद बढ़ते देख जब टेंट के कर्मचारियों ने डोम उखाड़ने की कोशिश की, तो वहां मौजूद श्रद्धालुओं में घबराहट फैल गई। शोर-शराबा और हंगामे की स्थिति को देखते हुए पुलिस बल तुरंत हरकत में आया।

पुलिस अधिकारियों ने दोनों पक्षों को समझाते हुए साफ किया कि कथा के बीच पंडाल उखाड़ना कानूनन गलत है, क्योंकि इससे वहां मौजूद हजारों लोगों के बीच भगदड़ मच सकती है और किसी की जान भी जा सकती है। पुलिस ने टेंट संचालक को सख्त चेतावनी दी कि भुगतान का विवाद निजी मामला है, जिसे कथा (Pandit Pradeep Mishra katha) संपन्न होने के बाद सुलझाया जाए, लेकिन बीच कार्यक्रम में जनहानि का जोखिम पैदा करना अपराध की श्रेणी में आएगा।

पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ और कथा को निर्बाध रूप से जारी रखा गया। आयोजन समिति और टेंट संचालक के बीच अब इस मामले को बातचीत के जरिए सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

फिलहाल, प्रशासन ने आयोजन स्थल पर अतिरिक्त चौकसी बरतने के निर्देश दिए हैं ताकि 21 दिसंबर तक चलने वाले इस धार्मिक आयोजन में दोबारा ऐसी स्थिति पैदा न हो। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए पुलिस ने दोनों पक्षों को शांतिपूर्वक कार्यक्रम संपन्न कराने की कड़ी हिदायत दी है।

Shri Mi

पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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