
Chhattisgarh Bharat Mala Project – भारतमाला भू-अर्जन घोटाला.. रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर में करोड़ों की धोखाधड़ी, ACB ने 6 को किया गिरफ्तार
Chhattisgarh Bharat Mala Project -रायपुर। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक प्रस्तावित इकॉनमिक कॉरिडोर में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है।
Chhattisgarh Bharat Mala Project – एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर विशेष भ्रष्टाचार निवारण अदालत में चालान पेश किया है।
ACB की जांच में सामने आया है कि वर्ष 2020 से 2024 के बीच करोड़ों रुपये के मुआवजा घोटाले को अंजाम दिया गया। लोकसेवकों और कुछ अन्य लोगों ने आपराधिक साजिश रचकर पहले से अधिग्रहित भूमि को दोबारा शासन को बेच दिया और फर्जी तरीके से मुआवजा ले लिया। इतना ही नहीं, असली जमीन मालिकों के नाम पर किसी और को मुआवजा दिलवाया गया और निजी भूमि को फर्जी तरीके से विभाजित कर सरकारी तिजोरी से करोड़ों रुपये की चपत लगाई गई।
इस घोटाले में जल संसाधन विभाग के दो सेवानिवृत्त अमीन—गोपाल राम वर्मा और नरेंद्र कुमार नायक—के साथ खेमराज कोसले, पुनुराम देशलहरे, भोजराम साहू और कुंदन बघेल को गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपियों को आज 16 जुलाई को विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम), रायपुर में पेश किया गया।
Chhattisgarh Bharat Mala Project -जांच में यह भी सामने आया कि भू-अर्जन से जुड़ी रिपोर्टों में जानबूझकर ग़लत जानकारियां दी गईं। राजस्व विभाग के कुछ फरार अधिकारियों की मिलीभगत से खाता विभाजन और अन्य प्रक्रियाओं में गंभीर फर्जीवाड़ा किया गया। किसानों से अवैध रूप से कमीशन वसूला गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह घोटाला गहरी साजिश का हिस्सा था।
ACB ने इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) और IPC की कई गंभीर धाराओं—467, 468, 471, 420 और 120B—के तहत प्रकरण दर्ज किया है। मामले में अन्य संदिग्धों की तलाश और जांच जारी है।