ChhattisgarhBusinessJob/VacancyLifestyleReligion

कलेक्टर.एसपी के खिलाफ प्रेसवार्ता…नायब तहसीलदार ने बताया..कलेक्टर की मौन स्वीकृति…पुलिस से नही मिला सहयोग

जिला प्रशासन और पुलिस पर आरोपी को बचाने का लगाया आरोप...

बिलासपुर— करीब एक महीना पहले नायब तहसीलदार और सरकन्डा पुलिस के बीच वाद विवाद और झड़प का मामला नए स्वरूप में सामने आया है। प्रेसवार्ता कर पीड़ित नायब तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।  साथ ही प्रशासन पर भी आक्रोश जाहिर किया है। उन्होने बताया कि पुलिस कप्तान ने तीन दिन के अन्दर कार्रवाई का वादा किया था। झूठे एफआईआर को  निरस्त करने का आश्वासन दिया था। लेकिन आज तक मारपीट के लिए जिम्मेदार तत्कालीन थानेदार तोपसिंह नवरंग के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। जिला प्रशासन से भी सहयोग नहीं मिल रहा है। पुष्पराज ने सवाल जवाब के दौरान बताया कि कलेक्टर की मौन स्वीकृत पर ही प्रेसवार्ता कर रहा हूं।
        जानकारी देते देते चलें कि 17 नवम्बर की रात्रि करपावंड़ नायब तहसीलदार और तत्कालीन सरकंडा थानेदार समेत थाना स्टाफ के बीच वाद विवाद का मामला सामने आया। नायब तहसीलदार ने दूसरे दिन मीडिया समेत प्रशासन को बताया कि तोपसिंह और थाना स्टाफ ने उसके साथ अभद्र व्यवहार किया है। वह जगदलपुर से अपने घर भाई और पिता के साथ घर लौट रहा था। इसी दौरान अशोक नगर के पास पुलिस स्टाफ ने उन्हैं घेर लिया। थाना लाने के बाद भाई और उसके साथ अभद्र व्यवहार किया। गाली गलौच भी किया। घटना का वीडियो और आडिया उसके पास है।
न्यायालय आदेश का उल्लंघन
पुष्पराज ने बताया कि मुझे एक दिन पहले 30 दिसम्बर को विभागीय जाँच के लिए बुलाया गया था। कथन के दौरान पुलिस की तरफ से बताया कि सरकंडा थाना से मिले CCTV फुटेज में ऑडियो नहीं है। विडियो के आधार पर जांच कार्रवाई किया जा रहा है। नायब तहसीलदार ने पत्रकारों को बताया कि उच्चत्तम न्यायालय का शासन को स्पष्ट निर्देश है कि थाना में सीसीटीवी फुटेज का वीडियों के साथ आडियो जरूरी है। फुटेज और आडियो को कम से कम 18 महीने तक सुरक्षित रखना अनिवार्य है।लेकिन पुलिस का कहना है कि वीडियो के अलावा उनके पास कोई रिकार्ड नहीं है।
        पुष्पराज मिश्रा ने पुलिस और प्रसासन पर तत्कालीन सरकन्डा थानेदार तोप सिंह नवरंग को बचाने का आरोप लगाया। साथ ही पुलिस और जिला प्रशासन पर उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किए जाने की  बात कही है। उन्होने कहा कि एक महीना बीत जाने के बाद भी पुलिस ने सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के के तहत CCTV फुटेज नहीं दिया है।
 एसपी ने बोला झूठ
 सवाल जवाब के दौरान नायब तहसीलदार ने जानकारी दिया कि 22 नवम्बर को कलेक्टर की अध्यक्षता में नगर निगम आयुक्त, पुलिस कप्तान की उपस्थिति में तोपसिंह नवरंग ने अपनी गलती  कबूल किया था। पुलिस कप्तान ने भी स्टाफ की गलती के लिए खेद जाहिर किया था। उन्होने तीन दिन के भीतर झूठे एफआईआर. को ख़त्म करने का आश्वासन दिया। लेकिन आज एफईआर खत्म नहीं किया गया है। मुझे आगे भी परीक्षा की तैयारी करनी है। एफआईआर के साथ परीक्षा देना संभव नहीं है।
पुलिस पर लगाया गंभीर आरोप
 पुष्पराज ने कहा पुलिस जांच सहयोग नहीं करने का आरोप बेबुनियाद है। पुलिस जांच में मुलाहिजा कराने में सहयोग नहीं किए जाने का आरोप बेबुूनियाद है। पुलिस ने इसके अलावा जांच में उस पर झूठे आरोप लगाये हैं। जबकि थाना बुलाकर पुलिस ने उसके मारपीट किया है। इसे आरटीआई से प्राप्त CCTV में देखा जा सकता है। मारपीट की घटना के दौरान उसके साथ गाली गलौच हुआ है। जबकि फुटेज में हम  हाथ जोड़े खड़े हैं। थाने में कलेक्टर, एसडीएम के लिए तोपसिंह और सीएसपी ने अभद्र शब्द कहे हैं। बावजूद इसके तोपसिंह नवरंग को बचाया जा रहा है। जांच की कार्रवाई भी निष्पक्ष नहीं है।
कलेक्टर की सहमति
एक सवाल पर पुष्पराज ने कहा कि हमे प्रेसवार्ता के लिए कलेक्टर से मौन स्वीकृति मिली है। ज्ञापन देते समय हमने प्रेसवार्ता के बारे में कलेक्टर से बताया है। हमारी मांग है कि झूठा एफआईआर खत्म कर थानेदार तोपसिंह और अन्य दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। प्रेसवार्ता के दौरान पुष्पराज और कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ के पदाधिकारी मौजूद थे।
खनिज विभाग टीम की लगातार दूसरे दिन कार्रवाई....चूना पत्थर समेत हाइव ट्रैक्टर बरामद...गाड़ियां थानों के हवाले
Back to top button
CG News | Chhattisgarh News Latest Hindi| Breaking News| India News
close