
अब ‘कर्मयोगी पोर्टल’ पर दर्ज होगी शिक्षकों और कर्मचारियों की पूरी कुंडली, डीपीआई ने जारी किया 26 दिसंबर तक का अल्टीमेटम
रायपुर। छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने अपने कामकाज को पारदर्शी और हाईटेक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) ने प्रदेश भर के शिक्षकों और कर्मचारियों का डेटा ‘कर्मयोगी पोर्टल’ पर अपलोड करने के सख्त निर्देश जारी कर दिए हैं।
डीपीआई ने सभी संभागीय संयुक्त संचालकों को पत्र लिखकर तत्काल प्रभाव से ऑनबोर्डिंग की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है। विभाग ने डेटा कलेक्शन और अपलोडिंग के लिए 26 दिसंबर 2025 तक की समय सीमा निर्धारित की है, जिसके चलते शिक्षा विभाग के दफ्तरों में हलचल तेज हो गई है।
डीपीआई द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, यह प्रक्रिया केवल शिक्षकों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि प्रथम श्रेणी के अधिकारियों से लेकर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों तक सभी को इस पोर्टल पर रजिस्टर किया जाएगा।
विभाग का उद्देश्य कार्मिकों का पंजीयन, प्रशिक्षण नामांकन, मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग कार्य को सुचारु रूप से संचालित करना है। इसके लिए एक्सेल फॉर्मेट में कर्मचारियों का पूरा नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, पदनाम, जेंडर (पुरुष/महिला), एम्प्लॉयी आईडी, ऑफिस पिन कोड और ग्रुप (श्रेणी A, B, C, D) जैसी जानकारियां मांगी गई हैं। बी.एड. कॉलेज, डाइट और बीटीआई का डेटा एससीईआरटी द्वारा अलग से इकट्ठा किया जाएगा।
समय सीमा को लेकर विभाग ने स्पष्ट रूपरेखा तैयार की है। विकासखंड स्तर पर सभी ड्राइंग एंड डिसबर्सिंग ऑफिसर्स (DDO) को 24 दिसंबर 2025 तक अनिवार्य रूप से डेटा विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) को उपलब्ध कराना होगा।
यदि डीडीओ के पास डेटा उपलब्ध नहीं है, तो उन्हें ई-कोष के कार्मिक संपदा पोर्टल से जानकारी निकालनी होगी। इसके बाद, बीईओ द्वारा संकलित डेटा जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को भेजा जाएगा। अंततः जिला शिक्षा अधिकारी पूरे जिले के डेटा की प्राथमिक जांच कर 26 दिसंबर 2025 तक राज्य नोडल अधिकारी को शासकीय ईमेल आईडी पर भेजेंगे।
इस पूरी कवायद में डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता पर विभाग ने विशेष जोर दिया है। अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि कर्मचारियों का डेटा किसी भी स्थिति में व्हाट्सएप ग्रुप या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर नहीं किया जाएगा।
डेटा की संवेदनशीलता को देखते हुए इसे केवल व्यक्ति-से-व्यक्ति (Person to Person) या सुरक्षित ई-मेल के माध्यम से ही स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं। नोडल अधिकारियों को पोर्टल पर एक्टिव होने के तुरंत बाद प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके बाद उन्हें बिना देरी किए ऑनबोर्डिंग का कार्य पूरा करना होगा।






