
निगम चुनावः इस वार्ड में भितरघात की जंग..यहां कार्यकर्ताओं का मिल रहा भरपूर समर्थन…लेकिन अपनों के बीच में फंस गए भाजपा के प्रिय बन्धू
पढ़ें भाजपा मेयर की दौड़ में शामिल प्रत्याशियों की चुनावी स्थिति
बिलासपुर—नगर निगम बिलासपुर के लिए 70 पार्षद और मेयर के लिए 11 फरवरी को सुबह आठ से शाम पांच बजे के बीच मतदान किया जाएगा। एक दिन पहले यानी 10 फरवरी को शाम पांच बजे के बाद चुनाव प्रचार प्रसार बन्द हो गया है। प्रत्याशी गली गली की खाक छानकर जनता से आशीर्वाद मांग रहे है। सोशल मीडिया और फेसबुक से अपनी बातों को मजबूती के साथ रखते हुए वोट डालने की अपील कर रहे है। सीजी वाल टीम ने भी चुनाव प्रचार के अंतिम दिन शहर की गली गली का खाक छानते हुए जनता के मूड को भांपने का प्रयास किया। इस दौरान टिकट मिलने से पहले मेयर की रेस में शामिल पार्षद प्रत्याशियों की स्थिति का जानने का भी प्रयास सीजीवाल ने किया। दोनो पार्टियों के मेयर को लेकर जनता से संवाद किया। पढ़िये मेयर रेस में शामिल पूर्व दावेदारों और कुछ बड़े पार्षद प्रत्याशियों वार्ड स्थिति ।
क्या हाल है वार्ड क्रमांक 40 का हाल
वार्ड क्रमांक 40 मतलब शहर का सबसे बड़ा और रसूखदार वार्ड है। वार्ड को महाराणा प्रताप नगर कहा जाता है। वर्तमान भाजपा दुर्गा सोनी मजबूती के साथ कांग्रेस प्रत्याशी के सामने डटे है। वार्ड में एन्टी इन्कैन्सी है। लेकिन इससे ज्यादा खतरनाक स्थिति भिरतघात का सामने भाजपा प्रत्याशी को करना पड़ रहा है। अन्दर ही अन्दर भाजपा के बूध कार्यकर्ता और अध्यक्ष प्रत्याशी के खिलाफ काम कर रहे हैं। बिजली पानी नाली की समस्या आम बात है। सबसे बड़ी समस्या भितरघात की है। भाजपा प्रत्याशी को इस बात की जानकारी है। बावजूद इसके सामने अपेक्षाकृत कम अनुभवी प्रत्याशी का फायदा भाजपा पार्षद को मिलते हुए दिखाई दे रहा है।
क्या हाल है वार्ड क्रमांक 18 का हाल
वार्ड क्रमांक 18 को तिलक नगर कहा जाता है। आरक्षण के पहले माना जा रहा था कि उप मुख्यमंत्री अरूण साव के करीब राजेश सिंह चुनाव लड़ेंगे। लेकिन वार्ड अन्य पिछड़ा महिला वर्ग को चला गया। वार्ड से पूर्व पार्षद लक्ष्मी नारायण कश्यप मेयर के दावेदारों में शामिल थे। दावेदारी से बाहर होने के बाद बबलू कश्यप की पत्नी अंजली कश्यप पार्षद प्रत्याशी है। यहां की सबसे बड़ी समस्या विस्थापितों की है। बिजली पानी सड़क सामान्य परेशानी है। प्रारम्भ में कहा जा रहा था कि अंजली कश्यप को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन आज की स्थिति में राजेश सिंह का भरपूर समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी की स्थिति बहुत मजबूत भी नहीं है।
क्या हाल है वार्ड क्रमांक 30 का हाल
वार्ड क्रमांक 30 का नाम पंडित मुन्नूलाल शुक्ला वार्ड है। कांग्रेस से श्रवण श्रीवास्तव का मुकाबला पूर्व मेयर 6 बार के पार्षद वर्तमान में मेयर के दावेदार करने वाले भाजपा नेता विनोद सोनी से है। विनोद सोनी को अच्छी टक्कर मिल रही है। यह वार्ड व्यापार जगत से रिश्ता रखने वालों का है। क्षेत्र को पुराना बिलासपुर भी कहा जाता है। विनोद सोनी की अच्छी पकड़ है। लेकिन उन्हें एन्टी इन्कैम्बैसी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन 6 बार की जीत और जातिगत समीकरण के कारण लोग विनोद सोनी को मजबूत मान रहे है। यदि उलटफेर हो जाए तो आश्चर्य की बात नहीं होगी। लेकिन अन्तिम में इसकी संभावना कम ही है।
क्या हाल है वार्ड क्रमांक 36 का हाल
वार्ड क्रमांक 36 से मेयर की रेस, में शामिल रहे बन्दू मोर्य भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं। वार्ड का नाम बसंत भाई पटेल नगर है। भाजपा छोड़ चुके निर्देलीय प्रत्याशी मजबूती के साथ वार्ड में जमे है। लोगों की माने तो 15 सौ से उमेश चन्द्र कुमार का खाता खुल रहा है। बन्दू मौर्य पैसे से मजबूत लेकिन जनता में कमजोर साबित होने नजर आ रहे है। बिजली पानी पेंशन,नाली आम समस्या है। कमजोर होनी की वजह जिस क्षेत्र से बन्दू मोर्च आते हैं..उसी क्षेत्र से सन्दीप वाजपेयी और सन्नी रजक का भी रिश्ता है। जनमन को टटोललने के बाद जानकारी मिल रही है कि मुकाबला निर्दलीय प्रत्याशी उमेश चन्द्र कुमार और कांग्रेस प्रत्याशी संदीप वाजपेयी के बीच है।
क्या हाल है वार्ड क्रमांक 60 का हाल
कपिल नगर मतलब वार्ड क्रमांक 60 । यहां मुख्य मुकाबला भाजपा से मेयर दौड़ में शामिल विजय ताम्रकार और कांग्रेस प्रत्याशी सुजीत मिश्रा के बीच है। वार्ड ब्राम्हण बाहुल्य है। लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी प्रचार के अन्तिम दिनों मे कमजोर होते नजर पाये गये। बतयाा जा रहा है कि इसकी मुख्य वजह भाजपा कार्यकर्ता मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। स्थानीय लोगों की माने तो कांग्रेस का प्रचार बाहर के लोग कर रहे हैं। विजय की छवि भी अच्छी है। जनता का भरपूर साथ है। पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल का वार्ड भ्रमण विजय के लिए लाभदायक साबित हो रहा है।
क्या हाल है वार्ड क्रमांक 45 का हाल
वार्ड क्रमांक 45 मतलब शहीद हेमू कालानी नगर। भाजपा ने यहां से बल्लभराव को मैदान में उतारा है। यह वार्ड पूजा विधानी और अशोक विधानी का है। भाजपा मजबूत स्थिति में है। जीत का अन्तर भी बहुत होगा। स्थानीय लोग विधानी को मेयर प्रत्याशी बनाये जाने पर खुश है।
क्या हाल है वार्ड क्रमांक 52 का हाल
दिलचस्प वार्ड है। इस वार्ड से पिछली बार कांग्रेस प्रत्याशी वर्तमान जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी को जीत मिली थी। इस बार कांग्रेस से दिलीप पाटिल और भाजपा के दिनेश सिंह के बीच मुकाबला है। लोग खुलकर कुछ नहीं बोल रहे है। यहां बिजली पानी की समस्या आम है। दिनेश गुरू जी को मुद्दों पर फायदा होते दिखाई दे रहा है। लेकिन दिलीप पाटिल की वार्ड में अच्छी लोकप्रियता है। गरीब तबकों में पाटिल बहुत मशहूर हैं। लोग कहते हैं कि सीट फंस गयी है। यदि दिलीप को जीत मिलती है तो इसकी वजह उनकी सामाजिक परोपकारी छवि को जाएगा।
क्या हाल है वार्ड क्रमांक 55 का हाल
वार्ड क्रमांक 55 से पूर्व कांग्रेस नेता और वर्तमान में भाजपा चेहरा बन गए विष्णु यादव की बहन मनोरमा मैदान में है। विष्णु यादव की लेमैन छवि, पुराना चुनावी अनुभव काम आएगा। अच्छे रणनीति कार के साथ ही जनता मं विष्णु यादव की छवि ठीक है। तमाम बैरियर के बाद भी मनोरमा का पलड़ा भारी है।
क्या हाल है वार्ड क्रमांक 29 का हाल
वार्ड क्रमांक 29 को कांग्रेस के दिग्गज नेता शेख गफ्फार के नाम से जाना जाता है।यहां बागियों ने कांग्रेस को बैकपुट पर धकेल दिया है। यद्यपि पूर्व पार्षद शेख गफ्फार के भाई मोहम्मद असलम मैदान में मजबूती के साथ डटे है। फिलहाल उनके लिए चुनाव आसान होता नहीं दिख रहा है। मोहम्मद असलम की जीत में गफ्फार की भूमिका संभव है। लेकिन हार बागी प्रत्य़ाशी कार्टर रेड्डू की उपस्थिति भारी पड़ सकती है। मतलब फायदा भाजपा प्रत्याशी मधुसूदन को मिल सकता है। लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि आज भी शेख गफ्फार लोगों के दिल में है। समस्या अपनी जगह है..
क्या हाल है वार्ड क्रमांक 31 का हाल.
इस वार्ड से दिग्गज कांग्रेस नेत्री शहजादी कुरैशी और भाजपा नेत्री गृहणी छवि रखने वुाली कुन्तल ताम्कार से है। लोगों के बीच शहजादी कुूरैशी की अच्छी छवि है। लेकिन लम्बे समय से पार्षद रहने के कारण लोग बदलाव चाहते है। भाजपा प्रत्याशी का नाता शहर के गणमान्य परिवार से है। लेकिन नितान्त गृहणी है..लोगों को लगता है कि सहज उपलब्ध रहने वाली शहजादी कुरैशी की तरह कुन्तल ताम्रकार की सामान्य उपस्थिति मुश्किल है। कुन्तल पहली बार चुनाव लड़ रही है। इसलिए साफ छवि रखनी वाली शहजादी कुरैशी का कोई विकल्प नहीं है। बावजूद इसके मुकाबला दिलचस्प होगा।
क्या हाल है वार्ड क्रमांक 54
वार्ड से राजेश दुसेजा भाजपा चुनाव लड़ रहे हैं। जनता परेशान है…दुसेजा को इस बार पार्टी कार्यकर्ताओं के भीतरघात का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी के बागी प्रत्याशी राजेश दुसेजा की जीत को मुश्किल में डाल दिया है। मतलब सीट फंस गयी है। यद्यपि दुसेजा चुनाव के कुशल रणनीति कार हैं।
क्या हाल है वार्ड क्रमांक 62 का हाल
शास्त्री नगर वार्ड में कांग्रेस के दिग्गज नेता राजेश शुक्ला की पत्नी सीमा शुक्ला का मुकाबला भाजपा की कमला जाधव से है। वार्ड के लोगों में सीमा शुक्ला से कोई शिकायत नहीं है। राजेश शुक्ला शहर के चर्चित कांग्रेस चेहरा है। कई बार पार्षद भी है …यहां शिकायत तो बहुत है। लेकिन जनता का मानना है कि सीमा शुक्ला की जीत के बाद सारी शिकायतें राजेश शुक्ला दूर कर देंगे।
क्या हाल है वार्ड क्रमांक 63 का हाल
यहां से भाजपा प्रत्याशी श्याम साहू की जीत निश्चित है। जनता में अच्छी छवि है। कार्यकर्ता और जनता में श्याम साहू के प्रति अच्छा उत्साह देखने को मिल रहा है। श्याम साहू की कार्यशाली ही जीत का मंत्र साबित होगा।