बाबा गुरु घासीदास के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी करने वाला आरोपी गिरफ्तार, वीडियो सोशल मीडिया में हुआ था वायरल

रायगढ़।रायगढ़ जिले में बाबा गुरु घासीदास के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना से सतनामी समाज में भारी आक्रोश फैल गया। समाज के लोगों ने आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की, जिसके बाद मामला प्रदेश के वित्तमंत्री और रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी के संज्ञान में आने पर पुलिस ने तेजी दिखाते हुए मुख्य आरोपी विजय राजपूत को गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार, आरोपी विजय राजपूत ने शराब के नशे में बाबा गुरु घासीदास जी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। इस वीडियो के सामने आते ही रायगढ़ में तनाव की स्थिति बन गई। सतनामी समाज के लोगों ने थाने पहुंचकर प्रदर्शन किया और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की।

मामला जब वित्त मंत्री ओपी चौधरी के संज्ञान में आया, तो उन्होंने तत्काल पुलिस अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद रायगढ़ पुलिस ने देर रात छापेमारी कर विजय राजपूत को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि आरोपी को सिग्नल चौक से कोर्ट ले जाया गया, जहां उसे पेश करने से पहले जिला अस्पताल में मेडिकल जांच कराई गई। आरोपी विजय राजपूत को गिरफ्तार कर जब कोर्ट ले जाया जा रहा था, तो पुलिस ने उसका जुलूस सिग्नल चौक से कोर्ट तक निकाला। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौके पर मौजूद थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी शराब के नशे में था और उसने वीडियो बनाते समय कई अभद्र बातें कही थीं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जब विजय राजपूत यह वीडियो रिकॉर्ड कर रहा था, तब उसके साथ दो अन्य युवक भी मौजूद थे। पुलिस अब उन दोनों की भी पहचान कर रही है और जल्द गिरफ्तारी की संभावना है। इस घटना के बाद न केवल सतनामी समाज, बल्कि सिंधी समाज ने भी आरोपी से दूरी बना ली है। सिंधी समाज की बैठक में निर्णय लिया गया कि विजय राजपूत का समाज से कोई संबंध नहीं रहेगा। बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर आरोपी को समाज से निष्कासित कर दिया गया। वहीं सतनामी समाज ने रायगढ़ पुलिस और विधायक ओपी चौधरी की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है। सोशल मीडिया पर भी बड़ी संख्या में लोग #JusticeForSatnamiCommunity और #ArrestVijayRajput जैसे हैशटैग के साथ पोस्ट कर रहे हैं। कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने लिखा कि “बाबा गुरु घासीदास जी पर टिप्पणी करना न केवल एक धार्मिक अपमान है, बल्कि यह समाज की आस्था पर भी चोट है।”

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