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Corona Active Cases- कोरोना का ‘कमबैक’! एक्टिव केस 3700 पार, 24 घंटे में 6 मौतें, बूस्टर डोज वाले भी चपेट में, जानें किन राज्यों में मचा है हड़कंप

बढ़ते मामलों को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने शनिवार को एक पब्लिक एडवाइजरी जारी की है। इसमें लोगों से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर अनिवार्य रूप से मास्क लगाने, शारीरिक दूरी बनाए रखने और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की अपील की गई है। साथ ही, बुखार, खांसी, सीने में दर्द या सांस लेने में दिक्कत होने पर तुरंत कोरोना जांच कराने की सलाह दी गई है।

Corona Active Cases : नई दिल्ली: देश में एक बार फिर कोरोना वायरस का साया मंडराने लगा है। पिछले कुछ दिनों से कोविड-19 के मामलों में तेजी से हो रही बढ़ोतरी चिंता का विषय बन गई है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 3726 हो गई है। केरल 1336 सक्रिय मामलों के साथ सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है, वहीं महाराष्ट्र में 749 और राजधानी दिल्ली में 375 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं। चिंता की बात यह है कि बीते 24 घंटों में ही देशभर में 700 से ज्यादा नए कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं।

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Corona Active Cases : कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या भी बढ़कर 28 हो गई है। पिछले 24 घंटों में ही 6 लोगों की इस जानलेवा वायरस से मौत हुई है। शनिवार को बेंगलुरु में एक 63 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई, जिन्हें कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज के साथ बूस्टर डोज भी लगी हुई थी। वहीं, दिल्ली में भी एक 60 वर्षीय बुजुर्ग ने कोरोना के कारण दम तोड़ दिया। महाराष्ट्र में अब तक सबसे ज्यादा 7 लोगों की जान इस संक्रमण से जा चुकी है।

बढ़ते मामलों को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने शनिवार को एक पब्लिक एडवाइजरी जारी की है। इसमें लोगों से भीड़-भाड़ वाली जगहों पर अनिवार्य रूप से मास्क लगाने, शारीरिक दूरी बनाए रखने और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की अपील की गई है। साथ ही, बुखार, खांसी, सीने में दर्द या सांस लेने में दिक्कत होने पर तुरंत कोरोना जांच कराने की सलाह दी गई है।

उधर, मिजोरम में भी शुक्रवार को 2 लोगों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में इस तरह का आखिरी मामला सामने आने के लगभग 7 महीने बाद कोविड के ये नए केस मिले हैं। मिजोरम में कोविड-19 का आखिरी मामला अक्टूबर 2024 में सामने आया था, उस दौरान राज्य में 73 लोग वायरस से संक्रमित हुए थे। फिलहाल, दोनों मरीजों का इलाज आइजोल के पास फल्कोन में स्थित जोरम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (ZMCH) में चल रहा है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के इंटीग्रेटेड रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) ने लोगों से न घबराने की अपील करते हुए कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने, नियमित रूप से हाथ धोने, हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचने की सलाह दी है।

महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में भी कोरोना की दस्तक:

Corona Active Cases :महाराष्ट्र सरकार ने बताया कि शनिवार को राज्य में कोविड के 68 नए मामले सामने आए, जबकि मुंबई में जनवरी 2025 से अब तक कुल 749 केस मिल चुके हैं। जनवरी से अब तक राज्य में 9592 कोविड-19 टेस्ट किए जा चुके हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर में भी गुरुवार को कोविड-19 के दो मामले सामने आए थे। दोनों मरीज केरल के रहने वाले हैं और श्रीनगर के गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं।

भारत में मिले 4 नए कोरोना वैरिएंट, JN.1 सबसे आम:

भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में हो रही इस बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए कोरोना वैरिएंट भी मिले हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से लिए गए नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग में LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के वैरिएंट पाए गए हैं। अन्य जगहों से भी नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की मौजूदगी का पता लगाया जा सके। हालांकि, डॉ. बहल ने कहा कि ये मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, बस सतर्क रहना चाहिए।

क्या कहते हैं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विशेषज्ञ?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इन नए वैरिएंट्स को फिलहाल ‘चिंताजनक’ (Variant of Concern) नहीं माना है, लेकिन इन्हें ‘निगरानी में रखे गए वैरिएंट’ (Variant Under Monitoring) के रूप में वर्गीकृत किया है। चीन सहित एशिया के कई अन्य देशों में कोविड के बढ़ते मामलों के पीछे यही वैरिएंट देखे जा रहे हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, NB.1.8.1 वैरिएंट के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन इसे अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलने में मदद करते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर कम होता है।

Corona Active Cases : भारत में फिलहाल कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यही वैरिएंट मिल रहा है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन के अन्य सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिल रहे हैं।

JN.1 वैरिएंट कितना खतरनाक?

JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का ही एक स्ट्रेन है, जिसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया था। इसमें लगभग 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इसे इम्यूनिटी को कमजोर करने और तेजी से फैलने में मदद करते हैं।

अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर बीमारी का कारण नहीं बनता है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है। JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक रह सकते हैं। यदि आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो यह ‘लॉन्ग कोविड’ का संकेत हो सकता है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।

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