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Monsoon 2025- छत्तीसगढ़ में बारिश पर ‘ब्रेक’! तरबतर मई के बाद अब 5 दिन ‘ड्राई स्पेल’, गर्मी दिखाएगी तेवर, जानें आपके जिले का हाल!

अगर पिछले 24 घंटों के मौसम पर नजर डालें तो प्रदेश में सबसे अधिक तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस बिलासपुर में दर्ज किया गया, जबकि सबसे कम तापमान 23.8 डिग्री सेल्सियस गौरेला-पेंड्रा-मरवाही का रहा।

Monsoon 2025/रायपुर: छत्तीसगढ़ में पिछले एक सप्ताह से झमाझम बरस रहे बादल अब कुछ थमने वाले हैं। मौसम विभाग के अनुसार, सिनॉप्टिक सिस्टम में आए बदलाव के चलते आज से बारिश की गतिविधियों में कमी आने की संभावना है और अगले 5 दिन प्रदेश में ‘ड्राई स्पेल’ यानी शुष्क मौसम रह सकता है।

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इसका मतलब है कि बहुत ज्यादा बारिश होने की उम्मीद नहीं है, और इसके साथ ही औसतन तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है, जिससे गर्मी एक बार फिर अपने तेवर दिखा सकती है।

आज इन 5 जिलों में ही बारिश का ‘यलो अलर्ट’:

मौसम विभाग ने आज यानी शनिवार के लिए केवल सरगुजा, जशपुर, जगदलपुर, बस्तर और बीजापुर समेत 5 जिलों में ही ‘यलो अलर्ट’ जारी किया है। इन जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई है। साथ ही, 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं। इसके अलावा, प्रदेश के बाकी अन्य जिलों में मौसम सामान्य रहने का अनुमान है।

पिछले 24 घंटों का मौसम और मई का ‘बारिशी रिकॉर्ड’:

Monsoon 2025/अगर पिछले 24 घंटों के मौसम पर नजर डालें तो प्रदेश में सबसे अधिक तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस बिलासपुर में दर्ज किया गया, जबकि सबसे कम तापमान 23.8 डिग्री सेल्सियस गौरेला-पेंड्रा-मरवाही का रहा।

यह मई का महीना छत्तीसगढ़ के लिए बारिश के लिहाज से काफी यादगार रहा है। मानसून के जल्द आने और सप्ताहभर सक्रिय रहे पश्चिमी विक्षोभ व अन्य मौसमी सिस्टमों के कारण हुई झमाझम बारिश ने मई को पूरी तरह तरबतर कर दिया। प्रदेश के अधिकांश जिलों में मई के 30 दिनों में सामान्य से बहुत अधिक बारिश दर्ज की गई है। आपको जानकर हैरानी होगी कि दंतेवाड़ा जिले में तो सामान्य से 2788 फीसदी तक अधिक वर्षा हुई है, जो एक रिकॉर्ड है!

मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश के 29 में से केवल 4 जिलों में ही औसत से कम बारिश हुई है (गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हैं)। इस तरह, 24 जिलों में औसत से कहीं ज्यादा बारिश हो चुकी है, जिसने गर्मी से तो राहत दी लेकिन कुछ जगहों पर परेशानी भी खड़ी की।

आमतौर पर मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून होती है। लेकिन इस साल मानसून ने 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल में दस्तक दे दी थी। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर मानी जाती है। अगर इस साल मानसून अपने नियमित समय पर ही लौटता है, तो मानसून की कुल अवधि 145 दिन रहेगी। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर इस बीच मानसून ब्रेक (बारिश में लंबा अंतराल) की स्थिति नहीं बनती है, तो मानसून के जल्दी आने का फायदा छत्तीसगढ़ समेत देश के कई हिस्सों को मिल सकता है।

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