ठेकेदार खपा रहा हवाला का पैसा…कालेधन को करता है गोरा…और धड़ल्ले से कर रहा घटिया निर्माण..जनप्रतिनिधि मौन
सरकारी निर्माण में हवाला कारोबारी का रूपया..बूझो कौन
बिलासपुर—सोचकर विश्वास नहीं होगा..लेकिन सच है…शहर ही नहीं बल्कि जिले के कई सड़कों भवनों और नालियों का घटिया निर्माण हवाला के रूपयों से हो रहा है। यहां तक कि स्कूल भवन निर्माण में हवाला का पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है। इसी के साथ निर्माण और भुगतान के खेल में माहिर ठेकेदार काला रूपया सफेद करने के बाद हवाला कारोबारी के खजाना में पहुंच रहा है। इस खेल में निगम समेत अन्य विभागों के अधिकारी भी शामिल हैं। लेकिन अधिकारियों को चिन्ता नहीं है कि ठेकेदार शहर का बन्टाधार कर रहा है। और जनता की गाढ़ी कमाई को रसूखदार हवाला कारोबारी तक पहुंचा रहा है।
इस जनप्रतिनिधि ने लगायी रोक
मजेदार बात है कि ठेकेदार के घटिया निर्माण के खेल से जिले के जनप्रतिनिधि अच्छी तरह से वाकिफ हैं। बावजूद इसके पहले से ही मौन अधिकारियों की तरह उन्होने भी मौन साध लिया है। जिसके चलते ठेकेदार का घटिया निर्माण जनता के सिर पर फूट रहा है। लेकिन इस बीच एक जानकारी ठण्डक देने वाली है कि एक जनप्रतिनिधि ने अपने क्षेत्र में बीलो टेन्डर भरने वाले ठेकेदार के काम काज पर रोक लगा दिया है।
आधे दाम में पूरा काम
शहर से लेकर गांव तक..निजी से लेकर सरकारी निर्माण तक..सभी जगह गुणवत्ताहीन काम को लेकर इस समय जनता में भयंकर आक्रोश है। जानकारी देते चलें सरकारी निर्माण कार्य सरकारी एजेंसियां ठेकेदारों से करवाती हैं। इसमें कुछ ठेकेदार अधिकारी पसंद होते है। खासकर शहर का एक ठेकेदार ऐसा ठेकेदार अधिकारियों को बहुत पसंद है..जो जो बड़ा से बड़ा निर्माण आधे से कम टेन्डर में करने की ताकत रखता है। अधिकारियों को पता है कि ठेकेदार हवाला के पैसों से ना केवल अधिक लागत के काम को कम लागत में कर देता है। बल्कि काला पैसों को गोरा कर हवाला कारोबारी को भी लौटा देता है।
घटिया निर्माण में हवाला का रूपया
दस्तावेजों से मिली जानकारी के अनुसार चेहता ठेकेदार चार अलग अलग फर्म पर ठेका लेता है। फर्म के कुछ पार्टनर बड़े बड़े संस्था से जु़ड़े है। लेकिन इसमें से एक पीडब्लडी जिला पंचायत और निगम में कम टेन्डर में ठेका उठाता है। सरकारी भवनों के मरम्मत से लेकर नए भवन का निर्माण करता है। ठेकेदार को घटिया सड़क निर्माण में महारत हासिल है। स्मार्ट सिटी का ज्यादातर काम चेहेते ठेकेदार के पास ही है। अधिकारियों को अच्छी तरह से मालूम है कि ठेकेदार ने कहीं घटिया निर्माण किया है तो कहीं बिना काम किए भुगतान ले लिया है। एवज में काले कारोबार में ईमानदारी की कीमत भी देता है।
क्या अधिकारी कराएंगे जांच
बताते चलें कि कुछ दिनों पहले ही कलेक्टर ने मरम्मत और नए निर्माण में गुणवत्ता को लेकर जांच का आदेश दिया था। जांच प्रतिवेदन में बताया गया कि निर्माण कार्य में घटिया सामाग्री का उपयोग हुआ है। कलेक्टर ने तत्काल पीडबल्डी को ठेकेदार के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आदेश दिया।… क्या यह संभव है कि निगम और पंचायत प्रशासन भी चेहेते ठेकेदार के निर्माण कार्य का परीक्षण कराएगा। और घटिया निर्माण के खिलाफ सख्त कदम उठाएगा। फिलहाल ऐसा संभव होता नजर नहीं आता है। क्योंकि अधिकारी भी ठेकेदार के पार्टनर के रूप में काम कर रहे हैं।
हवाला का रूपया जमीन और ठेकेदारी में
पुख्ता जानकारी के अनुसार रसूखदार ठेकेदार कम से कम कीमत में स्मार्ट सिटी ही नहीं बल्कि भवन निर्माण का काम करता है। जबकि इतने कम रूपयों में गुणवत्ता वाला काम नामुमकिन होता है। निर्माण कार्य में शहर का रसूखदार परिवार काला पैसा लगाता है। इसके अलावा फर्म के पार्टनर हवाला का रूपया जमीन कारोबार में भी लगाते हैं। काला पैसा ठेकेदारी में काम आने के बाद गोरा होकर कारोबारी के पास पहुंच जाता है। सवाल उठता है कि क्या फर्जीवाड़ा और निगम के घटिया निर्माण के लिए जिम्मेदार चहेते ठेकेदार के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई होगी। फिलहाल ऐसा होता तो नजर नहीं आता है। लेकिन जल्द ही सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।