Diwali Par Kya Karna Chahiye/दिवाली का ये त्योहार खुशियों और समृद्धि का पर्व है, जिसका बेसब्री से इंतजार किया जाता है। शास्त्रों में दीवाली की रात को ‘सुखरात्रि’, ‘दीपालिका’, ‘व्रतप्रकाश’ और ‘सुख सुप्तिका’ जैसी शुभ संज्ञाएं दी गई हैं।
Diwali Par Kya Karna Chahiye/ऐसी मान्यता है कि इस पावन रात्रि को माता लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करने आती हैं और जो कोई सच्चे मन से उनकी पूजा-अर्चना करता है, उसके घर में धन-धान्य की कभी कोई कमी नहीं रहती। शास्त्रों में दिवाली पर किए जाने वाले बहुत से महत्वपूर्ण कार्यों का जिक्र किया गया है, जो हमारी खुशहाली, सुख-भाग्य और आर्थिक तरक्की से जुड़े हुए हैं। यहां हम उन सभी महत्वपूर्ण कार्यों और उपायों पर चर्चा करेंगे, जिससे आप भी उनका उचित फायदा उठाकर अपने जीवन में सुख-समृद्धि ला सकें।
दिवाली पर क्या करें: जानिए मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय/Diwali Par Kya Karna Chahiye
1. विशेष तेल मालिश और स्नान:
दिवाली के दिन भी शरीर पर तेल मालिश करने के बाद स्नान करना चाहिए। स्नान के लिए पीपल, गूलर, आम, बरगद और पाकड़ के पेड़ों की छाल (जो भी उपलब्ध हो) को पानी में उबालकर उस पानी से स्नान करें। माना जाता है कि इस दौरान लक्ष्मी जी तेल में और गंगा सभी जलों में निवास करती हैं। लिहाजा, इस दिन तेल से मालिश के बाद इस प्रकार स्नान करने से लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और धन-धान्य की वृद्धि होती है।
2. देव-पितरों की पूजा और पार्वण श्राद्ध:
दिवाली पर देव-पितरों की पूजा करनी चाहिए और दही, दूध व घी से पार्वण श्राद्ध करना चाहिए। साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। किसी पर्व पर किए गए श्राद्ध को पार्वण श्राद्ध कहते हैं, जो पितरों की शांति और आशीर्वाद के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।
3. पान का पत्ता और कुमकुम:
दिवाली के दिन परिवार में एक-दूसरे को पान का पत्ता देना चाहिए और कुमकुम लगाना चाहिए। यह प्रेम, सम्मान और आपसी संबंधों में मधुरता का प्रतीक है। इस दिन रेशमी वस्त्र और आभूषण धारण करना भी शुभ माना जाता है, क्योंकि यह उत्सव और समृद्धि को दर्शाता है।
4. चावलों का शुभ प्रयोग और दीपक:
इस दिन कुमारियों को घर में चावल बिखेरने चाहिए, लेकिन हमारी संस्तुति यह है कि आप चावलों को बिखेरने के बजाय घर के दरवाजों पर आटे की सहायता से चिपका दें। यह धन और अन्न की देवी लक्ष्मी के आगमन का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही विजय के लिए दीपक जलाकर उसकी लौ पूरे घर में दिखानी चाहिए, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है।
5. प्रदोष काल में दीप प्रज्ज्वलन:
दिवाली पर शाम के समय प्रदोष काल में मंदिर आदि पवित्र स्थलों पर दीपक जलाने चाहिए। इसके बाद घर में सभी जगहों पर दीपक जलाने चाहिए, जिससे पूरा घर प्रकाशमय हो जाए। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है और माता लक्ष्मी को आकर्षित करता है।
6. व्यापारियों के लिए बही-खाता पूजन:
दिवाली पर्व व्यापारियों के लिए विशेष महत्व रखता है। व्यापारी लोग इस दिन अपने पुराने बही-खातों को बंद करके नए खाते खोलते हैं और उनकी विधिवत पूजा करते हैं। लक्ष्मी पूजा के समय बही-खाते रखे जाते हैं और उनकी रोली-चावल से पूजा की जाती है। फिर उन्हें भैया दूज के दिन से काम में लिया जाता है। व्यापारी अपने मित्रों और अन्य व्यापारियों को आमंत्रित करते हैं और उनका पान व मिठाइयों से सम्मान करते हैं, जो व्यापार में वृद्धि और संबंधों की मधुरता का प्रतीक है।
7. मां लक्ष्मी के साथ कुबेर जी की पूजा:
दिवाली की शाम के समय मां लक्ष्मी और श्री गणेश के साथ ही धन के देवता कुबेर जी की भी विशेष पूजा की जाती है। जिस प्रकार मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है, उसी प्रकार कुबेर जी को धन का देवता माना जाता है। मान्यता है कि जिस घर में ये दोनों निवास करते हैं, वहां पर धन की कभी कोई कमी नहीं होती। इसलिए उनकी एक साथ पूजा करना अत्यंत फलदायी होता है।