Madhya Pradesh-मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना की राशि बढ़ी, विपक्ष ने उठाए सवाल: 4 लाख करोड़ के कर्ज और केंद्र से कम फंड पर गरमाई सियासत

Madhya Pradesh/मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना का बीजेपी सरकार बनाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है, और अब सरकार ने इस योजना के तहत मिलने वाली राशि को 1250 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये कर दिया है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को सीएम आवास में 1 करोड़ 27 लाख बहनों के खातों में सीधे 250 रुपये की राशि ट्रांसफर की, जिससे अब उन्हें प्रतिमाह 1,500 रुपये मिलने शुरू हो गए हैं। मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया, राज्यमंत्री कृष्णा गौर सहित अन्य बीजेपी नेता मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि लाड़ली बहना योजना केवल आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने का एक अभियान है।

उन्होंने यह भी बताया कि अब तक इस योजना के अंतर्गत 44,917.92 करोड़ रुपये की राशि सीधे बहनों के खातों में पहुंचाई जा चुकी है, और बहनों की खुशी, सुरक्षा व आत्मविश्वास ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

हालांकि, इस बीच विपक्ष ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। विपक्ष ने राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र पर भी निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार पर 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार ने राज्य को तय 44 हजार करोड़ रुपये में से मात्र 8 हजार करोड़ रुपये ही दिए हैं, जिससे अन्य योजनाओं का बुरा हाल है। विपक्ष का कहना है कि सरकार किसी तरह लाड़ली बहना योजना को तो चला रही है, लेकिन बाकी योजनाओं का बुरा हाल है।

कांग्रेस का तर्क है कि राज्य सरकार वैसे तो बड़े-बड़े दावे कर रही है कि उन्हें केंद्र से भरपूर सपोर्ट मिल रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और है। यह भी सही है कि सरकार पर 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है, ऐसे में सरकार अपना वादा पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। विपक्ष यह अनुमान लगा रहा है कि चुनाव आने तक सरकार कर्ज लेकर ही सही लेकिन महिलाओं को 3 हजार रुपये दे सकती है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि चालू वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में केंद्र ने राज्य को तय 44,355.95 करोड़ रुपये में से मात्र 8,027.12 करोड़ रुपये (18.07%) जारी किए हैं।

पटवारी ने इसे प्रदेश की वित्तीय सेहत और विकास योजनाओं के लिए बेहद चिंताजनक बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य की तथाकथित डबल इंजन सरकार तालमेल की बजाय टकराव की स्थिति में है, जिसके चलते प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, ई-बस योजना, मेडिकल कॉलेज और केन-बेतवा परियोजना जैसे महत्वपूर्ण काम ठप पड़े हैं।

पटवारी ने यह भी दावा किया कि जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण केंद्र ने फंड रोक दिया है, जिससे सरकार की जवाबदेही और पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे केंद्र से राशि जारी कराने की पहल करें, भ्रष्टाचार के मामलों की निष्पक्ष जांच करवाएं और रुकी हुई योजनाओं को प्राथमिकता से आगे बढ़ाएं। कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव बरौलिया का कहना है कि सरकार सिर्फ घोषणाएं ही कर रही है।

वहीं, कांग्रेस के इन आरोपों को लेकर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने पलटवार किया है। उनका कहना है कि कांग्रेस तो हमेशा से ही महिला विरोधी रही है। शर्मा ने सवाल उठाया कि लाड़ली बहनों के खाते में पैसे भेजे जा रहे हैं तो कांग्रेस के पेट में क्यों दर्द हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इसी विरोध के कारण आज कांग्रेस सत्ता से बाहर है।

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