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सरगांव हादसाः80 टन राख का पहाड़ गिरा..डम्पर का निकाला कचूमर..1 मजदूर की मौत…3 गायब …मालिक, मैनजर फरार..चल रहा रेस्क्यू अभियान..मुख्यमंत्री ने दिया आदेश

गुरूवार को मुख्यमंत्री दौरा के पहले सरगांव मे बड़ा हादसा

बिलासपुर—गुरूवार को प्रदेश के मुख्या विष्णुदेव साय के बिलासपुर प्रवास के ठीक पहले मुंगेली जिले के सरगांव तहसील स्थित रामबोड़ में स्पंज प्लान्ट में बड़ा हादसा सामने आया। प्लान्ट के एस सायलो से 80 टन राख गिरने से मौके पर ही एक मजदूर की मौत हो गयी है। साथ ही तीन मजदूर अभी तक लापता है। रेस्क्यू अभियान चलाकर अभी तक गायब तीनों मजदूरों की तलाश की जा रहा है। बताया जा रहा है कि प्रबंधन की लापरवाही से बड़ा हादसा हुआ है। मामले में मुख्यमंत्री ने स्थानीय जिला प्रशासन को मुआवजा से लेकर मामले में जांच पड़ताल का आदेश दिया है। आज सुबह जिला प्रशासन की रेस्क्यू टीम लगातार अभियान चलाकर राख हटाने के साथ गायब तीन मजदूरों की तलाश कर रही है। घटना के दौरान राख लेने पहुंचा डम्बर भी राख के नीचे दफन है। जबकि इंजन बाडी की कचूमर निकल गयी है।  

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             गुरूवार की दोपहर जब मुंगेली और बिलासपुर जिला प्रशासन मुख्यमंत्री साय के दौरा कार्यक्रम के प्रबंधन में व्यस्त था। ठीक उसी समय जानकारी मिली कि मुंगेली जिले के सरगांव स्थित रामबोड़ में स्पंज आयरन प्लान्ट में बड़ा हादसा हो गया है। हादसे में कुछ मजदूरों की मौत हो गयी है।

चारो तरफ राख का गुबार

         घटना की जानकारी मिलते ही मुंगेली जिला प्रशासन मौके पर पहुंच गया। छानबीन के दौरान और प्रबंधन समेत स्थानीय लोगों से हादसे की जानकारी मिली। सूत्र ने बताया कि हमेशा की तरह स्पंज आयरन से राख का उत्पादन भी होता है। गुरूवार को दोपहर करीब एक बजे डम्पर में आटोमेटिक कन्टेनर से राख भरने का काम किया जा रहा था। ठीक इसी दौरान ऐस सायलो यानी राख कन्टेनर से भारी मात्रा में राख का पहाड़ नीचे स्थित डम्पर और काम करने वाले मजदूरों पर गिर गया। और इसके बाद क्षेत्र में राख का गुबार ही गुबार देखने को मिला। हादसे की जानकारी के बाद लोगों ने घटना स्थल की तरफ दौडने लगे। तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

एक मजदूर की मौत तीन गायब

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       प्रबंधन के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि स्पंज आयरन का बाय प्रोडक्ट राख का हमेशा उत्पादन होता है। हमेशा की तरह एक डम्पर राख के कन्टेनर के नीचे खड़ा हुआ। कन्टेनर में राख की क्षमता करीब 120 टन है। कुछ की माने तो 80 टन है। नीचे डम्पर रखने के बाद मजदूर ने धीरे धीरे खोलने के वजाय तेजी से नोजल खोल दिया। इसके अन्य मजदूर दूसरा काम कर रहे थे। यकायक नोजल खुलने से एक साथ करीब 80 से 120 राख सीधे मजदूरों और डम्पर पर गिरा। डम्पर का इंजन दूर जाकर गिरा। जबकि कुल चार मजदूर राख के ढेर में समा गए। इसमें एक मजदूर को किसी तरह बाहर निकाला गया और आनन फानन में श्री केयर अस्पताल में भर्ती कराया गकया। तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। मृतक मजदूर का नाम  मनोज है और दगोरी का रहने वाला है।

            इसी दौरान जानकारी मिली कि तीन मजदूर गायब है। और तीनों इस समय राख के पहाड़ में दबे है। बहरहाल कल से आज सुबह तक जिला प्रशासन का रेस्क्यू अभियान जारी है। और गायब तीनों मजदूरों का पता लगाया जा रहा है। खबर लिखे जाने तक युद्ध स्तर पर राख हटाने का काम किया जा रहा है।

पांच मालिक और मैनेजर

 जानकारी देते चलें कि कुसुम स्मेल्टर प्लान्ट रामबोड़ में स्थित है। प्रारम्भिक जानकारी के अनुसार फर्म का मालिकाना अधिकार आदित्य अग्रवाल समेत पांच लोगों के पास है। अन्य चार मालिकों में दो का नाम विशाल और सतीश अग्रवाल है। पांचो पार्टनर फिलहाल गायब हैं। घटना के बाद प्लान्ट मैनेजर अमित केड़िया भी फरार है।

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शिकायत और घनघोर लापरवाही

बताते चलें कि ग्रामीण क्षेत्र में होने के कारण प्लान्ट की सुरक्षा को लेकर ना तो जिला प्रशासन सजग है। और ना ही उद्योग विभाग ने कभी गंभीरता  दिखाया है। सूत्र की माने तो प्लान्ट का संचालन भारी लापरवाही के साथ किया जा रहा था। मजदूरों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर प्लांट प्रबंधन पूरी तरह से लापरवाह है। अकुशल मजदूरों से प्लान्ट का काम कराया जाता है। प्रबंधन पर जब तब आर्थिक और मानसिक शोषण का आरोप लगा है। प्लान्ट में सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा की सुविधा है नहीं।  बावजूद इसके प्रशासन ने शिकायतों और आरोपो को कभी गंभीरता से नहीं लिया। यदि लिया जाता तो शायद भयंकर हादसे को टाला जा सकता था।

 मुख्यमंत्री ने दिया आदेश

हादसे की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जिला मुंगेली प्रशासन समेत बिलासपुर प्रशासन को जरूरी निर्देश दिया। मामले में पड़ताल करने को कहा है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। हादसे में प्रभावित मजदूरों को लेकर दुख जाहिर किया है। उन्होने प्रशासन को मुआवजा समेत अन्य गतिविधियों को गंभीरता से लेने को कहा है।

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