तखतपुर के छोटे से गांव से UNO की यात्रा…आनन्द ने बढ़ाया छत्तीसगढ़ का मान….मिला अप्रवासी भारतीय सम्मान…कहा..वैश्विक जगत में भारत का जलवा
पत्रकार वार्ता में पाण्डेय ने खोला सफलता का राज
बिलासपुर/बेलसरी तखतपुर निवासी छत्तीसगढ़ का सपूत आनन्द पाण्डेय ने बिलासपुर ही नही छत्तीसगढ़ और भारत का मान सम्मान बढ़ाया है। बिलासपुर के लिए गौरव का विषय है कि तखतपुर के एक छोटे से गांव में जन्मे आनंद पांडे को राज्योत्सव कार्यक्रम के दौरान राजधानी रायपुर में भारत के उप राष्ट्रपति जगदीश धनगड़ ने छत्तीसगढ़ अप्रवासी भारतीय सम्मान से नवाज़ा है।
मूल रूप से तखतपुर बेलसरी निवासी आनंद पांडे संयुक्त राष्ट्र संघ मुख्यालय न्यूयार्क में पिछले 22 साल से डिप्लोमेट की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति के प्रचार – प्रसार की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभा रहे हैं। छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग की तरफ से राज्योत्सव पर जिन विभूतियों का सम्मान किया गया है, उनमें आनंद पांडे का भी नाम शामिल हैं।
पाण्डेय को छत्तीसगढ़ अप्रवासी भारतीय सम्मान दिया गया है। यह सम्मान देश के बाहर अप्रवासी भारतीय की ओर से सामाजिक कल्याण, साहित्य, मानव संसाधन, निकाय अथवा आर्थिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया जाता है।
राजधानी रायपुर में आयोजित राज्योत्सव में देश के उपराष्ट्रपति जगदीश धनकड़ के हाथों उन्हे सम्मान प्रदान किया गया है। तखतपुर के बेलसरी गांव में जन्म आनंद कुमार पाण्डे का जन्म तखतपुर के बेलसरी गांव में 19 सितंबर 1977 को हुआ । पिता दुर्गा प्रसाद पांडे बाल्को के महाप्रबंधक के रूप में अपनी सेवाएं दीं है।
47 वर्षीय आनंद पांडे वर्तमान में न्यूयार्क के किस्सेना बीएलबीडी में रहते हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय न्यूयार्क में मुख्य इकाई 4, एफएआरएस, वित्त प्रभाग, प्रबंधन विभाग, नीति और अनुपालन विभाग में पदस्थ हैं। उन्होने वैश्विक प्रतिस्पर्धा में तीसरी रैंक के साथ अंतरराष्ट्रीय सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की। अंतरराष्ट्रीय सिविल सेवा आयोग, कानूनी मामलों के कार्यालय, आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग, संयुक्त राष्ट्र संयुक्त कर्मचारी पेंशन फंड, वित्तीय नीति और आंतरिक नियंत्रण, ट्रेजरी, वित्तीय विश्लेषण और रिपोर्टिंग अनुभाग में कार्यरत हैं। मानव विकास पुरस्कार आनंद पांडे ने वर्ष 2007 में यूएनडीपी मानव विकास पुरस्कार जीतने वाले छत्तीसगढ़ राज्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होने महासचिव संयुक्त राष्ट्र और सीएनएन के साथ कार्यक्रम का समन्वय किया। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय संस्कृति और अनुभव को बढ़ावा देने के लिए सोसायटी के नाम से जाने जाने वाले भारतीय क्लब का गठन किया ।
संयुक्त राष्ट्र में छत्तीसगढ़ राज्य और समृद्ध संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदर्शनी का आयोजन भी किया । यूएनओ में महति जिम्मेदारी संयोग है कि आनंद पांडे इन दिनों दीपावली मनाने के लिए अवकाश पर बिलासपुर आए हैं। उन्होने मंगला चौक 36 मॉल के करीब अपने माता – पिता , परिवार और मित्रों के साथ त्यौहार मनाया ।
इसी दौरान छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण अलंकरण के लिए उनके चयन की खुशख़बरी मिली। मिलनसार, हंसमुख और सहयोगी स्वभाव के धनी आनंद पांडे बहुत सहज और सरल हैं।
यूएनओ जैसी संस्था में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हुए भी आनन्द पाण्डेय अपने गांव और आसपास के लोगों के साथ काफ़ी सहजता- सरलता और आत्मीयता के साथ मिलते हैं। छत्तीसगढ़ अप्रवासी भारतीय सम्मान के लिए उनके चयन पर परिजन और मित्रों ने खुशी ज़ाहिर की है । भारत दुनिया का महत्वपूर्ण राष्ट्र पत्रकारों से बातचीत के दौरान आनन्द पाण्डेय ने बताया कि साल 2010 से भारत की स्थिति वैश्विक जगत ही नहीं बल्कि यूएनओ में मजबूत हुई है। भारत को बहुत मान सम्मान से देखा जाता है।
भारत की बातों को गौर भी किया जाता है। पाण्डेय ने सवाल जवाब के दौरान बताया कि यूएनओ का भारत फाउन्डर सदस्यों में से एक है। दुनिया के कार्यक्रमों और अभियान में भारत की तरफ से यूएनओ को बड़ी और महति भागीदारी है। निश्चित रूप से अमेरिका में सरकार बदली है।
नई सरकार का प्रभाव भी यूएनओ पर पड़ता है। अमेरिका यूएनओ को सर्वाधिक फण्ड भी देता है। हर संभव करूंगा सहयोग आनन्द पाण्डेय ने बताया कि वैश्विक शांति,आर्थिक सहयोग, गरीबी उन्मूलन समेत संस्था से वैश्विक स्तर पर चलाए जा रहे अभियान में यूएनओ की अहम् भूमिक होती है।
चाहे रूस-यूक्रेने हो या इसराइल- फिलस्तीन के बीच जंग हो..हर जगह यूएनओ शांति स्थापित करने में आगे है। और यूएनओ की आवाज को दुनिया के देश सुनते भी है। उन्होने बताया कि निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि भारत की आर्थिक स्थिति बेहतर है। अफ्रीका महाद्वीप के देशों की आर्थिक और मानवाधिकार की हालत दयनीय है। यूएनओ हमेशा आर्थिक सहयोग के साथ ही अन्य सहयोग प्रदान करता है। दुूनिया भी सहयोग करती है। उन्होने बताया कि साल 2007 में छत्तीसगढ़ सरकार की अच्छी योजनाओं के कारण प्रदेश को वैश्विक स्तर पर सम्मान मिला है।
आनन्द पाण्डेय ने सवाल जवाब के दौरान यूएनओ तक पहुंचने की कहानी को साझा किया। उन्होने बताया कि सब कुछ संभव है..बशर्ते लगन और दिशा बेहतर हो। यदि छत्तीसगढ़ का कोई भी छात्र या व्यक्ति उनसे किसी प्रकार का सहयोग चाहता है…वादा करता हूं कि उनके विश्वास पर खरा उतरूंगा।