CG NEWS:साय कैबिनेट की मीटिंग सोमवार को ,बीएड डिग्री धारी शिक्षकों के मामले में हो सकता है फैसला
CG NEWS:बिलासपुर: (मनीष जायसवाल ) सोमवार को करीब तीन बजे विष्णु देव साय सरकार की कैबिनेट बैठक होने वाली है।नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की दहलीज पर करीब 6 दिनों बाद फिर से सोमवार को होने वाली मंत्री परिषद की बैठक महत्वपूर्ण हो सकती है। जब भी कोई कैबिनेट की बैठक होती है तो उसे बैठक को लेकर कई तरह के कयास लगाए जाते हैं। इसी क्रम में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस कैबिनेट की बैठक में अन्य विषयों के अलावा सरकार करीब 2900 बीएड के डिग्री धारी सहायक शिक्षकों और कर्मचारियों के बकाया महंगाई भत्ते के लिए कोई महत्वपूर्ण फैसला ले सकती है। हालाकि यह विषय स्कूल शिक्षा विभाग का निर्णय है।इस पर विभागीय निर्णय लेना पर इस विषय पर चर्चा भी हो सकती है।राज्य में सरकार केंद्र के समान महंगाई भत्ता देना है यह इस सरकार का वादा भी है।
अभी सबका ध्यान बीएड शिक्षकों की ओर है छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से करीब 2900 बीएड धारी शिक्षकों के लिए सुप्रीम कोर्ट तक की पक्ष रखने और उसमें मिली हार के बाद चार बार की छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की अवमानना याचिका लगने पर भी अब तक इन शिक्षकों को सेवा से नहीं निकाला जाना यह संकेत भी देता है कि राज्य सरकार सहायक शिक्षक के पद पर सेवा दे रहे हैं बीएड योग्यता धारी शिक्षक को के साथ शुरू से सुहानुभति रखती है वह इनके साथ अन्याय नहीं करना चाहती है इसलिए बीच का रास्ता इस कैबिनेट की बैठक में निकालते हुए करीब 2900 शिक्षकों की नौकरी भी बच जाए और हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए डीएड किए हुए अभ्यर्थियों को भी नौकरी दे दी जाए इसका समाधान समाने आ सकता ऐसे कयास है।
हो सकता है कि इस कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय न हो लेकिन सवाल अभी बरकरार है कि बीएड धारी शिक्षकों की सेवा बचाए रखने के विकल्प क्या है ..?
क्योंकि इनके हटने और डीएड धारी चयनित शिक्षकों के आने का अब समय करीब आ चुका है।
देखा जाए तो इन बीएड धारी 2900 सहायक शिक्षकों को बचाने के विकल्प सरकार के पास बहुत ही कम है…। सरकार इन शिक्षकों को वन टाइम रिलैक्सेशन देखकर शिक्षक के पद पर पदोन्नति कर सकती है या फिर स्वामी आत्मानंद की तर्ज पर संविदा शिक्षक के रूप में नया कैडर बनाते हुए सेवा देने का अवसर दे सकती है। या फिर नई शिक्षक भर्ती में इनको महत्व दे सकती है।
इसमें सिर्फ शिक्षक के पद पर पदोन्नति और वन टाइम रिलैक्सेशन देने पर ही बहुत बड़ा विवाद सामने आ सकता है।
तकनीकी रूप से शिक्षक पात्रता का विषय भी है। वही इस निर्णय में सरकार को प्रदेश के एलबी से लेकर पूर्व नियमित शिक्षक, प्राचार्य संवर्ग का विरोध झेलना पड़ सकता है। क्योंकि यह वर्ग पदोन्नति के लिए बड़े लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं उनकी पदोन्नति हुई नहीं है। व्याख्याता ,प्राचार्य की पदोन्नति हुई नहीं है और सबसे बड़ी बात सहायक शिक्षक अपने बहुत जूनियर
सहायक शिक्षक की शिक्षक के पद पर पैराशूट पदोन्नति कैसे देख सकते हैं ..।
सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति का मुद्दा आज भी सुर्खियों में है। हालांकि बाकी के लिए किसी को कोई तकलीफ होनी चाहिए। इन शिक्षकों के लिए सभी के मन में सुहानुभूति है।
सभी की नजर आज होने वाली कैबिनेट की बैठक पर ही है। विशेष कर कर्मचारियों की जिसमें सरकार उनके हितों को लेकर क्या फैसला लेती है।