
income tax what is standard deductions- किस सेक्शन के तहत मिलती है स्टैंडर्ड डिडक्शन में राहत?
income tax what is standard deductions/वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में मिडिल क्लास को बड़ी राहत देते हुए ऐसा ऐलान किया, जिसकी उम्मीद लंबे समय से की जा रही थी। इस बार सरकार ने वेतनभोगियों के लिए टैक्स में भारी छूट दी है, जिससे उनकी इनकम पर टैक्स का बोझ काफी कम हो जाएगा। अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा, जिससे करोड़ों नौकरीपेशा लोगों को सीधा फायदा मिलेगा।
income tax what is standard deductions/स्टैंडर्ड डिडक्शन को लेकर भी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब नौकरीपेशा लोगों के लिए 12.75 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री होगी, क्योंकि 12 लाख की आय छूट के साथ ही स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ भी मिलेगा। पिछले बजट 2024 में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया था, जिससे सैलरीड क्लास को पहले ही कुछ राहत मिली थी। इसके अलावा, पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर छूट को भी 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करने का प्रस्ताव दिया गया था।
income tax what is standard deductions/स्टैंडर्ड डिडक्शन एक ऐसी सुविधा है, जिससे नौकरीपेशा व्यक्ति की कुल इनकम से एक निश्चित राशि पहले ही घटा दी जाती है। इससे उनकी टैक्सेबल इनकम कम हो जाती है और टैक्स का बोझ हल्का पड़ता है। यह नियम इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 16 के तहत शामिल किया गया है।
income tax what is standard deductions/खास बात यह है कि चाहे किसी टैक्सपेयर्स की सालाना आय ज्यादा हो या कम, सभी को एक निश्चित राशि तक डिडक्शन की अनुमति मिलती है।
income tax what is standard deductions/स्टैंडर्ड डिडक्शन की शुरुआत सबसे पहले 1974 में हुई थी, लेकिन कुछ समय बाद इसे बंद कर दिया गया। हालांकि, 2018 के यूनियन बजट में इसे दोबारा लागू किया गया और तब से इसे लगातार बढ़ाया जा रहा है। 2018 में इसकी लिमिट सिर्फ 5,000 रुपये थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है।
यह नौकरीपेशा और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहत है, जो उनके वित्तीय स्थिरता को मजबूत करने में मदद करेगी।
बजट 2025 में किए गए इन ऐलानों से नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग को आर्थिक मजबूती मिलेगी। सरकार के इस कदम से लोगों की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ेगी और वे अधिक बचत और निवेश कर सकेंगे। टैक्स छूट और स्टैंडर्ड डिडक्शन में हुए इस सुधार से न सिर्फ वेतनभोगियों को राहत मिलेगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी सकारात्मक बढ़ावा मिलेगा।