
Rakshsbandhan 2025-इस बार रक्षाबंधन पर नहीं रहेगा भद्राकाल, दिनभर बांध सकेंगी राखी
इस वर्ष का रक्षाबंधन धार्मिक, ज्योतिषीय और पारिवारिक सभी दृष्टियों से अत्यंत शुभ और मंगलकारी रहने वाला है।
Rakshsbandhan 2025 इस बार केवल एक पारंपरिक पर्व नहीं, बल्कि ग्रह-नक्षत्रों की अनूठी संगति और धार्मिक आस्थाओं की विशेष छाया में मनाया जाएगा।
9 अगस्त को पड़ने वाला यह पावन त्योहार इस बार बिना किसी भद्राकाल की बाधा के आएगा, जिससे बहनों को पूरे दिन भाइयों को राखी बांधने का सुनहरा अवसर मिलेगा।
पंडित के अनुसार, इस वर्ष रक्षाबंधन पर सुबह 6:18 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक का समय बेहद शुभ रहेगा।
इस अवधि में सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जो हर कार्य को पूर्णता देने वाला माना जाता है। यही नहीं, इस दिन पूर्णिमा तिथि पर श्रवण नक्षत्र का संयोग बन रहा है, और चंद्रमा मकर राशि में स्थित रहेंगे।
मकर राशि और शनिवार दोनों के स्वामी शनि देव हैं, जबकि श्रवण नक्षत्र के अधिपति स्वयं भगवान विष्णु हैं। इस पर्व पर सौभाग्य योग भी बन रहा है, जो ब्रह्मा जी से जुड़ा हुआ है।
Rakshsbandhan 2025/ऐसे में यह रक्षाबंधन ब्रह्मा और विष्णु की साक्षी में मनाया जाएगा, जो इसे आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत विशेष बनाता है।
रक्षाबंधन के एक दिन पूर्व यानी 8 अगस्त को दोपहर 2:13 से रात 1:49 तक भद्राकाल रहेगा, लेकिन 9 अगस्त को यह समाप्त हो चुका होगा। ऐसे में रक्षाबंधन के दिन किसी भी समय राखी बांधी जा सकती है।
यह खासकर उन बहनों के लिए राहत की बात है जो दूर-दराज से अपने भाइयों के पास आती हैं। अब उन्हें समय की चिंता किए बिना दिनभर रक्षा सूत्र बांधने का अवसर मिलेगा।
इस वर्ष का रक्षाबंधन धार्मिक, ज्योतिषीय और पारिवारिक सभी दृष्टियों से अत्यंत शुभ और मंगलकारी रहने वाला है।