Northeast Floods:दिल्ली: इस वर्ष मॉनसून ने देश में समय से पहले ही अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है, और आते ही इसने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। केरल से लेकर महाराष्ट्र तक के शहरों में झमाझम बारिश की खबरें आ रही हैं, वहीं पूर्वोत्तर भारत प्री-मॉनसून बारिश की विनाशलीला झेल रहा है।
Northeast Floods: यहां कई राज्यों में भीषण बाढ़ और दिल दहला देने वाले भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है, जिसके चलते असम से लेकर मणिपुर तक कम से कम 28 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कई इलाकों के लिए हाई अलर्ट जारी किया है।
पूर्वोत्तर में ‘आसमानी आफत’, IMD की चेतावनी:
शुक्रवार को हुई मूसलाधार बारिश और पड़ोसी देश बांग्लादेश में बने कम दबाव के क्षेत्र के चलते IMD ने पूर्वोत्तर के लगभग सभी राज्यों के लिए गंभीर चेतावनी जारी की है।
अरुणाचल प्रदेश में मातम: शुक्रवार रात को अरुणाचल प्रदेश में नेशनल हाईवे 13 पर हुए एक भीषण भूस्खलन ने सात जिंदगियों को लील लिया। वहीं, लोअर सुबनसिरी जिले में भूस्खलन से जुड़ी एक अन्य दर्दनाक घटना में दो और लोगों की मौत हो गई। दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्र के विधायक मामा नटुंग ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “इस कठिन समय में मेरी हार्दिक संवेदनाएँ शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं सभी से अनुरोध करता हूँ कि वे सतर्क रहें और मानसून के इस खतरनाक मौसम में विशेषकर रात में यात्रा करने से बचें।”
असम में बाढ़ का कहर, गुवाहाटी बेहाल: असम में भी बारिश और बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई है। गुवाहाटी शहर बाढ़ की चपेट में है और बाहरी इलाके बोंडा में हुए भूस्खलन में पांच लोगों की मौत हो गई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गुवाहाटी और कामरूप जिले में शनिवार को स्कूल और कॉलेज बंद रखने पड़े। राज्य सरकार ने अपने उन कर्मचारियों के लिए विशेष आकस्मिक अवकाश की भी घोषणा की जो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं। शनिवार को बाढ़ से राज्य के कुल 12 जिले बुरी तरह प्रभावित हुए और गोलाघाट तथा लखीमपुर जिलों में बाढ़ संबंधी घटनाओं में तीन और लोगों की जान चली गई।
मिजोरम और मेघालय में भी मौत का तांडव: शनिवार दोपहर तक मिजोरम राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) ने राज्य भर में 113 स्थानों पर भूस्खलन की सूचना दी, जिसके चलते पांच लोगों की मौत हो गई। वहीं, मेघालय SDRF ने भी पिछले दो दिनों में राज्य में छह लोगों की मौत की पुष्टि की है, जो बारिश और भूस्खलन की भेंट चढ़ गए।
मणिपुर में इंफाल नदी ने बरपाया कहर: मणिपुर में इंफाल नदी के तटों में कई जगहों पर टूट की खबरें आईं, जिसके चलते इंफाल पूर्वी जिले का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया। सेनापति, उखरुल, तामेंगलोंग, नोनी और फेरज़ावल जैसे पहाड़ी जिलों में भी अचानक बाढ़ और भूस्खलन की भयावह खबरें सामने आई हैं।
SDRF की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। जानकारी के अनुसार, अब तक 277 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और उन्हें राहत शिविरों में भेज दिया गया है। अन्य प्रभावित लोगों तक भी राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी पूर्वोत्तर के कई राज्यों में भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी जारी की है। यह स्थिति न केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। समय से पहले आए इस ‘जल प्रलय’ ने मॉनसून की तैयारियों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सभी से अपील है कि वे मौसम विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें और सुरक्षित रहें।
