बिना अनुमति बेच दिया सरकारी पट्टा की जमीन…कलेक्टर ने उठाया बड़ा कदम…बिक्री निरस्त कर शासकीय पट्टा को किया निरस्त
तुलसी राम को शासन ने नवम्बर 1962 में प्रदान किया जमीन
बिलासपुर—शासन से मिले पट्टे की जमीन को बिना अनुमति बेचे जाने की शिकायत को कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुए पट्टा निरस्त कर दिया है। मामला मस्तूरी विकास खण्ड के ग्राम कुटेला का है। नवम्बर 1962 में यह जमीन शासन ने गुजर बस के लिए तुूलसीराम चंदेल को पट्टा पर दिया था। चुूंकि जमीन शासकीय मद से दिया गया था। इसलिए बेचे जाने से पहले कलेक्टर की अनुमति जरूरी था। लेकिन विक्रेता और क्रेता ने ऐसा नहीं किया।मामला म्स्तूरी विकासखण्ड के ग्राम कुटेला गांव का है।
शासन से पट्टे पर मिली जमीन को कलेक्टर के बिना अनुमति पट्टाधारी ने दूसरे को बेच दिया। मामले में शिकायत और सुनवाई के बाद कलेक्टर अवनीश शरण ने तत्काल प्रभाव से जमीन का पट्टा निरस्त कर दिया है।
मस्तूरी विकासखण्ड के ग्राम कुटेला स्थित खसरा नंबर 16/11 कुल 1.64 एकड़ पट्टे की भूमि बिना कलेक्टर की अनुमति बेची गयी। जमीन 6 नवंबर 1962 को शासन ने तुलसी राम पिता चंदेल को खसरा नंबर 10/5 में से 1.64 एकड़ भूमि पट्टे में दिया। इससे जाहिर होता है कि वाद जमीन शासकीय पट्टे में दिया गया है।जानकारी देते चलें कि कि प्रस्तुत वाद भूमि के विक्रय अभिलेख 25 अगस्त 2020 के अनुसार खसरा नंबर 10/11 रकबा 1.64 एकड़ असिंचित कन्हार एक फसली जमीन है।
जमीन मालिक ने आम मुख्तियार के माध्यम से बोदरी निवासी कृष्ण कुमार कौशिक को बेचा। जबकि शासकीय पट्टे से प्राप्त भूमि के विक्रय की अनुमति संबंधित पंजीकृत दस्तावेज पेश नहीं किया गया।
तुलसी पिता चंदेल के नाम पर दर्ज जमीन को पट्टेधारी के नाती ने बिना अनुमति शासकीय पट्टे से प्राप्त भूमि को बेच दिया।मामले की सुूनवाई करते हुए कलेक्टर अवनीश शरण ने छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता की धारा 165 और धारा 158 के उल्लंघन का मामला मानते हुए ग्राम कुटेला, प.ह.न. 62, तहसील मस्तूरी स्थिति भूमि, खसरा नंबर 16/11, रकबा 1.64 एकड़ भूमि का जारी पट्टा तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है।