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MP News – नदियों का मायका कहे जाने वाले प्रदेश में नदियों के उद्गम स्थलों का संरक्षण जरूरी

मंत्री पटेल इंजीनियरिंग कॉलेज झाबुआ में पंच सरपंच सम्मेलन में शामिल हुए। महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया और स्थानीय जन-प्रतिनिधियों ने मंत्री श्री पटेल का स्वागत जिले की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करती झुलडी, साफा, तीर कमान और गुड़िया भेंट कर किया।

MP News/पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा हैं। अभियान में खेत तालाब, अमृत सरोवरों एवं अन्य जल संग्रहण संरचनाओं के निर्माण के साथ पुरानी संरचनाओं के जीर्णोद्धार, साफ सफाई का कार्य किया जा रहा हैं।

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उन्होंने कहा कि यह अभियान दूरगामी और तत्वरित रूप से परिणाम देने के साथ ही मानसून के पूर्व जल संरचनाओं को तैयार किए जाने के लिये किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को नदियों का मायका कहा जाता है। यह आवश्यक है कि नदियों के उद्गम का भ्रमण किया जाए और नदियों को में पानी को उपलब्धता बनी रहे इसके लिए परिणामदायी प्रयास किए जायें।

इसी उद्देश्य से पिछले वर्ष से अब तक उन्होंने 63 और जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत विगत एक माह में 32 नदियों के उद्गम का भ्रमण किया हैं। उन्होंने कहा कि बड़ी नदियों के संरक्षण के साथ छोटी नदियों का भी संरक्षण आवश्यक है। जिससे नदियों के स्त्रोत सूखने ना पाए, जल स्तर में हो रही कमी को दूर किया जा सके और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए आज से प्रयास किए जाए।

मंत्री पटेल इंजीनियरिंग कॉलेज झाबुआ में पंच सरपंच सम्मेलन में शामिल हुए। महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया और स्थानीय जन-प्रतिनिधियों ने मंत्री श्री पटेल का स्वागत जिले की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करती झुलडी, साफा, तीर कमान और गुड़िया भेंट कर किया।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि पौध-रोपण को प्राथमिकता देना होगा। पौधे को वृक्ष बनने तक संरक्षण किया जाए। उन्होंने कहा कि हमारे बूढ़े बुजुर्गों द्वारा विभिन्न पद्धतियों का उपयोग करते हुए प्रकृति का संरक्षण किया गया लेकिन आज बदलती जीवन शैली में हम उन परंपराओं को भूलते जा रहे हैं। भविष्य की पीढ़ी के साथ न्याय हो इसलिए जरूरी है कि प्रकृति का संरक्षण धारणीय विकास की अवधारणा के आधार पर किया जाए।

उन्होंने सरपंचों से आग्रह करते हुए कहा कि गांधी की ग्राम स्वराज की अवधारणा अनुसारपंचायत की आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की कार्ययोजना बनाए, जल संरक्षण के लिए प्रयास करे और क्षेत्र के विकास में अपना योगदान दें। ग्राम पंचायतों के विकास के लिए उन्होंने ग्राम पंचायत भवनों की नई डिजाइन के आधार पर 37.5 लाख लागत से 3 मंजिल तक निर्माण किए जाने, सरपंचों को 25 लाख रुपए तक वित्तीय अधिकार दिए जाने, 5वें वित्त और स्टांप मद में इस वित्तीय वर्ष में बजट बढ़ाए जाने के प्रावधानों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत एक वर्ष में 589 कार्य और संपर्कता अभियान के तहत पहले चरण में 806 फलियों और द्वितीय चरण में 755 फलियों तक सड़क बनाए जाने का लक्ष्य पूर्ण किया जायेगा।

कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों से पधारे सरपंचों से प्रधानमंत्री आवास योजना, जल गंगा संवर्धन अभियान, जिले में पेसा एक्ट के तहत की गई गतिविधियों और ग्रामीण विकास की अवधारणा के बारे में चर्चा की।

कार्यक्रम में विगत वर्ष जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत सीड बॉल्स बिखेरने सम्बंधी डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया जिसकी सफलता के प्रतिशत की जानकारी प्राप्त कर मंत्री श्री पटेल ने प्रसन्नता व्यक्त की।

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